★प्रेम करें भगवान से, भाषा रखें खुद की - सनाढ्य★ आज वैलेंटाइन डे पर व्यक्ति को भगवान की केवल एक कृति से प्रेम करने से पहले उस कृति को बनाने वाले भगवान से प्रेम करना चाहिए । व्यक्ति को अपने भगवान से प्रेम करने के साथ अपनी भाषा से भी प्रेम करना चाहिए । इसलिए आज श्री हरि साहित्य सेवा संस्थान के द्वारा मायड़ भाषा पर आधारित आध्यात्मिक काव्य गोष्टी रखी गई । इस गोष्टी की अध्यक्षता अपना ट्रस्ट के अध्यक्ष दिनेश सनाढ्य व मुख्य अतिथि आशापुरा मानव कल्याण ट्रस्ट के अध्यक्ष नानजी भाई गुर्जर व विशिष्ट अतिथि त्रिलोकी मोहन पुरोहित मदन डिडवानिया थे । अध्यक्ष श्री हरि सेवा संस्थान रविनन्दन चारण ने सभी का स्वागत किया । कार्यक्रम मे राधेश्याम जी राणा ने सरस्वती वंदना, बख्तावर सिंह प्रीतम ने भजन, रविनंदन चारण में ने कविता, मुकेश जी शर्मा ने भजन, राधेश्याम राणा ने कविता, चंद्र शेखर शर्मा ने लघुकथा, राम गोपाल जी , मोहन जी गुर्जर , ज्योत्स्ना पोखरना, मदन जी डीडवानिया, लेखराज मीणा , त्रिलोकी मोहन जी पुरोहित सहित कई साहित्यकारों ने काव्यपाठ किया । कार्यक्रम का संचालन पूरन जी शर्मा ने किया मुख्य अतिथि नानजीभाई गुजर ने पर्यावरण की बात करते हुए प्रकृति से प्रेम करने 4 मार्च से 8 मार्च तक पंच पंच दिवसीय लोकरंग उत्सव महोत्सव मैं सभी को आने के लिए तथा एक पेड़ अपने नाम का कलिंजर में लगाने के लिए आहवान किया अंत में दिनेश सनाढ्य ने सभी कवियों का मायड़ भाषा आधारित आध्यात्मिक गोष्ठी में सहभागिता करने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया । सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिन्दुस्तानी #(271) #16/02/23 #dineshapna
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