Chartered Accountant,Social Activist,Political Analysist-AAP,Spritual Thinker,Founder of Life Management, From India, Since 1987.
Tuesday, 31 December 2024
★2025 का स्वागत ! & 2024 की विदाई !★ नववर्ष 2025 का स्वागत पंच तथ्यों से करें :- ◆ सबसे पहले भारत के सभी सनातनी जात पात व सम्प्रदाय /धर्मों मे बँटने के स्थान पर "एकजुट" हो ! इसके बाद "भूतपूर्व सनातनी" (500 वर्ष व उससे ज्यादा वर्षों पूर्व परिवर्तित सनातनी) "एकजुट" होकर अपने पूर्वजों की मजबूरी को समझते हुए, उनका सम्मान करे और पुनः सनातन धर्म को आत्मसात करें और वर्तमान सनातनियों का साथ दे ! ◆ भूतपूर्व व वर्तमान सनातनी सभी मिलकर सनातन को "आत्मसात" करें, भले ही भूतपूर्व सनातनी अपनी पूजा पद्वति (इस्लाम / ईसाई) नहीं बदले ! ◆ रोजगार के अवसर सरकार बढ़ाये व "आम आदमी ईमानदारी से" नौकरी / व्यापार करें तथा "देशहित व देशप्रेम" को सर्वोपरि समझते हुए कार्य करे ! ◆ "मूल संविधान" की पालना करें व असंवैधानिक / विरोधाभासी संशोधनों को हटाने मे सहयोग करें ! इसके साथ ही "शुद्ध संविधान" अर्थात् संविधान की प्रस्तावना व एकता व समानता की मूल भावनाओं को ध्यान मे रखते हुए मूल संविधान के "कुछ विरोधाभासी प्रावधानों" को हटाकर, "मूल" संविधान को "शुद्ध" संविधान बनाये ! ◆ सनातन धर्म मे ऐसे प्रावधान है जिससे न केवल भारत मे ही "शान्ति" स्थापित हो सकती है, बल्कि पूरे विश्व मे शान्ति स्थापित हो सकती है ! इसके अलावा सनातन धर्म भारत के संविधान के किसी भी प्रावधानों के विरोधाभास मे नहीं है ! अतः यदि भारत को "हिन्दू राष्ट्र" बनाया जाये, तो यह हमें विश्व गुरु बनने मे सहायक होगा ! ★जयश्रीकृष्ण★ सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिन्दुस्तानी #(221) #01/01/25 #dineshapna
Monday, 30 December 2024
★2025 का स्वागत ! & 2024 की विदाई !★ नववर्ष 2025 :- ◆नई उम्मीदें - एकता हो / .......... ◆नए सत्कर्म - सनातन आत्मसात हो / .......... ◆नए अवसर - रोजगार बढ़े / .......... ◆संकल्प - मूल व शुद्ध संविधान हो / ............ ◆शुभारंभ - धर्म व शान्ति की / ............ गतवर्ष 2024 :- ●अनुभव :- गुलामी के मूल की / ........... ●सीख :- सनातन से शान्ति की / ........... ●उपलब्धि :- न्यायगत सोच की / ........... ●संघर्ष :- भूत व वर्तमान सनातनियों मे / ....... ●विदाई :- आपसी संघर्ष की / ........... ★जयश्रीकृष्ण★ सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिन्दुस्तानी #(220) #31/12/24 #dineshapna
Saturday, 28 December 2024
★केवल यह ही नहीं करें, किन्तु इससे पहले यह भी करें !★ (१) हम बात करते है कि "नशा मुक्ति" की ! किन्तु हमे इससे पहले यह बात करनी चाहिए कि ◆ सभी प्रकार के नशे (भाँग, शराब, तम्बाकू, अफीम) की बिक्री / व्यापार / टैक्स से आय मे सक्रिय भागीदारी सरकार की है और दिखाने के लिए प्रशासन / सरकार नशामुक्ति अभियान चलाकर जनता को गुमराह करती है ! ◆ क्या कारण है कि सरकार को मालूम है कि नशे के कारण आम जनता बीमार हो रही है व वाहन दुर्घटना हो रही है और इसके लिए चिकित्सा हेतु सरकार को करोड़ों रुपए खर्च करने पड़ रहे है तो भी सरकार नशे पर पूर्ण पाबन्दी नहीं लगा रही है ! ◆ "वर्तमान मे" सरकार नशे को बेचकर या टैक्स से जितना पैसा कमा नहीं रही है उससे ज्यादा चिकित्सा व अन्य इसके दुष्परिणामो पर खर्च कर रही है ! ◆ "भविष्य मे" क्या सरकार नशे के नाम पर दोहरी चाल चलना बन्द करके पूर्ण रुप से नशे को बन्द करेगी ? (२) हम बात करते है कि "भ्रष्टाचार मुक्ति" की ! किन्तु हमे इससे पहले यह बात करनी चाहिए कि ◆ हमें देश को भ्रष्टाचार मुक्त करना है तो इसकी जड़ तक पहुँच कर, "भ्रष्टाचार की जड़" को ही समाप्त करना होगा ! ◆ क्या कारण है कि भ्रष्टाचार को समाप्त करने का प्रयास प्रशासन, सरकार व कुछ समाज सेवी लोग कर रहे है तो भी "भ्रष्टाचार समाप्त" नहीं हो रहा है ! ◆ "वर्तमान मे" हम भ्रष्टाचार को समाप्त करने की बात तो करते है व भ्रष्टाचार निरोधक विभाग भी बना रखा है व इसके लिए कानून भी है तो भी भ्रष्टाचार से मुक्ति नहीं मिल रही है ! ◆ "भविष्य मे" हम हकीकत मे भ्रष्टाचार से मुक्ति चाहते है तो सर्वप्रथम भ्रष्टाचार हटाने की शुरुआत ऊपर (बड़े नेताओ व अधिकारियों) से नीचे (कर्मचारियों व आम जनता) की ओर करनी चाहिए तथा इसके साथ ही आम जनता को चुनाव मे पैसा / मुफ्त की रैवड़ी बाँटने वालों को नकारना चाहिए ! (३) हम बात करते है कि "शिक्षा" की ! किन्तु हमे इससे पहले यह बात करनी चाहिए कि ◆ हमे शिक्षा को "सेवा के स्थान पर व्यापार" बनाने वालों को रोकना होगा व नैतिकता, धार्मिकता व रोजगार उन्मुख शिक्षा को बढ़ाना चाहिए ! ◆ क्या कारण है कि सरकार "करोड़ों रुपए शिक्षा" पर खर्च करने के बाद भी देश मे शिक्षा का स्तर ऊपर नहीं उठ पा रहा है ? ◆ "वर्तमान मे सरकारी शिक्षा संस्थानों की उपेक्षा की जा रही है और प्राईवेट शिक्षा संस्थानों के द्वारा लूट मचा रखी है ! ◆ "भविष्य मे" हमे शिक्षा को सेवा के रूप मे लागू करना होगा ! जिसके लिए सरकारी शिक्षा संस्थानों का स्तर ऊँचा करके निशुल्क व्यवस्था करनी होंगी व प्राईवेट शिक्षा संस्थानों पर नियंत्रण करके इसे व्यापार बनाने से रोकना होगा ! (४) हम बात करते है कि "रोजगार" की ! किन्तु हमे इससे पहले यह बात करनी चाहिए कि ◆ क्या सरकार के द्वारा आम जनता को सरकारी नौकरी देना ही रोजगार देने का मापदंड है ? ◆ क्या कारण है कि आम जनता को सरकार रोजगार देने मे असफल हो रही है ? ◆ "वर्तमान मे" सरकार सभी को सरकारी नौकरी नहीं दे सक रही है व प्राईवेट नौकरी पर नियंत्रण नहीं है व छोटे व्यापारियों को पनपने नहीं दे रहे है, तो रोजगार कैसे मिले ! ◆ "भविष्य मे" सरकार को छोटे व्यापारियों को सुविधाएं देकर, व्यापार मे मिलावट व धोखाधड़ी पर अंकुश लगाना चाहिए ! प्राईवेट नौकरियों को प्रोत्साहन देकर तथा सरकारी नौकरियों को परिणाम परक बनाकर, आम जनता के लिए रोजगार के चहुंमुखी अवसर प्रदान करने चाहिए ! ★जयश्रीकृष्ण★ सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिन्दुस्तानी #(219) #24/12/24 #dineshapna
Sunday, 22 December 2024
★केवल यह ही नहीं करें, किन्तु इससे पहले यह भी करें !★ (१) हम बात करते है कि "अपने अपने घर्म" को मानने की ! किन्तु हमे इससे पहले यह बात करनी चाहिए कि ◆ सभी धर्मों को संविधान व कानून के द्वारा "समान अधिकार व छूट" मिलनी चाहिए ! ◆ क्या कारण है कि "हिन्दू धर्म के साथ भेदभाव" कर रखा है ! ◆ "वर्तमान मे" हमे हिन्दू धर्म के साथ संविधान व कानून के भेदभाव को हटाने के लिए प्रयास किया जाना चाहिए जिससे अन्य धर्मों के साथ मनमुटाव व अनावश्यक लडाई झगड़ा नहीं हो ! ◆ "भविष्य मे" हमे हिन्दू - मुसलमानों को मिलकर आवाज उठानी चाहिए कि दोनों धर्मों के लिए समान कानून हो व देश मे पूर्ण धर्मनिरपेक्षता लागू हो ! (२) हम बात करते है कि "मन्दिर निर्माण व सुरक्षा" की तो यह कार्य आपसी प्रेम व सद्भाव से हो ! किन्तु हमे इससे पहले यह बात करनी चाहिए कि ◆ हमें मन्दिरों के निर्माण के साथ उसकी सुरक्षा की कार्य योजना व उसके लिए कार्य भी करना चाहिए ! ◆ क्या कारण है कि "हमारे मन्दिरों को तोड़कर मस्जिद बनाई गई ? इसके लिए हमें आपस मे लड़ना नहीं चाहिए, उसके विपरीत हमें प्रेम व समझदारी से उसका समाधान निकालना चाहिए ! ◆ "वर्तमान मे" हमें यह सोचना चाहिए कि पुराने मन्दिरों को मुगलों व आतताईयों ने तोड़ा था, जो आज नहीं है ! अभी संघर्ष "सनातनियों व कन्वटेड सनातनियों (भूतपूर्व सनातनी)" के बीच मे है तो समाधान भी दोनों को ही मिलकर निकालना चाहिए ! ◆ "भविष्य मे" हम "सनातनियों व कन्वटेड सनातनियों (भूतपूर्व सनातनी)" को मिलकर यह निर्णय लेना चाहिए कि पुराने सभी मन्दिर हिन्दुओं को लौटा दे किन्तु इसके पूर्व उसके एवज मे हिन्दू नई मस्जिद बनाकर दे ! (३) हम बात करते है कि "समाज सेवा" की ! किन्तु हमे इससे पहले यह बात करनी चाहिए कि ◆ हम "समाज सेवा से ज्यादा स्व सेवा" करने का कार्य नहीं करे तथा ऐसा करने वालों की सच्चाई समाज के सामने लाने का कार्य करके "सच्ची समाज सेवा" करें ! ◆ क्या कारण है कि "करोड़ों रुपए समाज सेवा" पर खर्च करने के बाद भी समाज का व्यक्ति ऊपर नहीं उठ पा रहा है ? ◆ "वर्तमान मे" हम ज्यादातर समाज सेवा उस धन से कर रहे है जो हमने समाज से ही लूटा / वसूला गया ! ◆ "भविष्य मे" हम ज्यादातर लोग समाज से अत्यधिक धन लूटे / वसूले नहीं, तो कम मात्रा मे समाज सेवा करने से ही काम आसानी से चल जायेगा ! (४) हम बात करते है कि "देश सेवा" की ! किन्तु हमे इससे पहले यह बात करनी चाहिए कि ◆ क्या हम देश सेवा के नाम पर हम "स्व सेवा / कुर्सी सेवा" कर रहे है ? ◆ क्या कारण है कि "देश सेवा" हम सभी राजनैतिक दल व पूँजीपति कर रहे है तो भी हमारे देशवासी खुश व समृद्ध नहीं हो पा रहे है और देश भी सुरक्षित नहीं रह पा रहा है ? ◆ "वर्तमान मे" हम सभी राजनैतिक दल एकजुट होकर देशहित मे कार्य नहीं करने के कारण एक दल "देशसेवा" कर रहा है तो दूसरा दल "विपरीत देशसेवा" करके टाँग खिच रहा है, इस कारण "परिणाम शून्य" आ रहा है ! ◆ "भविष्य मे" हमे "देशसेवा व देशहित" को परिभाषित करने के साथ हम सभी (पक्ष - विपक्ष दलों तथा अमीर - गरीब लोगों) को मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है ! इससे थोड़ी-सी देश सेवा करना भी पर्याप्त होगा ! देशसेवा व समाजसेवा के चार उदाहरण जैसे - ●देश सुरक्षा, ●सरकारी सम्पत्तियों की सुरक्षा तथा ●कम व पारदर्शी मुनाफे के साथ व्यापार, ●मिलावट नहीं करना ! ★जयश्रीकृष्ण★ सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिन्दुस्तानी #(218) #22/12/24 #dineshapna
Saturday, 21 December 2024
★केवल यह ही नहीं करें, किन्तु इससे पहले यह भी करें !★ (१) हम बात करते है कि आम जनता को "स्वास्थ्य सुविधाएं" सुलभ व किफायती दर पर मिलने की ! किन्तु हमे इससे पहले यह बात करनी चाहिए कि ◆ खाद्य पदार्थों मे "मिलावट" को कैसे रोका जाये ? ◆ क्या कारण है कि "दवाओं की कीमत व ईलाज की फीस अत्यधिक" (लागत से कई सौ गुणा तक) क्यों है ? ◆ "वर्तमान मे" हम सस्ता, सुलभ व गुणवत्ता पूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं के लिए क्या कर रहे है ? ◆ "भविष्य मे" हमे कुछ दवाई माफियाओं / ईलाज के नाम पर लूट को रोकने के लिए क्या करना होगा ? (२) हम बात करते है कि "अतिक्रमण" को रोककर आम जनता को राहत प्रदान की ! किन्तु हमे इससे पहले यह बात करनी चाहिए कि ◆ सरकार वन, सरकारी जमीन, सड़क व जनता की जमीनो से अतिक्रमण को "क्यों नहीं रोक पा रही" है ? ◆ क्या कारण है कि "सरकारी अधिकारी अतिक्रमण" रोकने के स्थान पर चुप्पी बनाये हुए है ? ◆ "वर्तमान मे" हम अतिक्रमण को हटाने के लिए क्या कर रहे है ? ◆ "भविष्य मे" हम अतिक्रमण हटाने के लिए अधिकारियों व कानून का उपयोग करने के लिए क्या करना होगा ? (३) हम बात करते है कि "पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन" की ! किन्तु हमे इससे पहले यह बात करनी चाहिए कि ◆ हम "पर्यावरण को नुकसान" पहुँचाने वालों को रोकने के लिए क्या कर रहे है ? ◆ क्या कारण है कि "सरकार करोड़ों रुपए पेड़ लगाने" पर खर्च करने के बाद भी धरातल पर उक्त पेड़ लगे हुए नजर नहीं आ रहे है ? ◆ "वर्तमान मे" हम पेड़ काटने पर, उन्हीं से पेड़ लगवाने का कानून होने के बावजूद हम उनसे पेड़ क्यो नहीं लगवा पा रहे है ? ◆ "भविष्य मे" हम पर्यावरण बचाने व प्रदूषण को रोकने के लिए आम जनता, सरकार व कानून को क्या करना होगा ? (४) हम बात करते है कि "जल संरक्षण" की ! किन्तु हमे इससे पहले यह बात करनी चाहिए कि ◆ हम नदियों, तालाबों मे हो रहे जल प्रदूषण को क्यों नहीं रोक पा रहे है ? ◆ क्या कारण है कि "जल स्त्रोतों" पर हो रहे अतिक्रमणों को रोकने के स्थान पर, हम व सरकारी अधिकारी उसे नष्ट क्यों कर रहे है ? ◆ "वर्तमान मे" हम जल प्रदूषण रोकने व जल स्त्रोतों को बचाने के लिए क्या कर रहे है ? ◆ "भविष्य मे" हमे जल संरक्षण के लिए आम जनता, सरकार व कानून को क्या करना होगा ? ★जयश्रीकृष्ण★ सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिन्दुस्तानी #(217) #21/12/24 #dineshapna
Friday, 20 December 2024
★केवल यह ही नहीं करें, किन्तु इससे पहले यह भी करें !★ (१) हम बात करते है कि हमे "आजादी" कैसे मिली ? किन्तु हमे इससे पहले यह बात करनी चाहिए कि ◆ हम गुलाम "कैसे हुए" ? ◆ क्या कारण है कि हम धन व बल से सक्षम होते हुए भी गुलाम रहे ? ◆ "वर्तमान मे" हम गुलामी से मुक्ति के लिए क्या कर रहे है ? ◆ "भविष्य मे" गुलाम नहीं हो, इसके लिए क्या करना होगा ? (२) हम बात करते है कि हमारा "सनातन का इतिहास व गौरव" क्या था ? किन्तु हमे इससे पहले यह बात करनी चाहिए कि ◆ हमारे सनातन व सनातनियों का क्षैत्र / महत्ता "कम क्यों हो रही" है ? ◆ क्या कारण है कि सनातनियों का ही "धर्म परिवर्तन" हो रहे है ? ◆ "वर्तमान मे" हम सनातन की रक्षा के लिए क्या कर रहे है ? ◆ "भविष्य मे" हमे सनातन मे एकता व रक्षार्थ लिए क्या करना होगा ? (३) हम बात करते है कि हमारे "संविधान की महानता" क्या है ? किन्तु हमे इससे पहले यह बात करनी चाहिए कि ◆ हमारे संविधान मे अनावश्यक संशोधन "क्यों हो रही" है ? ◆ क्या कारण है कि "संविधान के विरुद्ध कुछ कानून" बनाये गये ? ◆ "वर्तमान मे" हम संविधान विरुद्ध कुछ कानूनो को हटाने के लिए क्या कर रहे है ? ◆ "भविष्य मे" हम संविधान के विरुद्ध प्रावधानों को हटाने के लिए क्या करना होगा ? (४) हम बात करते है कि "हमारे महापुरुषो व धर्म गुरुओ के आदर्श" क्या थे ? किन्तु हमे इससे पहले यह बात करनी चाहिए कि ◆ हम "महापुरुषों व धर्म गुरुओ को आत्मसात" क्यों नहीं कर रहे है ? ◆ क्या कारण है कि "महापुरुषों व धर्म गुरुओ के बताये "आदर्श मार्ग के विपरीत कार्य" कर रहे है ? ◆ "वर्तमान मे" हम महापुरुषो व धर्म गुरुओ जैसे बनने के लिए क्या कर रहे है ? ◆ "भविष्य मे" हम एकता, शक्तिशाली, ईमानदार व परोपकारी बनने लिए क्या करना होगा ? ★जयश्रीकृष्ण★ सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिन्दुस्तानी #(216) #20/12/24 #dineshapna
Wednesday, 18 December 2024
★कड़वा है, परन्तु सच है !★ ■ भारत व भारतीयों की सभी समस्याओं की जड़ है - "मूल संविधान मे गलत / पक्षपात पूर्ण संशोधन" ! ■ (१) कांग्रेस के शासन काल मे करीब 70 से अधिक बार संविधान संशोधन किये ! इसमें कई ऐसे संशोधन किये जो "संविधान की मूल भावनाओं" व व्यक्ति के "समानता व स्वतंत्रता" के विरुद्ध है ! इस पक्षपात पूर्ण "संविधान संशोधन" के कारण हिन्दू - मुस्लिम की एकता को तोड़ने का कुकृत्य किया गया, जो क्षमा योग्य नहीं है ! (२) कांग्रेस के शासन काल मे "हिन्दू - मुस्लिम की एकता" को तोड़ने के लिए कई "काले कानून" बनाये, जो हिन्दुओं व मूल संविधान के विरुद्ध है ! ऐसे कृत्य करने वाले "मानवता के दुश्मन" है ! (३) मूल संविधान मे गलत / पक्षपात पूर्ण संशोधन के लिए जिम्मेदार कुछ हिन्दू (शान्ति व एकता के दुश्मन) व कुछ राजनैतिक पार्टियां है ! अतः कुछ विशेष धर्म वालों को खुश करने के लिए यह कार्य किया गया, जिससे उनकी "राजनैतिक कुर्सी" कायम रह सके ! (४) इसका समाधान यह है कि "वर्तमान सनातनी" व "भूतपूर्व सनातनी" (कन्वटेड मुसलमान) अपने अतीत को याद रखते हुए, सनातन को बचाने के लिए "एकजुटता" कायम रखते हुए "स्वार्थी राजनैतिक पार्टियों" को वोट नहीं दे व उनका विरोध सभी 365 दिन करे ! 【2024 के सनातनी व 1526 के बाद के (कन्वटेड मुस्लिम) सनातनी एकजुट हो !】 ★जयश्रीकृष्ण★ सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिन्दुस्तानी #(215) #18/12/24 #dineshapna
Monday, 16 December 2024
★कड़वा है, परन्तु सच है !★ ■ I.N.D.I.A. गठबंधन ही INDIA के विरोध मे संविधान विरुद्ध कार्य कर रहा है ! ■ (१) कांग्रेस ही बोल रही है कि संविधान खतरे मे है, किन्तु हकीकत मे कांग्रेस ने ही संविधान की मूल भावनाओं के विरुद्ध "संविधान संशोधन" किये, "संविधान विरुद्ध कानून" बनाये ! और अब "उल्टा चोर कोतवाल को डाँटे" वाला कार्य कर रही हो ! (२) कांग्रेस से टूटे कांग्रेस के अंशों (तूणमूल / राष्ट्रवादी / अन्य) ने मिलकर I.N.D.I.A. गठबंधन बनाया, जो कांग्रेस की मूल भावनाओं के अनुरूप संविधान विरुद्ध कार्य (एक समुदाय विशेष के पक्ष मे) करके संविधान का अपमान कर रहे है ! (३) 2012 मे बनी पार्टी (आप) ने भी सत्ता सुख के लिए "आम आदमी" की बातेँ करके संविधान विरुद्ध कार्य (एक समुदाय विशेष के पक्ष मे) करके संविधान का अपमान कर रहे है ! (४) I.N.D.I.A. गठबंधन की इतनी पार्टियों को संविधान विरुद्ध कार्य करते हुए देखकर "मुस्लिम लीग" भी पीछे क्यों रहे ? इसलिए वह भी "हिन्दुओं के विरोध मे" खुलकर बोलकर संविधान विरुद्ध कार्य कर रही है, जो गलत है ! 【I.N.D.I.A. गठबंधन क्या संविधान विरुद्ध कार्य करके "हिन्दू - मुस्लिम एकता" व "संविधान के लिए खतरा" है ?】 ★जयश्रीकृष्ण★ सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिन्दुस्तानी #(214) #17/12/24 #dineshapna
Sunday, 8 December 2024
★कड़वा है, परन्तु सच है !★ 【धर्म रक्षा = धर्म संरक्षण + अधर्म का नाश】 (१) लोकमाता अहिल्या बाई होल्कर ने "सेवा कार्य" को ही धर्म माना और जनहित के कई कार्य किये ! हमें भी नाथद्वारा मन्दिर को "सरकारी नियंत्रण से मुक्ति" दिलाकर "सेवा कार्य" करना चाहिए और यह सेवा ही हमारा धर्म है ! (२) नाथद्वारा मे हुई विशाल धर्म सभा के मंचस्थ अतिथियों का धन्यवाद ! उनसे निवेदन है कि नाथद्वारा मन्दिर पर सरकारी नियंत्रण होने से नगरपालिका मन्दिर की "जमीन लूट" रही है, अतः मन्दिर की लूटी हुई जमीन पुनः मन्दिर को दिलाने का प्रयास किया जाना चाहिए ! (३) नाथद्वारा मे हुई विशाल धर्म सभा के मंचस्थ अतिथियों का धन्यवाद ! उनसे निवेदन है कि नाथद्वारा मन्दिर पर सरकारी नियंत्रण होने से मन्दिर के "धन को लूटा / दुरुपयोग" किया जा रहा है ! इस मन्दिर के धन की लूट / दुरुपयोग को तुरन्त रोका जाना चाहिए ! (४) नाथद्वारा मन्दिर को "सरकारी नियंत्रण से मुक्ति" का अभियान एक बृजवासी के द्वारा शुरू किया व जनता का भी समर्थन मिल रहा है ! नाथद्वारा मे हुई विशाल धर्म सभा के मंचस्थ अतिथियों से धर्म रक्षार्थ सहयोग की अपेक्षा है ! 【नाथद्वारा मे मन्दिर के धन व जमीन की लूट / दुरुपयोग ही "अधर्म" है ! अतः नाथद्वारा मन्दिर "सरकारी नियंत्रण से मुक्त" हो !】 ★जयश्रीकृष्ण★ सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिन्दुस्तानी #(213) #09/12/24 #dineshapna
★कड़वा है, परन्तु सच है !★ 【संविधान को हाथ मे लेने के साथ, उसे पढ़ें व समझे !】 (१) आप संविधान को हाथ मे लेकर जनता को बताने के साथ यह पढ़कर भी बताये कि इसमे हिन्दुओं व सनातन के विरुद्ध कौन कौन से संविधानिक प्रावधान है ? (२) आप व आपका परिवार अपने आपको हिन्दू / सनातनी बता रहा है तो यह बताये कि आपके परिवार ने कितने व कौन कौनसे संविधान विरुद्ध व हिन्दुओं के खिलाफ कानून बनाये ? (३) संविधान को बचाने के लिए आप बाते कर रहे है तो कृपया इसे पढ़कर यह बताये की आपके परिवार ने इसमें जो परिवर्तन किये, उससे हिन्दुओं व सनातनियों को कितना नुकसान हुआ है ? (४) आपके परिवार / कांग्रेस ने संविधान की प्रस्तावना मे "धर्मनिरपेक्षता" शब्द जोड़ा है, अच्छी बात है ! तब क्या "धर्मनिरपेक्षता" के विरुद्ध बने संविधानिक प्रावधानों व कानूनों को क्यों नहीं हटाये ? ★जयश्रीकृष्ण★ सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिन्दुस्तानी #(212) #08/12/24 #dineshapna
Thursday, 5 December 2024
★सक्षम, समृद्ध व वैज्ञानिक सनातन धर्म होने के बावजूद ऐसी दुर्दशा कुछ सनातनियों व विधर्मियों के कारण !★ (१) सर्वप्रथम कुछ सनातनियों के द्वारा गलत बनाये गये ◆संविधान की मूल भावनाओं के विपरीत संविधानिक प्रावधानों को बदले ! ◆संविधान विरुद्ध 30 काले कानून जो सनातन (हिन्दू) विरोधी है, उन्हें बदले ! ◆हिन्दू मन्दिरों को सरकारी नियन्त्रण से मुक्त करावे ! (२) कुछ सनातनियों के द्वारा पैदा किये ◆जातिवाद के जहर व भेदभाव को समाप्त करे ! ◆"सक्षम लोग" (राजा/नेता/मठाधीश/धर्म के ठेकेदार) व "आम जनता" सनातन के लिए एकजुट रहे, भाईचारा रखे व अन्य किसी के साथ मिलकर सनातन को नुकसान नहीं पहुँचाये ! क्योंकि इसकी मूल जड़ "सक्षम लोगों" के द्वारा किया जा रहा "अनीति व अन्याय" ही है ! (३) वर्तमान सभी सनातनी मिलकर इन "कन्वर्टेड मुसलमान" व "कन्वर्टेड ईसाई" को अपने पूर्वजों की ओर लोटाकर उन्हें मन व कर्म से पुनः सनातन (प्रेम/दया/भाईचारा/परोपकार/विश्व बन्धुत्व) की ओर लौटाये ! इसके लिए सामाजिक, राजनैतिक व संवैधानिक स्तर पर शीघ्र व ठोस कार्य हो ! (i) भारत में "कन्वर्टेड मुसलमान" है :- ●कुल मुसलमान : 22 करोड़ (2024 अनुमान) ●कन्वर्टेड मुसलमान : 17.60 - 19.80 करोड़ (80 - 90%) (ii) भारत में "कन्वर्टेड ईसाई" है :- ●कुल ईसाई : 3 करोड़ (2024 अनुमान) ●कन्वर्टेड ईसाई : 2.40 - 2.70 करोड़ (80 - 90%) (४) हम सनातनियों ने ही सनातन धर्म को नुकसान पहुँचाया है तो उसे सुधारने की जिम्मेदारी भी हमारी है ! इसके लिए हम प्रत्येक सनातनियों को व्यक्तिगत व सामुहिक स्तर पर आज से ही ●कार्य करने की आवश्यकता है और जो भी सनातन के लिए कार्य कर रहा है उसे ●सहयोग करना होगा ! हम से अलग हुए ●कन्वटेड को उनके पूर्वजों से मिलाना होगा ! हमें किसी भी स्थिति मे ●एकजुट रहना होगा व सनातन को ही सर्वश्रेष्ठ मानते हुए कार्य करना होगा ! 【★【मैने सनातन के लिए "नाथद्वारा मन्दिर को सरकारी नियंत्रण से मुक्ति" का कार्य शुरू कर दिया है, आपका सहयोग अपेक्षित है !】★】 ★जयश्रीकृष्ण★ सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिन्दुस्तानी #(211) #05/12/24 #dineshapna
Wednesday, 4 December 2024
★सक्षम, समृद्ध व वैज्ञानिक सनातन धर्म होने के बावजूद संविधानिक प्रावधान व कानून इसके विरुद्ध क्यों ?★ (१) लोकतंत्र मे बहुमत से निर्णय होते है तो भी बहुसंख्यकों के विरुद्ध "संविधानिक प्रावधान" बनाये गये ! ◆संविधान के अनुच्छेद 25 से 28 तक धार्मिक स्वतंत्रता प्रदान की गई है, किन्तु सनातनीयो (हिन्दुओं) को नहीं ! ◆संविधान के अनुच्छेद 29 और 30 के तहत धार्मिक और भाषाई अल्पसंख्यकों को अपनी शैक्षणिक संस्थाएं स्थापित करने और उनका प्रबंधन करने का अधिकार है, किन्तु बहुसंख्यकों (हिन्दुओं) को नहीं ! ◆भारतीय संविधान की प्रस्तावना में "धर्मनिरपेक्ष" (Secular) शब्द 42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 के माध्यम से जोड़ा गया था, जो बहुसंख्यकों (हिन्दुओं) के विरुद्ध ! (२) भारतीय संविधान के तहत सभी कानूनों को संविधान के साथ संगत होना चाहिए, लेकिन समय-समय पर "कुछ कानूनों" को संविधान के मूल सिद्धांतों जैसे समानता, स्वतंत्रता और धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ माना जाता है। जो सनातनियों (हिन्दुओं) के विरुद्ध है ! ◆हिन्दू धार्मिक ट्रस्ट और चैरिटेबल एन्ड रिलीफ एक्ट (HR&CE Act) 1951 ◆मध्य प्रदेश सार्वजनिक धार्मिक ट्रस्ट अधिनियम, 1951 (Madhya Pradesh Public Trust Act, 1951) ◆राजस्थान पब्लिक ट्रस्ट एक्ट, 1959 (Rajasthan Public Trust Act, 1959) ◆राजस्थान देवस्थान नियम, 1973 (Rajasthan Devasthan Rules, 1973) ◆"प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट, 1991" ◆वक्फ अधिनियम, 1954 (Waqf Act, 1954) व बाद में संशोधित कर वक्फ अधिनियम, 1995 ◆नाथद्वारा मन्दिर मण्डल एक्ट, 1959 ◆तमिलनाडु हिंदू धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती अधिनियम, 1959 (Tamil Nadu Hindu Religious and Charitable Endowments Act, 1959) ◆मुस्लिम पर्सनल लॉ (शरिया कानून), 1937 ◆कर्नाटक हिंदू धार्मिक संस्थान और धर्मार्थ बंदोबस्ती अधिनियम, 1997 (Karnataka Hindu Religious Institutions and Charitable Endowments Act, 1997) ◆श्री काशी विश्वनाथ विशिष्ट क्षेत्र विकास परिषद अधिनियम, 2019 ◆उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन अधिनियम, 2019 (Uttarakhand Char Dham Devasthanam Management Act, 2019) ◆श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड अधिनियम, 1986 (Shri Mata Vaishno Devi Shrine Board Act, 1986) ◆आंध्र प्रदेश धार्मिक और धर्मार्थ बंदोबस्ती अधिनियम, 1987 (Andhra Pradesh Charitable and Hindu Religious Institutions and Endowments Act, 1987) ◆श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड अधिनियम, 2000 (३) सनातन धर्म का केन्द्र है हिंदू मंदिर ! इसलिए उन पर विशेष कानून बनाकर "सरकारी नियंत्रण" किया गया, जबकि अन्य धर्मों (जैसे मस्जिदों और चर्चों) के धार्मिक स्थलों पर यह नियंत्रण नहीं है ! जो अनुच्छेद 14 (समानता) और अनुच्छेद 26 का उल्लंघन है ! हिन्दू मन्दिरों पर सरकारी नियंत्रण होने से ◆आय का दुरुपयोग ! ◆जमीन व सम्पत्तियों की लूट ! ◆प्रबंधन में धार्मिक समुदाय की भागीदारी मे कमी ! ◆पारदर्शिता की कमी व भ्रष्टाचार मे वृद्धि ! (४) सनातन धर्म के विरुद्ध संविधानिक प्रावधान व कानून बनाने के लिए "जिम्मेदार" है - ◆डर या लालच से बदले सनातनी ! ◆सक्षम व स्वार्थी सनातनी ! ◆सेकुलर व डरपोक सनातनी ! ◆कुछ मठाधीश व धर्म के ठेकेदार ! ★जयश्रीकृष्ण★ सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिन्दुस्तानी #(210) #04/12/24 #dineshapna
Tuesday, 3 December 2024
★सक्षम, समृद्ध व वैज्ञानिक सनातन धर्म होने के बावजूद सनातन से धर्म परिवर्तन क्यों ?★ (१) सनातन धर्म में ●जाति व्यवस्था का कठोर रूप से पालन, भेदभाव और छुआछूत ने समाज के निचले तबके को हतोत्साहित किया ! कई बार इन वर्गों को समानता और सम्मान पाने के लिए अन्य धर्मों की ओर आकर्षित होना पड़ा, जैसे बौद्ध धर्म, इस्लाम और ईसाई धर्म ! ●आर्थिक और शैक्षिक असमानता के कारण गरीब और अशिक्षित वर्ग को अन्य धर्मों ने आर्थिक सहायता, शिक्षा और चिकित्सा सुविधा देकर अपनी ओर खींचा ! सनातन धर्म के अनुयायी कई बार इन वर्गों की मदद करने में असमर्थ रहे ! ●सनातन धर्म मे अपने रूढ़िवादी विचारों को सुधारने में देरी की, जैसे कि महिलाओं और दलितों के प्रति भेदभाव ! (२) धर्मगुरुओं और नेतृत्व की कमी के कारण ●सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार में समय पर नेतृत्व और सुधार का अभाव रहा ! धर्म को अधिक समावेशी बनाने की कोशिशें देर से शुरू हुईं। ●अज्ञानता और आध्यात्मिक ज्ञान का अभाव के कारण सनातन धर्म के गूढ़ सिद्धांतों और वेदों-उपनिषदों की शिक्षा को जन-जन तक नहीं पहुँचाया गया ! इसके विपरीत, अन्य धर्मों ने सरल और सुलभ तरीके से अपने सिद्धांतों का प्रचार किया ! (३) धार्मिक कट्टरता और आक्रामक धर्मांतरण के कारण ऐतिहासिक रूप से, (★धन से, ★बल से व ★धोखे से) इस्लामी आक्रमणों और ब्रिटिश शासन के दौरान जबरन धर्म परिवर्तन के कई उदाहरण मिलते हैं ! मिशनरियों द्वारा शिक्षा, स्वास्थ्य और सेवा के माध्यम से ईसाई धर्म का प्रचार भी धर्मांतरण का बड़ा कारण बना ! (४) सनातन से धर्म परिवर्तन रोकने के लिए (★आम जनता को व ★नेतृत्वकर्ताओ को) ●जाति, धर्म और लिंग के आधार पर भेदभाव समाप्त करना ! ●समाज के कमजोर वर्गों की सेवा और उन्हें समान अधिकार देना ! ●धर्मगुरुओ के नेतृत्व को सक्रिय और प्रगतिशील बनाना ! ●सनातन धर्म के मूल सिद्धांतों को सरल भाषा में प्रचारित करना ! ●आध्यात्मिकता और विज्ञान के बीच संतुलन बनाकर युवाओं को धर्म से जोड़ना ! ★जयश्रीकृष्ण★ सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिन्दुस्तानी #(209) #03/12/24 #dineshapna
Monday, 2 December 2024
★सनातन धर्म सक्षम, समृद्ध व वैज्ञानिक होने के बावजूद हम गुलाम क्यों रहे ?★ (१) कुछ सनातनी लोगों (आम / जनता) की गलतियों, कमजोरियों और परिस्थितियों के कारण हम गुलाम रहे ! ★आंतरिक विघटन - जाति-व्यवस्था का कठोर रूप, भेदभाव, और समाज में एकता की कमी ने हमें कमजोर किया ! ★सामूहिक उदासीनता - धर्म के गहन सिद्धांतों को समझने और उनका पालन करने के बजाय, कई लोगों ने केवल रूढ़ियों का पालन किया ! (२) कुछ सनातनी लोगों (खास / राजा) की गलतियों के कारण हम गुलाम रहे ! ★सामरिक दुर्बलता - सनातन धर्म के अनुयायी आत्मज्ञान और आध्यात्मिकता पर अधिक ध्यान केंद्रित करते रहे, जबकि कई बार सैन्य और राजनीतिक कौशल में पिछड़ गए ! हमारे पास महान योद्धा और राजा तो थे, लेकिन कई बार रणनीतिक एकता की कमी रही ! ★बाहरी आक्रमण - अरब, तुर्क, मुगल, और ब्रिटिश जैसे आक्रमणकारियों ने हमारी कमजोरियों का लाभ उठाया ! उन्होंने न केवल हमारे भौतिक संसाधनों को लूटा, बल्कि हमारी सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर को भी नुकसान पहुंचाया ! ★विदेशी षड्यंत्र और धोखा - बाहरी शक्तियों ने हमारे समाज को विभाजित करने के लिए षड्यंत्र रचे और उनकी ‘फूट डालो और राज करो’ नीति ने हमें और कमजोर किया ! (३) सनातन धर्म की कमजोरी नहीं है, बल्कि इसे सही रूप से समझने और लागू करने की आवश्यकता है ! ■ एकता और समरसता बढ़ानी होगी ! ■ आधुनिक विज्ञान और सैन्य कौशल में पारंगत होना होगा ! (४) सनातन धर्म अपनाने के साथ आत्मसात भी करे ! ■ धर्म के गहन और वैज्ञानिक पक्ष को समझकर रूढ़ियों से बचना होगा ! ■ संस्कृति और परंपराओं का सम्मान करते हुए उनमें समयानुकूल सुधार करना होगा ! ★जयश्रीकृष्ण★ सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिन्दुस्तानी #(208) #02/12/24 #dineshapna
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