★नन्द के घर आनंद भयो ; जय कन्हैया लाल की !★ ★जन्माष्टमी मनाने के साथ ; श्रीकृष्ण को आत्मसात करें !★ (१) •"नन्द के घर आनंद भयो"• - यदि आप चाहते है कि आपके घर मे भी आनन्द हो तो •"जय कन्हैया लाल की"• केवल बोलने से काम नहीं चलेगा ! इसके लिए आपको "नन्द बावा" बनना होगा व आपके घर मे "श्रीकृष्ण" को लाना होगा अर्थात् श्रीकृष्ण के गुणों को आत्मसात करना होगा ! (२) हम चाहते है कि हमारे घर मे भी आनन्द हो किन्तु हम अपने अन्दर "कंस" को बसाये बैठे है और हमारे आस पास भी "कंस" को बैठा रखा है या उसे संरक्षण दे रखा है ! हमारे आस पास अन्याय हो रहा है तो भी हम चुप है क्योंकि हम सोचते है कि दूसरे के साथ हो रहा है, हम क्यों चिन्ता करें ! जब कुछ समय बाद वहीं अन्याय हमारे साथ होता है तब हम कुछ नहीं कर पाते है और दूसरे भी हमारी मदद नहीं करते है ! इस प्रकार "हमारे घर आनन्द" नहीं आ सकता है ! इसके लिए हमें श्रीकृष्ण को आत्मसात करते हुए "अन्याय के विरुद्ध आवाज" उठानी होगी ! (३) हमारे घर के आनन्द को खत्म करने वाले "कंस" है ! आजकल के "कंस व उनके सखा" (कुछ नेता / कुछ अधिकारी / कुछ मठाधीश / कुछ सक्षम लोग) है ! यह कंस अपने तुच्छ स्वार्थ के लिए हमारे धन / जमीन / सुविधाओं / धार्मिक भावनाओं के साथ लूट / छेडछाड / ठेस पहुंचाने का कार्य करते है ! इससें ही "हमारे घर का आनन्द" खत्म हो रहा है ! आज से 5252 वर्ष पूर्व "कंस" ने मथुरा, वृन्दावन व गोकुल की आम जनता को दु:खी कर रखा था ! श्रीकृष्ण ने उस अन्यायी का अन्त करके मथुरा, वृन्दावन व गोकुल की आम जनता को आनन्द दिलाया ! अतः हमें भी श्रीकृष्ण बनना होगा ! (४) हमारे नाथद्वारा मे आम जनता के लिए "कुछ विकास कार्य" हुए जो जनहित मे होना बताया गया किन्तु हकीकत मे "जनता के हित" मे होने के बजाय "सक्षम लोगों के हित" मे हुए और उल्टा जनता के धन व जमीन की बबार्दी होकर जनता को असुविधा व असुरक्षा देने वाला साबित हो रहा है जैसे :- ●फोरलेन, ●माँडल बस स्टैण्ड, ●आईकोनिक गेट, ●विश्व की सबसे बडी मूर्ति व ●मन्दिर द्वारा किये गये निर्माण कार्य आदि ! उक्त कार्य "श्रीकृष्ण" ने कराये या "कंस" ने ? उक्त कार्य "जनहित" मे है या स्वहित" मे ? इसका फैसला आम जनता करें ! ★नन्दोत्सव की शुभकामनाएं !★ सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिन्दुस्तानी #(179) #27/08/24 #dineshapna
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