★★ सत्य व तथ्य ★★ ◆अतिक्रमण और उसका अंत◆ सड़क, नाले, तालाब और चौक, हर जगह फैला अतिक्रमण का शोक। सरकारी ज़मीन, गौचर और पार्क, लोगों ने घेर लिये, बना डाला झोंपड़-झोंपार्क। दुकानदार, व्यापारी, घर बनाने वाले, राजनीतिक संरक्षण से ताकत दिखाने वाले। धार्मिक मंच, बोर्ड और विज्ञापन, हर मोड़ पर दिखते हैं कब्ज़े के प्रावधान। क्यों होता है? – जनसंख्या का दबाव, योजनाओं की कमी, प्रशासनिक ठहराव। लोभ और लालच का है इसमें रंग, कानून की ढील से बढ़ा इसका ढंग। पर क्या नुकसान – सड़कें हों जाम, जलभराव से डूबे शहर और ग्राम। सुरक्षा घटे, दुर्घटनाएँ बढ़ें, सार्वजनिक हक़ में अन्याय चढ़े। फिर उपाय है – क़ानून का बल, धारा 91 राजस्व अधिनियम का पल। CrPC 133 का आदेश कठोर, अवैध ढाँचे गिरें, हटे हर ठौर। नोटिस, पंचनामा, आदेश स्पष्ट, अतिक्रमण हटे तो शासन सशक्त। जन-जागरूकता, सीमांकन का काम, तभी बनेगा अतिक्रमण-मुक्त भारत महान। सीए दिनेश चन्द्र सनाढ्य #एक हिन्दुस्तानी (36) #06/09/25 #dineshapna
No comments:
Post a Comment