★विकास ऐसा हो, जिससे व्यवधान पैदा न हो ! ★★विकास ऐसा हो, जिसमें धन/जमीन बबार्द न हो ! ★★★विकास ऐसा हो, जिससे आमजन को फायदा हो ! नाथद्वारा मे कुछ विकास कार्य हुए है उसके लिए विकासकर्ता को धन्यवाद ! किन्तु उक्त विकास कार्यों के "ऊपर का तथ्य" व "अन्दर का सत्य" के बीच विरोधाभास क्यों है ? अतः आमजन को यह अधिकार है कि वह विकास कार्यों के "अन्दर का सत्य" जाने ! (८) विकास कार्य "नेताओं की खैरात" व "अधिकारियों की मेहरबानी" पर निर्भर है ! (यह है विकास) :- ◆विकास नेताओं की खैरात :- कोई भी विकास कार्य आम आदमी की जरूरत के लिए नहीं, बल्कि अपने वोट बैंक, अपने खास आदमी के फायदे, अपने कमीशन व उनकी मर्जी के अनुसार होता है ! आम आदमी के हित का तो दिखावा मात्र होता है व इसमें आम आदमी को फायदा केवल 30 % ही होता है ! ◆विकास अधिकारियों की मेहरबानी :- जो विकास कार्य होता है उसका धन 100% आम जनता का होता है किन्तु विकास कार्यो के निर्णय नेताओं द्वारा लिए जाते है तथा उसके क्रियान्वयन मे अधिकारियों की मेहरबानी चलती है ! इसमें भी कमीशन मिलने के बाद ही विकास कार्य होते है ! ◆विकास कार्य के लिए पैसा 100% आम जनता का होता है, किन्तु फायदा केवल 30% ही आम जनता को मिलता है ! क्योंकि 70% भेट चढ़ जाता है - नेताओं का कमीशन, अनावश्यक निर्माण, ठेकेदारों का फायदा, घटीया निर्माण, अधिकारियों का कमीशन व खास आदमी को फायदा आदि ! ◆(#)हकीकत नेता "जनता के प्रतिनिधि" (जनता के वोट से जीतना) के रुप मे कार्य करना चाहिए किन्तु हकीकत मे नेता अपने हित के लिए या अपनी पार्टी के हित के लिए ही कार्य करता है, जो गलत व धोखा देना है ! (#)हकीकत अधिकारी "जनता के नौकर" (जनता के पैसों से वेतन) के रुप मे कार्य करना चाहिए किन्तु हकीकत मे अधिकारी अपने हित के लिए या अपने नेताओं के हित के लिए ही कार्य करता है, जो गलत व दगाबाजी है ! 【अतः यह विकास ●व्यवधान पैदा करने वाला है, ●धन/जमीन बबार्द करने वाला है व ●इससे आमजन को भी कोई फायदा भी नहीं है !】 【आम जनता के हित का विकास कार्य तभी होगा, जब आम जनता को प्रत्येक विकास कार्यों के सामाजिक अंकेक्षण का अधिकार मिले ! 】 सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिन्दुस्तानी #22/12/2021 #dineshapna
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