★ सीए की राखी ★ रिटर्न, ऑडिट, बैलेंस सब छोड़, आज बहन के संग है दिल की होड़। रेशमी डोर में विश्वास बसा, प्यार का बंधन वर्षों से रचा। बचपन की हँसी, वो खेल, वो बात, यादों की मिठास में छिपा है साथ। ना डेबिट, ना क्रेडिट, बस भाव का लेखा, जिसमें बहन का स्नेह सबसे देखा। सीए भी जानता, जीवन के खाते में, बहन है अमूल्य पूँजी इस नाते में। हर साल राखी ये संदेश सुनाए, प्यार का ब्याज उम्रभर बढ़ाए। *CA Dinesh Chandra Sanadhya* *Ek Hindustani* (25) #09/08/25 #dineshapna
No comments:
Post a Comment