Chartered Accountant,Social Activist,Political Analysist-AAP,Spritual Thinker,Founder of Life Management, From India, Since 1987.
Sunday, 22 December 2024
★केवल यह ही नहीं करें, किन्तु इससे पहले यह भी करें !★ (१) हम बात करते है कि "अपने अपने घर्म" को मानने की ! किन्तु हमे इससे पहले यह बात करनी चाहिए कि ◆ सभी धर्मों को संविधान व कानून के द्वारा "समान अधिकार व छूट" मिलनी चाहिए ! ◆ क्या कारण है कि "हिन्दू धर्म के साथ भेदभाव" कर रखा है ! ◆ "वर्तमान मे" हमे हिन्दू धर्म के साथ संविधान व कानून के भेदभाव को हटाने के लिए प्रयास किया जाना चाहिए जिससे अन्य धर्मों के साथ मनमुटाव व अनावश्यक लडाई झगड़ा नहीं हो ! ◆ "भविष्य मे" हमे हिन्दू - मुसलमानों को मिलकर आवाज उठानी चाहिए कि दोनों धर्मों के लिए समान कानून हो व देश मे पूर्ण धर्मनिरपेक्षता लागू हो ! (२) हम बात करते है कि "मन्दिर निर्माण व सुरक्षा" की तो यह कार्य आपसी प्रेम व सद्भाव से हो ! किन्तु हमे इससे पहले यह बात करनी चाहिए कि ◆ हमें मन्दिरों के निर्माण के साथ उसकी सुरक्षा की कार्य योजना व उसके लिए कार्य भी करना चाहिए ! ◆ क्या कारण है कि "हमारे मन्दिरों को तोड़कर मस्जिद बनाई गई ? इसके लिए हमें आपस मे लड़ना नहीं चाहिए, उसके विपरीत हमें प्रेम व समझदारी से उसका समाधान निकालना चाहिए ! ◆ "वर्तमान मे" हमें यह सोचना चाहिए कि पुराने मन्दिरों को मुगलों व आतताईयों ने तोड़ा था, जो आज नहीं है ! अभी संघर्ष "सनातनियों व कन्वटेड सनातनियों (भूतपूर्व सनातनी)" के बीच मे है तो समाधान भी दोनों को ही मिलकर निकालना चाहिए ! ◆ "भविष्य मे" हम "सनातनियों व कन्वटेड सनातनियों (भूतपूर्व सनातनी)" को मिलकर यह निर्णय लेना चाहिए कि पुराने सभी मन्दिर हिन्दुओं को लौटा दे किन्तु इसके पूर्व उसके एवज मे हिन्दू नई मस्जिद बनाकर दे ! (३) हम बात करते है कि "समाज सेवा" की ! किन्तु हमे इससे पहले यह बात करनी चाहिए कि ◆ हम "समाज सेवा से ज्यादा स्व सेवा" करने का कार्य नहीं करे तथा ऐसा करने वालों की सच्चाई समाज के सामने लाने का कार्य करके "सच्ची समाज सेवा" करें ! ◆ क्या कारण है कि "करोड़ों रुपए समाज सेवा" पर खर्च करने के बाद भी समाज का व्यक्ति ऊपर नहीं उठ पा रहा है ? ◆ "वर्तमान मे" हम ज्यादातर समाज सेवा उस धन से कर रहे है जो हमने समाज से ही लूटा / वसूला गया ! ◆ "भविष्य मे" हम ज्यादातर लोग समाज से अत्यधिक धन लूटे / वसूले नहीं, तो कम मात्रा मे समाज सेवा करने से ही काम आसानी से चल जायेगा ! (४) हम बात करते है कि "देश सेवा" की ! किन्तु हमे इससे पहले यह बात करनी चाहिए कि ◆ क्या हम देश सेवा के नाम पर हम "स्व सेवा / कुर्सी सेवा" कर रहे है ? ◆ क्या कारण है कि "देश सेवा" हम सभी राजनैतिक दल व पूँजीपति कर रहे है तो भी हमारे देशवासी खुश व समृद्ध नहीं हो पा रहे है और देश भी सुरक्षित नहीं रह पा रहा है ? ◆ "वर्तमान मे" हम सभी राजनैतिक दल एकजुट होकर देशहित मे कार्य नहीं करने के कारण एक दल "देशसेवा" कर रहा है तो दूसरा दल "विपरीत देशसेवा" करके टाँग खिच रहा है, इस कारण "परिणाम शून्य" आ रहा है ! ◆ "भविष्य मे" हमे "देशसेवा व देशहित" को परिभाषित करने के साथ हम सभी (पक्ष - विपक्ष दलों तथा अमीर - गरीब लोगों) को मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है ! इससे थोड़ी-सी देश सेवा करना भी पर्याप्त होगा ! देशसेवा व समाजसेवा के चार उदाहरण जैसे - ●देश सुरक्षा, ●सरकारी सम्पत्तियों की सुरक्षा तथा ●कम व पारदर्शी मुनाफे के साथ व्यापार, ●मिलावट नहीं करना ! ★जयश्रीकृष्ण★ सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिन्दुस्तानी #(218) #22/12/24 #dineshapna
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment