हम समाज की समस्याओं के समाधान व विकास के लिए संगठन को खड़ा करते है ! किन्तु अन्त मे एक बहुत बड़ी गलती कर देते है, जो नहीं होनी चाहिए ! (१)यह अच्छा व सराहनीय प्रयास है, इससे हम सही को सही कहकर, व गलत को गलत कहके, समाज को फायदा दिलाने का प्रयास करते है ! (२)किन्तु हकीकत मे होता है इसके विपरीत ! क्योंकि हम एक सबसे बड़ी गलती करते है कि अच्छे उद्देश्य के साथ संगठन तो खड़ा कर तो देते है किन्तु अन्त मे व मुख्य कमान उन्हीं के हाथ मे दे देते है जो मूल परेशानी की जड़ है ! (३)हमारे समाज के संगठन के नेतृत्वकर्ता समाज को उनके अधिकार दिलाने के लिए संघर्ष करने के स्थान पर समझौते के रास्ते पर आ जाते है ! उदाहरण - हमें आजादी समझौते से मिली है जिसका परिणाम हमारे सामने है ! (४)अभी वहीं गलती वापस करने जा रहे है कि ब्राह्मण को अपना पूर्ण अधिकार दिलाने के स्थान पर हम उन्हें ही कमान सौप रहे है जो हमारे अधिकार छिन रहे है ! उदाहरण - नाथद्वारा श्रीनाथजी मन्दिर व (मठाधीश / नेता / उद्योगपति / अधिकारी) व बृजवासियों के अधिकार ! ★★(ब्राह्मण एकता समग्र रूप से हो !)★★ सीए. दिनेश सनाढ्य - एक बृजवासी (73) #26/03/22 #dineshapna
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