★सनातन को "अधुरा नहीं", पूरा पढे ! केवल पढे ही नहीं, उसे "आत्मसात" भी करें !★ 【रोचक व आश्चर्य जनक तथ्य !】 (१) श्रीराम की "मर्यादाओं" को याद रखते है, तो उनके "धनुष" को भी भूले नहीं ! (२) श्रीकृष्ण की "मुरली" को याद रखते है तो उनके "सुदर्शन चक्र" को भी भूले नहीं ! (३) "अहिंसा परमो धर्मः" ! को अधुरा नहीं पढे, "धर्म हिंसा तथैव च:" ! को भी पढे व पूरे कथन को आत्मसात भी करें ! (अर्थात् :- अहिंसा मनुष्य का परम धर्म है और धर्म की रक्षा के लिए हिंसा करना उस से भी श्रेष्ठ है !) (४) "धर्मो रक्षति रक्षितः" को पढने के साथ उसके अनुसार कर्म भी करें तथा उसे आत्मसात भी करें ! (अर्थात् "धर्म की रक्षा" करने पर, वह (धर्म) रक्षा करने वाले की रक्षा करता है ! दूसरे शब्दों में :- "रक्षित धर्म" रक्षक की रक्षा करता है !) ★जयश्रीकृष्ण★ सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिन्दुस्तानी #(201) #13/11/24 #dineshapna
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