Chartered Accountant,Social Activist,Political Analysist-AAP,Spritual Thinker,Founder of Life Management, From India, Since 1987.
Sunday 7 May 2023
★श्रीनाथजी के "सेवक" बन बैठे मनमर्जी से "मालिक" !★ ★श्रीनाथजी के "सखा" को बना दिया "बंधुआ मजदूर" !★ (१)श्रीनाथजी ने "स्वप्न आज्ञा" सन् 1506 मे की, उसी से श्रीवल्लभाचार्य जी को श्रीनाथजी के सेवक (मुख्य पुजारी) बने ! किन्तु उनके वंशज सेवक से स्वघोषित मठाधीश बन गये तो भी श्रीनाथजी की सम्पत्तियों व श्रीवल्लभाचार्य जी द्वारा बनाई गई परम्पराओं को बचाने मे असमर्थ रह रहे है ! (२)उसके बाद मठाधीश ने श्रीनाथजी की आज्ञा के विरुद्ध "सेवक के स्थान पर स्वामी" बनकर कार्य किये, जिस कारण से सरकार ने हस्तक्षेप करके सन् 1959 मे नाथद्वारा मन्दिर मण्डल का गठन करके अधिकारीयों को नियुक्त किया ! किन्तु अधिकारी भी श्रीनाथजी की सम्पत्तियों को बचाने मे असमर्थ रह रहे है ! (३)श्रीनाथजी ने "साक्षात् आज्ञा" सन् 1478 मे की, उसी से श्रीसद्दू पाण्डे जी व बृजवासियों को सन्मुख व अन्य सेवा करने का अधिकार दिया ! किन्तु श्रीवल्लभाचार्य जी के वंशजों ने बृजवासियों को "सखा से बन्धुआ मजदूर" बना दिया ! जिस कारण से बृजवासी श्रीनाथजी की सम्पत्तियों / परम्पराओं को लूटते / टूटते देखने को बेबस है ! (४)बृजवासियों को केवल 2100/- रु. , डेढ़ मन गेहूँ व खाने का अन्य सामान ही दिया जा रहा है जो सरकार की न्यूनतम मजदूरी से भी कम है ! यदि बृजवासी अपनी आवाज या सच बोलने का प्रयास करें तो उक्त मजदूरी भी बन्द होने का डर बना रहता है ! (५)जिम्मेदार व्यक्ति जवाब दे या बृजवासियों को भौतिक निरिक्षण / सामाजिक अंकेक्षण करने की अनुमति देकर सहयोग करें ! सीए. दिनेश सनाढ्य - एक बृजवासी #(11) #07/05/23 #dineshapna
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