Sunday, 19 May 2024

★ संत भूरी बाई स्मृति भजन संध्या ★ ★ अपना ट्रस्ट व श्रीहरि साहित्य सेवा संस्थान द्वारा "प्रेम" का सन्देश ★ गृहस्थ मे रहते हुए संत जैसा जीवन जी कर सभी को प्रेरणा दे वह संत से भी महान है, ऐसे संत हुए है भूरी बाई, जिनका काफी समय नाथद्वारा मे व्यतीत हुआ । आज वहाँ आश्रम है जिसे अलख आश्रम के नाम से जानते है । हम एक सद्गुण को 100% अपनाते है तो अन्य सभी सद्गुण व्यक्ति मे अपने आप आ जाते है । तो मैने भी "प्रेम" शब्द को जीवन मे आत्मसात किया है जिसके फलस्वरूप श्रीनाथजी से प्रेम किया तथा चार मई को नाथद्वारा मे श्रीनाथजी का प्राकट्य महोत्सव मनाया जो 352 वर्ष मे पहली बार नाथद्वारा मे मनाया गया । यह विचार सीए. दिनेश सनाढ्य ने संत भूरी बाई स्मृति भजन संध्या कार्यक्रम मे व्यक्त किये । वीणा वैष्णव ने सांसे पिंजरे में बची बहुत कम सरस्वती वंदना से भजन संध्या कार्यक्रम की शुरुआत की । श्रीमती सुषमा राठौड़ ने गुरुजी म्हाने आछा आप रिझाया ...... मोहनलाल गुर्जर ने जरा देर ठहरों राम तमन्ना यही है...... चन्द्र शेखर नारलाई ने गोपियन को दही लुटने चला नंद गांव को ठाकुर ........ रविनंदन चारण ने कर कर वृछा धंध वजारो.... व चुप साधन, चुप साध्य, चुप मे चुप समायो.... वीणा वेष्णव वृंदावन में हुकूम चलें बरसाने वाली का, मेरा श्याम दीवाना है राधा रानी का....... श्रीहरि साहित्य सेवा संस्थान के अध्यक्ष रविनंदन चारण व अपना ट्रस्ट के अध्यक्ष सीए. दिनेश सनाढ्य के द्वारा श्रीमती सुषमा राठौड़ का सम्मान किया गया । 17/05/2024 संचालन रविनंदन चारण ने किया । सीए. दिनेश सनाढ्य - एक बृजवासी #(168) #19/05/24 #dineshapna












 

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