Chartered Accountant,Social Activist,Political Analysist-AAP,Spritual Thinker,Founder of Life Management, From India, Since 1987.
Tuesday, 3 December 2024
★सक्षम, समृद्ध व वैज्ञानिक सनातन धर्म होने के बावजूद सनातन से धर्म परिवर्तन क्यों ?★ (१) सनातन धर्म में ●जाति व्यवस्था का कठोर रूप से पालन, भेदभाव और छुआछूत ने समाज के निचले तबके को हतोत्साहित किया ! कई बार इन वर्गों को समानता और सम्मान पाने के लिए अन्य धर्मों की ओर आकर्षित होना पड़ा, जैसे बौद्ध धर्म, इस्लाम और ईसाई धर्म ! ●आर्थिक और शैक्षिक असमानता के कारण गरीब और अशिक्षित वर्ग को अन्य धर्मों ने आर्थिक सहायता, शिक्षा और चिकित्सा सुविधा देकर अपनी ओर खींचा ! सनातन धर्म के अनुयायी कई बार इन वर्गों की मदद करने में असमर्थ रहे ! ●सनातन धर्म मे अपने रूढ़िवादी विचारों को सुधारने में देरी की, जैसे कि महिलाओं और दलितों के प्रति भेदभाव ! (२) धर्मगुरुओं और नेतृत्व की कमी के कारण ●सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार में समय पर नेतृत्व और सुधार का अभाव रहा ! धर्म को अधिक समावेशी बनाने की कोशिशें देर से शुरू हुईं। ●अज्ञानता और आध्यात्मिक ज्ञान का अभाव के कारण सनातन धर्म के गूढ़ सिद्धांतों और वेदों-उपनिषदों की शिक्षा को जन-जन तक नहीं पहुँचाया गया ! इसके विपरीत, अन्य धर्मों ने सरल और सुलभ तरीके से अपने सिद्धांतों का प्रचार किया ! (३) धार्मिक कट्टरता और आक्रामक धर्मांतरण के कारण ऐतिहासिक रूप से, (★धन से, ★बल से व ★धोखे से) इस्लामी आक्रमणों और ब्रिटिश शासन के दौरान जबरन धर्म परिवर्तन के कई उदाहरण मिलते हैं ! मिशनरियों द्वारा शिक्षा, स्वास्थ्य और सेवा के माध्यम से ईसाई धर्म का प्रचार भी धर्मांतरण का बड़ा कारण बना ! (४) सनातन से धर्म परिवर्तन रोकने के लिए (★आम जनता को व ★नेतृत्वकर्ताओ को) ●जाति, धर्म और लिंग के आधार पर भेदभाव समाप्त करना ! ●समाज के कमजोर वर्गों की सेवा और उन्हें समान अधिकार देना ! ●धर्मगुरुओ के नेतृत्व को सक्रिय और प्रगतिशील बनाना ! ●सनातन धर्म के मूल सिद्धांतों को सरल भाषा में प्रचारित करना ! ●आध्यात्मिकता और विज्ञान के बीच संतुलन बनाकर युवाओं को धर्म से जोड़ना ! ★जयश्रीकृष्ण★ सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिन्दुस्तानी #(209) #03/12/24 #dineshapna
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