Thursday, 21 November 2024

★सनातन का मूल है "एकता" ! किन्तु "कुछ सनातनी" है एकता के दुश्मन !★ 【एकता मे कमी का कारण है ●स्वयं ●दूसरे 】 (१) "कुछ सनातनी" मे एकता की कमी है ! यदि वह "सक्षम लोग" (राजा / धन के ठेकेदार / धर्म के ठेकेदार) है जो इतना अन्याय करते है कि पिडित सनातनी मजबूरी मे अन्य व्यक्ति / अन्य धर्म के साथ चला जाता है ! इसके अतिरिक्त "सक्षम लोग" लोभ / लालच / अंहकार के कारण अपनो के ही दुश्मन बन जाते है ! (२) "कुछ सनातनी" मे एकता की कमी है ! यदि वह "आम लोग" (प्रजा / असक्षम) है तो डर से या लालच से अन्य व्यक्ति / अन्य धर्म के साथ चले जाते है ! (३) वर्तमान मे भारत मे जो भी समस्या या लडाई हो रही है उसके पिछे "कुछ सनातनी" ही है जो 200 वर्ष या 1000 वर्ष पूर्व धन या डर से अपना धर्म परिवर्तन किया था ! यदि वह इस तथ्य को समझ जाये व एकता के कार्य करने लग जाये तो सभी समस्याओं का अन्त हो सकता है ! उदाहरण है - इण्डोनेशिया ! (४) आजकल भी "कुछ सनातनी" जो सक्षम या आम लोग है, वह भी 1000 वर्ष पुरानी गलती (एकता की कमी) कर रहे है ! वह यदि अपने 1000 वर्ष पुराने पूर्वजों को याद करके उनकी गलतियों को दोहराये नहीं ! जैसे आजकल "सेकुलर" बनकर सनातन का विरोध करने व अधर्म का साथ देने की गलती कर रहे हैं ! अतः वह पद / धन के लोभ - लालच मे नहीं आये व "कुछ" पुनः "शेष" मे मिलकर "कुल सनातनी" बन जाये तो सभी समस्याओं का अन्त हो जायेगा ! इसके लिए अपनी "पूजा पद्धति" बदलना आवश्यक नहीं है ! जैसे इण्डोनेशिया वाले कर रहे है ! [अतः हमे केवल सत्य व सनातन को आत्मसात करते हुए लोभ, लालच, मोह, अंहकार व धोखा को छोड़ना होगा !] 【श्रीकृष्ण बनोगे, तो आनन्द मे रहोगे !】 ★जयश्रीकृष्ण★ सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिन्दुस्तानी #(204) #21/11/24 #dineshapna


 

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