★ सत्य एक अलग दृष्टिकोण से ! ★ ★ भक्ति और आचरण ★ मर्यादा के दीप से जीवन को सजाएँ, राम के धनुष की दृढ़ता से सदा राह पाएँ। करुणा की धारा कठोरता में बहे, सत्य के पथ पर ही सच्ची पूजा रहे। कृष्ण की बांसुरी मधुर राग सुनाए, पर सुदर्शन चक्र से अधर्म मिटाए। माधुर्य और पराक्रम का अनुपम संगम, धर्म रक्षा हेतु करें हर एक कदम। भगवान की पूजा केवल मंदिरों में न हो, उनके आचरण का संकल्प जीवन में हो। स्मरण ही नहीं, अनुसरण भी करें, तभी भक्ति के सागर को गहराई भरें। गुणगान के संग कर्तव्य को निभाएँ, भक्ति और धर्म का संगम जगाएँ। राम, कृष्ण और ईश्वर का यही संदेश, जीवन बने धर्ममय, उज्ज्वल और विशेष। सीए दिनेश चन्द्र सनाढ्य #एक हिन्दुस्तानी (37) #07/09/25 #dineshapna
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★★ सत्य व तथ्य ★★ ◆अतिक्रमण और उसका अंत◆ सड़क, नाले, तालाब और चौक, हर जगह फैला अतिक्रमण का शोक। सरकारी ज़मीन, गौचर और पार्क, लोगों ने घेर लिये, बना डाला झोंपड़-झोंपार्क। दुकानदार, व्यापारी, घर बनाने वाले, राजनीतिक संरक्षण से ताकत दिखाने वाले। धार्मिक मंच, बोर्ड और विज्ञापन, हर मोड़ पर दिखते हैं कब्ज़े के प्रावधान। क्यों होता है? – जनसंख्या का दबाव, योजनाओं की कमी, प्रशासनिक ठहराव। लोभ और लालच का है इसमें रंग, कानून की ढील से बढ़ा इसका ढंग। पर क्या नुकसान – सड़कें हों जाम, जलभराव से डूबे शहर और ग्राम। सुरक्षा घटे, दुर्घटनाएँ बढ़ें, सार्वजनिक हक़ में अन्याय चढ़े। फिर उपाय है – क़ानून का बल, धारा 91 राजस्व अधिनियम का पल। CrPC 133 का आदेश कठोर, अवैध ढाँचे गिरें, हटे हर ठौर। नोटिस, पंचनामा, आदेश स्पष्ट, अतिक्रमण हटे तो शासन सशक्त। जन-जागरूकता, सीमांकन का काम, तभी बनेगा अतिक्रमण-मुक्त भारत महान। सीए दिनेश चन्द्र सनाढ्य #एक हिन्दुस्तानी (36) #06/09/25 #dineshapna
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★★ सत्य व तथ्य ★★ ● शिक्षक दिवस ● (१) शिक्षक ज्ञान के दीप हैं, भविष्य करे निर्माण। संस्कारों से सिंच सके, जीवन में सम्मान॥ (२) पढ़ना ही न सिखाएँ वो, जीने की भी राह। सत्य, धर्म, परिश्रम जहाँ, बनता ऊँचा चाह॥ (३) शिक्षा संग जब ज्ञान हो, पढ़ाई से ज्ञानी। विवेक, न्याय, सत्य से, बढ़े प्रतिष्ठा प्राणी॥ (४) गुरु का मान जहाँ घटे, समाज वहीं दुर्बल। राष्ट्र वहाँ निर्बल बने, संकट घेरे हर पल॥ (५) विद्यालय जब गुरुकुल, शिक्षक बनें गुरु सत्य। भारत फिर विश्वगुरु हो, जग में चमके ज्योति॥ सीए दिनेश चन्द्र सनाढ्य #एक हिन्दुस्तानी (35) #05/09/25 #dineshapna
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★★ सत्य व तथ्य ★★ "मिलावट पर न्याय की पुकार" हे न्यायालय! आमजन की व्यथा सुनिए, धन का नुकसान, धर्म का अपमान, और सबसे बड़ा, जीवन का अवसान— यह सब मिलावट की भेंट चढ़ रहा है। हे सरकार! आपकी जिम्मेदारी है यह सुनिश्चित करना, कि हर नागरिक को शुद्ध वस्तु मिले, न कि ज़हर घुला अन्न, दूध और दवा। मिलावटखोरों के पास न कानून का डर है, न शासन का खौफ़। वे खुलेआम खेल रहे हैं जनता की सेहत और जीवन से। हम निवेदन करते हैं— मिलावट पर बने सख़्त कानून, निर्णय एक माह के भीतर हो, और प्रशासन ठोस कदम उठाए। हमारी याचना है— आमजन को मिले गारंटी, शुद्ध वस्तु की, न्यायपूर्ण जीवन की। हे मान्यवर! जब तक मिलावट पर प्रहार नहीं होगा, तब तक जन-विश्वास टूटा रहेगा। हम चाहते हैं न्याय, हम चाहते हैं शुद्धता, हम चाहते हैं जीवन की सुरक्षा। सीए दिनेश चन्द्र सनाढ्य #एक हिन्दुस्तानी (34) #04/09/25 #dineshapna
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★★ सत्य व तथ्य ★★ ★ आत्मनिर्भर भारत ★ नेहरू ने सपनों का महल बनाया, पर आयात पर ही देश को झुकाया। उद्योग खड़े हुए, पर हाथ बंधे रहे, लाइसेंस-परमिट में सब फँसे रहे। शास्त्री ने "जय जवान, जय किसान" का नारा दिया, कठिन हालातों में साहस का सितारा दिया। पर फिर भी आत्मनिर्भरता का स्वर दबा रहा, विदेशी मदद पर ही भारत टिका रहा। इंदिरा के काल में बैंकों का राष्ट्रीयकरण हुआ, गरीबी हटाओ का उद्घोष हर गली में हुआ। पर आयात-निर्यात संतुलन डगमगाता रहा, आत्मनिर्भर भारत का सपना अधूरा सा रहा। राजीव ने कंप्यूटर युग की नींव सजाई, पर आयातित तकनीक की राह अपनाई। गाँव-गाँव तक पहुँच न सका वो प्रकाश, स्वदेशी आत्मनिर्भरता का न हो सका विकास। मनमोहन के सुधारों से अर्थव्यवस्था खुली, पर आयात पर निर्भरता और गहराई घुली। विदेशी निवेश ने गति तो दी सही, पर आत्मनिर्भरता की जड़ें कमजोर रही। ◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆ ★ आत्मनिर्भर भारत ★ स्वदेशी की लौ जलाई मोदी ने, जन-जन में शक्ति जगाई मोदी ने। आओ बनें हम खुद के सहायक, भारत को दें आत्मनिर्भर आयाम अनोखे। "वोकल फॉर लोकल" का नारा है, हर दिल में नया उजियारा है। मिट्टी की खुशबू, गाँव की शान, अब बनेगी दुनिया में पहचान। किसान, जवान और व्यापारी, सबकी मेहनत है सबसे न्यारी। संगठन, संस्कार और संस्कृती, यही है भारत की असली शक्ति। मोदी जी का संदेश यही, देशवासियों का संकल्प यही। अपने बल पर आगे बढ़ें, भारत को विश्वगुरु फिर गढ़ें। आओ मिलकर शपथ उठाएँ, आत्मनिर्भर भारत का सपना सजाएँ। हर भारतवासी बने प्रहरी, यही है सशक्त, स्वावलंबी डगर हमारी। ◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆ ★ आत्मनिर्भर भारत की हकीकत ★ आज मोदी के "आत्मनिर्भर भारत" ने दिया संदेश, "लोकल से वोकल" बनो, यही है विशेष। मेक इन इंडिया से उद्योग जगाए, स्वदेशी सम्मान का दीप जलाए। अब लक्ष्य है खुद पर विश्वास जगाना, विदेशी बेड़ियों से मुक्त हो जाना। आत्मनिर्भर भारत की यही पुकार, भारत बने विश्वगुरु, जग में अपार। सीए दिनेश चन्द्र सनाढ्य #एक हिन्दुस्तानी (33) #01/09/25 #dineshapna
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★ *श्रीगणेश चतुर्थी की शुभकामनाएँ !* ★ ■ श्रीगणेश जी की पूजा करें, ध्यान करें, पाठ करें, दर्शन करे, सुख शान्ति की प्रार्थना करें, आशिर्वाद ले, साथ मे *उनके कर्म, सन्देश व दर्शन को आत्मसात जरूर करे !* ■ गणेश जी के दो हाथों मे *अभयमुद्रा*, व *मोदक*, से शान्ति, तो शेष दो हाथों मे *खड्ग / तलवार* व *पाश (फंदा / रस्सी)* से अशांति पैदा करने वालों का नाश करके शान्ति कायम करने का सन्देश है, अतः उसको आत्मसात जरूर करें ! ■ भगवान श्रीगणेश जी को सामान्यतः चार भुजाओं मन निम्न प्रतीक / आयुध दिखाई देते हैं – 1. *निचला दायाँ हाथ* – अभयमुद्रा (सुरक्षा व आशीर्वाद प्रदान करने की मुद्रा) 2. *निचला बायाँ हाथ* – मोदक (ज्ञान, आनंद और प्रसन्नता का प्रतीक) 3. *ऊपरी दायाँ हाथ* – खड्ग / तलवार (अज्ञान और अन्याय का नाश करने का प्रतीक) 4. *ऊपरी बायाँ हाथ* – पाश (फंदा / रस्सी) (माया और आसक्ति को बाँधने व नियंत्रण करने का प्रतीक) ■ *श्रीगणेश जी को आत्मसात करके* अपने जीवन मे सुख, शान्ति व आनंद की प्राप्ति करें ! सीए दिनेश चन्द्र सनाढ्य #एक हिन्दुस्तानी (32) #27/08/25 #dineshapna
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★ *AI Innovation Summit – CIRC 2025, Jaipur* ★ ★ *Invite as a Guest – Chairman, Rajsamand Branch* ★ It is indeed an honour to welcome *Hon’ble Chief Minister of Rajasthan Shri Bhajan Lal Sharma ji* and *Hon’ble Cabinet Minister Colonel Rajyavardhan Singh Rathore ji* (IT, Industry & Commerce, Youth Affairs & Sports) at this historic AI Innovation Summit 2025, hosted by Jaipur Branch of CIRC of ICAI on 22–23 August 2025. ◆ My heartfelt gratitude to our respected Central Council Members *CA Satish Gupta* Sir and *CA Rohit Ruwatia* Sir for their visionary leadership and flawless execution of this landmark event. ◆ Sincere thanks to Jaipur Branch of CIRC of ICAI and CCMs for inviting me as Guest *CA. Dinesh Chandra Sanadhya*, Chairman – Rajsamand Branch of CIRC of ICAI, and for graciously including me *on the banner of AI Innovation Summit 2025*. ◆ Special appreciation to *CA Umesh Sharma* Sir, Chairman – AI in ICAI Committee, and *CA Ankur Gupta* Sir, Chairman – CIRC, for their tireless dedication and efforts in making this initiative a great success. Looking forward to many more progressive, knowledge-driven and futuristic initiatives in the service of the profession and the nation. *CA Dinesh Chandra Sanadhya* Chairman – Rajsamand Branch of CIRC of ICAI (31) #25/08/25 #dineshapna
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