Saturday, 23 November 2024

★सनातन मे शास्त्र व शस्त्र दोनों का समन्वय व अद्वितीय महत्त्व है !★ 【दोनों ही मानव जीवन, समाज व धर्म की रक्षा के लिए आवश्यक !】 (१) "शास्त्र" शास्त्र का अर्थ है कि ज्ञान और धर्म के नियम ! यह धार्मिक, आध्यात्मिक और नैतिक जीवन जीने के मार्गदर्शक है ! इसमें ●धार्मिक मार्गदर्शन, ●ज्ञान का स्त्रोत, ●नैतिकता व ●मानव विकास के बारे मे विस्तार से बताया गया है ! (२) "शस्त्र" का अर्थ है कि हथियार ! इसका उपयोग धर्म, न्याय और सत्य की रक्षा के लिए किया जाता है ! इसमे ●धर्म की रक्षा, ●न्याय की स्थापना, ●रक्षा व आत्मरक्षा का माध्यम है ! (३) सनातन मे "शास्त्र व शस्त्र दोनों" का समन्वय है इसलिए हमारे सभी देवता व भगवान शास्त्र के साथ शस्त्र भी धारण करते है ! "शास्त्र" ज्ञान देता है और बताता है कि शस्त्र का उपयोग कब और कैसे करना है ! "शस्त्र" संरक्षण करता है और बताता है कि शास्त्र की मर्यादा और ज्ञान को सुरक्षित रखने के लिए शस्त्र की आवश्यकता होती है ! (४) भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण ने धर्म की स्थापना के लिए "शास्त्र और शस्त्र" दोनों का प्रयोग किया ! सनातन धर्म में "शास्त्र" हमें जीवन का सही मार्ग दिखाते हैं, वहीं "शस्त्र" उस मार्ग की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं ! दोनों मिलकर धर्म, न्याय और सत्य की रक्षा करते हैं, जो एक संतुलित और समृद्ध समाज का निर्माण करते हैं ! 【श्रीकृष्ण बनोगे, तो आनन्द मे रहोगे !】 ★जयश्रीकृष्ण★ सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिन्दुस्तानी #(206) #23/11/24 #dineshapna


 

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