★ भगवान श्रीशंकर जी के द्वारा सर्वप्रथम सुनाई श्रीराम कथा - अध्यात्म रामायण ★ श्रीनाथजी श्रीकृष्ण का स्वरूप है, श्रीकृष्ण व श्रीराम दोनों विष्णु जी का स्वरूप है ! नाथद्वारा मे श्री शिवजी की विशाल मूर्ति के समक्ष श्रीराम कथा का आयोजन किया जा रहा है ! तो आवश्यक है कि अध्यात्म रामायण सुनाई जाये क्योंकि यह ही वो श्री राम की कथा है जो भगवान श्री शंकर जी ने सर्वप्रथम माता पार्वती जी को सुनाया था ! (१)उस कथा को एक कौवे ने भी सुन लिया। उसी कौवे का पुनर्जन्म काकभुशुण्डि के रूप में हुआ। काकभुशुण्डि को पूर्वजन्म में भगवान शंकर के मुख से सुनी वह राम कथा पूरी की पूरी याद थी। उन्होने यह कथा अपने शिष्यों सुनाया। इस प्रकार राम कथा का प्रचार प्रसार हुआ। (२)भगवान श्री शंकर के मुख से निकली श्रीराम की यह पवित्र कथा अध्यात्म रामायण के नाम से विख्यात है। अध्यात्म रामायण को ही विश्व का प्रथम रामायण माना जाता है। (३)यह आख्यान ब्रह्माण्डपुराणके उत्तरखण्ड के अन्तर्गत माना जाता है। अतः इसके रचयिता महामुनि वेदव्यास जी ही हैं। (४)इसमें परम रसायन रामचरितका वर्णन करते-करते पद-पद पर प्रसङ्ग उठाकर भक्ति, ज्ञान, उपासना, नीति और सदाचार सम्बन्धी दिव्य उपदेश दिये गये हैं। विविध विषयों का विवरण रहने पर भी इसमें प्रधानता अध्यात्मतत्त्व के विवेचन की ही है। इसीलिये यह 'अध्यात्म रामायण' कहलाता है। सीए. दिनेश सनाढ्य - एक आध्यात्मिक विचारक #(218) #26/10/22 #dineshapna
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