★नाथद्वारा मे विकास - ऐलिवेटेड़ पुल - एक श्वेत पत्र★ (१)ऐलिवेटेड़ पुल है मौत का पुल नं. १ - इस पर 90 डिग्री मोड़ है जो 100% खतरनाक है ! इसे किसी इंजीनियर ने डिजाइन नहीं किया, यह तो नेताओं की जबर्दस्ती के कारण मजबूरी मे बनाया गया ! (२)ऐलिवेटेड़ पुल है मौत का पुल नं. २ - इसे टू - लेन ब्रिज बनाया गया, जबकि प्रत्येक फोरलेन पर थ्री - लेन ब्रिज ही बनता है ! इसके साथ इस पर करीब 100 स्पीड ब्रेकर बने हुए है, जो खतरनाक है ! ऐसा देश का पहला व अन्तिम ब्रिज होगा जो नेताओं की ज़िद के कारण बनाया गया ! (३)ऐलिवेटेड़ पुल है मौत का पुल नं. ३ - इस पर दो मोड़ देकर व लालबाग से आगे तक लेन्डिग नहीं देने से दुर्घटना वाला बना दिया और आज तक कई दुर्घटना/मौतें भी हो चुकी है ! तब भी विकासकर्ता अपनी गलती मानने को तैयार नहीं है ! (४)ऐलिवेटेड़ पुल है मौत का पुल नं. ४ - इसके नीचे दोनों ओर पेट्रोल पम्प है जो दुर्घटना को और अधिक भयावह बना सकता है, एक बार इसके पास दुर्घटना भी हो चुकी है, जिसे भयानक होने से श्रीनाथजी ने बचा लिया, किन्तु नेताओं ने इसे मौत का पुल बनाने मे कोई कसर नहीं छोड़ी ! (५)नाथद्वारा को मौत के पुल (ऐलिवेटेड़ पुल) से बचाया जा सकता था, इस फोरलेन को नगर के बाहर से (बाईपास) निकाला जा सकता था किन्तु नेताओं द्वारा इस ऐलिवेटेड़ पुल बनाना, ज्यादा धन खर्च करना, जनता के लिए परेशानी/मौत का पुल बनाकर विकास करना आम आदमी की समझ से बाहर है ! क्या यह "विनाशकारी विकास" नहीं है ? सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिन्दुस्तानी (10) #10/01/22 #dineshapna
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