Sunday, 31 May 2020

★हिन्दू धर्म सर्वश्रेष्ठ★ हम "सर्वधर्म समभाव" रखें! परन्तु अपने "हिन्दू धर्म" को "सर्वधर्म सर्वश्रेष्ठ" जाने , समझे व अन्य को बताये ! #dineshapna #हिन्दू ●●●●●●●●●●●●●●●●●● ★मूलधर्म शाश्वत अधिकार★ आव्हान! हिन्दू थे,हिन्दू बने ! #हिन्दू जो कुछ सौ वर्षों पूर्व #मुसलमान बन गये, पुनः हिन्दू बने ! क्योंकि #हिन्दू_धर्म शाश्वत है तो हमारा "मूल धर्म" पुनः लेना हमारा "शाश्वत अधिकार" है ! ●●●●●●●●●●●●●●●●●● ★सभी धर्म समभाव★ सभी धर्म #"सर्वधर्म समभाव" रखें ! अतः सबसे पहले जिस धर्म ने "बल व छल" व जिस धर्म ने "धन व झूठ" से हिन्दुओं को अपने धर्म मे शामिल किया ! वह हमारे हिन्दू भाईयों को लौटाये ! ●●●●●●●●●●●●●●●●●● ★श्रीकृष्ण को अपनाये★ #सनातन_धर्म को १००% समझे,आत्मसात करें, फिर बोले ! #श्रीकृष्ण को ही वर्तमान मे अपनाना जरूरी ! 【कुछ #कथाकार,#संत, #धर्मज्ञानी,#बुद्वीजीवी #राजनीतिज्ञ】 ●●●●●●●●●●●●●●●●●● CA. Dinesh Sanadhya - 31/05/2020 www.dineshapna.blogspot.com






★★श्रीनाथजी व बृजवासियों के ★★ ◆बृज मे 97 वर्ष V/S नाथद्वारा मे 98 दिन◆ ●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●● ◆श्रीनाथजी के प्राकृट्य सन् 1409 से 1506 तक (97 वर्ष) "केवल बृजवासियों ने" ही श्रीजी सेवा व भोग का कार्य किया ! इस बात को श्रीवल्लभाचार्य जी ने अच्छी तरह समझा व बृजवासियों को पूर्ण सम्मान दिया ! यह काम श्रीवल्लभाचार्य जी व उनके वंशजों ने सेवा व त्याग से किया , जो पुष्टि मार्ग के प्रचार प्रसार व 84 बैठकों से स्पष्ट है ! इस समय तक बृजवासियों को श्रीनाथजी के सखा के रुप मे सम्मान दिया जाता था, तथा बृजवासी भी अपना पूरा जीवन व जरूरत पडने पर अपने प्राण तक भी दिये थे ! इस प्रकार बृजवासियों के प्रथम शुरुआत के 97 वर्षों को भुलाया नहीं जा सकता है ! बृजवासियों का श्रीनाथजी के प्रति "सखा व सेवा भाव" समान रुप से 611 वर्षों से अनवरत चल रहा है ! ◆611 वर्ष बाद समय दोहराया ....... ◆श्रीनाथजी मे लाँकडाऊन 25/03 से 30/06 तक (98 दिन) "केवल बृजवासियों ने" ही श्रीजी सेवा व भोग का कार्य किया ! पुनः केवल बृजवासियों ने ही लाँकडाऊन समय मे श्रीनाथजी की सेवा कर पुराने 97 वर्षों की यादें ताजा कर दी जब भी केवल बृजवासियों ने ही सेवा की ! किन्तु इस बीच श्रीवल्लभाचार्य जी के वंशजों व उन्होंने जिन्हें "सेवा का अधिकार हस्तान्तरण" किया जिसमें "सेवा भाव" के स्थान पर "स्वामित्व भाव" आने से बृजवासियों की उपेक्षा शुरू कर दी ! इसके अलावा श्रीवल्लभाचार्य जी के वंशजों मे "स्वामित्व भाव से भी आगे अति "स्वार्थ भाव" जगने के कारण 1959 मे (61 वर्ष पूर्व) नाथद्वारा मन्दिर मण्डल का गठन करना पडा ! इससे भी समस्या कम होने के स्थान पर बढ गई, क्योंकि इस कारण स्वघोषित वैष्णव (बोर्ड मेम्बर्स) व अधिकारी भी अपना हस्तक्षेप करना शुरू कर दिया ! इस कारण श्रीनाथजी के मूल सखा बृजवासियों की और उपेक्षा होने लगी है ! किन्तु इस लाँकडाऊन ने बृजवासियों को श्रीनाथजी के पुनः निकट ला दिया है ! और अब कानून भी यह मानता है कि श्रीनाथजी के सखा व सेवा का प्रथम व महत्वपूर्ण अधिकार केवल बृजवासियों का ही है ! ★सत्यमेव जयते !★ ■ जब शुरू के (97 वर्ष) व अभी के (98 दिन) मे "श्रीनाथजी व बृजवासियों" के बीच #अन्य व्यक्ति# नहीं थे व है, ■ तो वर्तमान मे #अन्य व्यक्ति# का अवांछित हस्तक्षेप क्यों ? CA. Dinesh Sanadhya - 30/05/2020 www.dineshapna.blogspot.com








Saturday, 30 May 2020

★#हिन्दू_धर्म सर्वश्रेष्ठ क्यों है ?★ ◆★◆एक मार्ग v/s अनेक मार्ग◆★◆ दुनिया के सभी धर्म "एकमार्गी" हैं, लेकिन हिन्दू धर्म एकमात्र ऐसा धर्म है जिसने ●सत्य तक, ●खुद तक, ●मोक्ष तक या ●ईश्वर तक पहुंचने के लिए "अनेक तरह के मार्गों" का निर्माण किया। उसने राजपथ के अलावा कई तरह की छोटी-छोटी पगडंडियां भी बनाई, जिस पर चलकर मनुष्य सत्य तक पहुंच सकता है। व्यक्ति जिस मार्ग पर चलकर खुद को कंफर्ट महसूस करता है, उसे उस मार्ग पर चलना चाहिए। इसी तरह हिन्दू धर्मग्रंथों में ध्यान की लगभग 450 से अधिक विधियां बताई गई है। ●भक्ति मार्ग, ●कर्म मार्ग, ●सांख्य मार्ग, ●योग मार्ग, ●मूर्ति पूजा का मार्ग, ●एकेश्वरवादी मार्ग, ●सर्वेश्वरवादी मार्ग, ●देववादी, ●देवीवादी मार्ग, ●निराकार की प्रार्थना का मार्ग, ●ध्यान मार्ग, ●योग मार्ग आदि ●सैंकड़ों तरह के आध्यात्मिक मार्गों के अलावा उसने बताया कि कोल, तंत्र, आयुर्वेद, ज्योतिष और नास्तिकता भी एक मार्ग हो सकता है। यही हिंदू धर्म की खूबी है कि वह ●नास्तिकता को भी आध्या‍त्म की राह की प्रथम सीढ़ी मानता है। लेकिन हिंदू धर्म उक्त सभी मार्गों में गीता में बताए गए मार्ग को ही प्राथमिकता देता है। ●गीता का मार्ग ही ●वेद का मार्ग है। CA. Dinesh Sanadhya "apna" www.dineshapna.blogspot.com ◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆. "तुर्की-सीरिया" सीमा पर (इराक से भी आगे) "टाइग्रिस नदी" में खुदाई के दौरान मिली #भगवान_नरसिंह की 3000 साल पुरानी मूर्ति ...! कहाँ तक भागोगे बे? जहाँ भी जाओगे, हमें ही पाओगे क्योंकि ये पूरा #ब्रह्मांड ही #श्रीराम और #सनातनियो का है! #सनातन_सर्वश्रेष्ठ_है #जय_श्रीराम #जयश्रीकृष्ण 🙏🙏🙏