Wednesday, 10 September 2025

★ *भारत सनातन धर्म से चले !* ★ *(संविधान = सनातन)* क्योंकि भारतीय संविधान और सनातन धर्म (वैदिक/धार्मिक परंपरा) के बीच पाँच प्रमुख व महत्वपूर्ण समानताएँ हैं :— 1. *सर्वधर्म समभाव और समानता का सिद्धांत* :- *संविधान* – अनुच्छेद 14 से 18 तक सभी नागरिकों को समानता का अधिकार दिया गया है, जाति, धर्म, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर भेदभाव निषिद्ध है। *सनातन धर्म* – “सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः” के भाव से सभी जीवों को समान मानने की परंपरा। 2. *धर्म और नीति पर आधारित शासन* :- *संविधान* – राज्य नीति के निर्देशक तत्व (Directive Principles) में न्याय, समानता, समाजकल्याण आधारित शासन की व्यवस्था। *सनातन धर्म* – “राजा धर्मेण पृथिवीं रक्षेत्” अर्थात राजा (शासनकर्ता) को धर्म और न्याय से राज्य चलाना चाहिए। 3. *लोक कल्याण का उद्देश्य* :- *संविधान* – जनता के कल्याण के लिए समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य का ढांचा। *सनातन धर्म* – “परहित सरिस धर्म नहि भाई” (तुलसीदास) और वेदों में “संगच्छध्वं संवदध्वं” का संदेश, जिसमें सामूहिक कल्याण को सर्वोच्च माना गया। 4. *अहिंसा और सहिष्णुता* :- *संविधान* – मौलिक अधिकारों में अभिव्यक्ति, धर्म और आस्था की स्वतंत्रता दी गई है, ताकि सब एक-दूसरे का सम्मान करें। *सनातन धर्म* – “अहिंसा परमो धर्मः” का सिद्धांत, जिसमें सहिष्णुता और परस्पर आदर का भाव है। 5. *कर्तव्य और उत्तरदायित्व* :- *संविधान* – अनुच्छेद 51A में प्रत्येक नागरिक के मौलिक कर्तव्य निर्धारित किए गए हैं। *सनातन धर्म* – “स्वधर्मे निधनं श्रेयः” (गीता), अर्थात प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य पालन सर्वोपरि है। सीए दिनेश चन्द्र सनाढ्य #एक हिन्दुस्तानी (40) #10/09/25 #dineshapna


 

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