Sunday, 27 February 2022

नाथद्वारा टेम्पल बोर्ड मे 63 वर्षों मे क्या हुआ ? कैसे हुआ ? क्या होना चाहिए ? (१)संविधान की प्रस्तावना के अनुसार भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है, उसके अनुसार सरकार का धर्म (श्रीनाथजी मन्दिर) मे हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए ! किन्तु हकीकत मे 63 वर्षों से सरकार ही बोर्ड मेम्बर्स का चयन करती है और कार्य संचालन मुख्य निष्पादन अधिकारी (RAS) द्वारा किया जाता है और बोर्ड मे कलेक्टर (IAS) को स्थाई सदस्य बना रखा है जो गलत व संविधान के विरुद्ध है ! (२)उक्त 63 वर्षों मे सरकारी हस्तक्षेप व कुछ अयोग्य बोर्ड मेम्बर्स के कारण श्रीनाथजी की हजारों बीघा जमीन हाथ से निकल गई है ! जिसके लिए "सरकार (RAS & IAS) व कुछ बोर्ड मेम्बर्स" ही जिम्मेदार है ! (३)इन 63 वर्षों मे श्रीनाथजी की सम्पत्तियों (जमीन व धन) का नुकसान व दुरुपयोग हुआ है, तो भी कुछ बोर्ड मेम्बर्स चुप रहे व अन्याय को होते हुए देखते रहे, इसलिए वह भी श्रीनाथजी मन्दिर के प्रति दोषी /अपराधी है ! (४)अब पहली बार स्थानीय बोर्ड मेम्बर 3 वर्ष के लिए बनने से कुछ अच्छा होने की आशा जगी है ! मदन लाल पालीवाल को चाहिए कि नाथद्वारा नगरपालिका ने मन्दिर की जो जमीन हड़पी ली है, उस सभी जमीनों को वापस मन्दिर को दिलाये ! (लावटी पेट्रोल पम्प, नाथूवास की एक बीघा दो बिस्वा, लालबाग बस स्टैण्ड की 45000 वर्गफिट व बड़ा मगरे की करीब 50 - 60 बीघा जमीन) सीए. दिनेश सनाढ्य - एक बृजवासी (59) #27/02/22 #dineshapna






 

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