★भारत देश सनातन धर्म से चले ! भारतवासी संंविधान से चले !★ (१) भारत देश ही नहीं, पूरा विश्व के देश किसी न किसी धर्म से चलते है ! जैसे - कोई देश ईसाई से, तो कोई देश इस्लाम / यहूदी / बौद्ध / पारसी से चलते है और उनके अलग अलग देश भी है ! तो हमारा भारत देश "सनातन धर्म" से क्यों नहीं चले ? (२) विश्व मे 300 धर्म है किन्तु सबसे पुराना धर्म "सनातन धर्म" है ! सनातन धर्म से ही शेष 299 धर्मों का जन्म हुआ है ! अतः पूरी दुनिया मे "सनातन धर्म" ही ऐसा धर्म है जो सभी धर्मों को साथ मे लेकर चल सकता है ! (३) "सनातन धर्म" का मूल संस्कार तथा विचारधारा है - "वसुधैव कुटुम्बकम्" है, जो महा उपनिषद सहित कई ग्रन्थों में लिपिबद्ध है ! इसका अर्थ है - संपूर्ण विश्व एक बड़ा परिवार है, जहां हर व्यक्ति इस परिवार का एक सदस्य है, चाहे उसकी नस्ल, धर्म, राष्ट्रीयता या जातीयता कुछ भी हो ! अतः भारत सनातन धर्म को अपनाता है तो ही सभी धर्मों का यथोचित सम्मान होगा व सभी धर्म एक साथ प्रेम, शान्ति, सहयोग व भाईचारे के साथ रह सकेंगे ! (४) भारतवासी संविधान से चले व "संंविधान की १००% पालना" करें ! किन्तु अफसोस है कि कुछ नेता संंविधान की मूल भावनाओं के विपरीत कार्य करते हुए "धर्म निरपेक्षता" शब्द जोड़ा और संविधान के विपरीत 30 हिन्दू विरोधी कानून बनाये, जो गलत है ! देशवासियों को समानता का अधिकार दिया किन्तु इसके विपरीत कानून बनाकर हमें अलग अलग धर्मों व जातियों मे बाँट रहे है, जो गलत है ! सीए. दिनेश सनाढ्य - एक आम आदमी #(47) #21/07/23 #dineshapna
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