Thursday, 28 November 2024

★सनातन धर्म को कुछ विशेष गुण और सिद्धांत से इसे अनूठा, बहुआयामी और सर्वश्रेष्ठ बनाते हैं !★ (१) सनातन धर्म शाश्वत और सार्वभौमिक हैं ! यह प्रकृति और मानव अस्तित्व के अनन्त सत्य पर आधारित है ! यह न केवल मनुष्यों, बल्कि सभी प्राणियों और प्रकृति के प्रति सम्मान की भावना विकसित करता है। सनातन धर्म में आध्यात्मिकता और विज्ञान का समन्वय है ! वेदों और उपनिषदों में वर्णित कई सिद्धांत, जैसे ब्रह्मांड की उत्पत्ति, पंचतत्त्व, और चिकित्सा विज्ञान, आधुनिक विज्ञान से मेल खाते हैं ! सनातन धर्म व्यक्तिगत "आत्मा" और "परमात्मा" के बीच संबंध को समझने पर जोर देता है ! यह मोक्ष (आत्मा का परमात्मा से मिलन) को जीवन का अंतिम लक्ष्य मानता है ! (२) सनातन में "सर्व धर्म समभाव" का सिद्धांत है, जो सभी धर्मों और मतों को सत्य का विभिन्न रूप मानता है ! इसमें "एकं सत् विप्राः बहुधा वदन्ति" (सत्य एक है, किंतु विद्वान इसे अलग-अलग रूपों में वर्णित करते हैं) का दर्शन है! सनातन धर्म में प्रकृति सूर्य, वायु, जल, अग्नि, और पृथ्वी को पंचतत्व के रूप में माना जाता है, जिनसे सृष्टि का निर्माण हुआ है ! सनातन धर्म में मानव जीवन के चार मुख्य उद्देश्य है ●धर्म (नैतिकता और कर्तव्य) ●अर्थ (आर्थिक संपन्नता) ●काम (सांसारिक सुख) ●मोक्ष (आध्यात्मिक मुक्ति) यह संतुलित और पूर्ण जीवन जीने का मार्ग दिखाता है ! (३) सनातन ज्ञान का स्रोत है ! इसमें वेद, उपनिषद, गीता, महाभारत और रामायण जैसे ग्रंथ न केवल धार्मिक बल्कि जीवन के हर पहलू पर गहन ज्ञान प्रदान करते हैं ! भागवत गीता जैसी पुस्तकें जीवन के जटिल प्रश्नों के उत्तर सरल और व्यावहारिक रूप से देती हैं ! सनातन धर्म में कोई अनिवार्य नियम या एकरूपता नहीं है ! यह व्यक्ति को उसकी व्यक्तिगत प्रवृत्ति और क्षमता के अनुसार धर्म का पालन करने की स्वतंत्रता देता है ! यह धर्म लचीला है और आधुनिकता के साथ संतुलन बनाए रखने में सक्षम है ! (४) सनातन धर्म न केवल एक धर्म है, बल्कि जीवन जीने की एक शैली और दर्शन है ! इसकी व्यापकता, वैज्ञानिकता, और मानवता के प्रति प्रेम इसे विशेष बनाते हैं ! यह धर्म मानव जीवन को न केवल आध्यात्मिक ऊँचाई पर पहुँचाता है, बल्कि उसे प्रकृति और समाज के प्रति जिम्मेदार भी बनाता है ! ★जयश्रीकृष्ण★ सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिन्दुस्तानी #(207) #28/11/24 #dineshapna


 

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