Chartered Accountant,Social Activist,Political Analysist-AAP,Spritual Thinker,Founder of Life Management, From India, Since 1987.
Sunday, 5 October 2025
★ *सत्य की राह — कलियुग का सच्चा धर्म* ★ *सत्य की राह* कठिन सही, पर उजियारा देती है, ईमानदारी हर दिल को भरोसे से सेती है। जो झूठ के साए से खुद को बचा लेता है, वही जीवन में सच्ची सफलता पा लेता है। *झूठ की डोर* कुछ पल चमक जरूर दिखाती है, पर अंत में सच्चाई ही जीत कर जाती है। बेईमानी से पाया धन टिकता नहीं जहाँ, वह जीवन तो बस छलावा बन रह जाता है। *कलियुग में भी सच्चाई* को अपनाना चाहिए, ईमान से हर कर्म को निभाना चाहिए। लोभ-झूठ से दूर रह कर मन को साफ रखो, यही मानव धर्म है — यही जग में जीत चाहिए। *सीए दिनेश चन्द्र सनाढ्य* #एक हिन्दुस्तानी (55) #05/10/25 #dineshapna
Friday, 3 October 2025
★ *अतिक्रमण, मिलावट व भ्रष्टाचार* ★ ★ *आम जनता के सबसे बडे दुश्मन* ★ (१) *अतिक्रमण* :- 1. अतिक्रमण सार्वजनिक सम्पत्ति और जनहित पर आघात है। 2. यह यातायात, स्वच्छता और व्यवस्था को बाधित करता है। 3. अतिक्रमण हटाना कानून के साथ समाज की जिम्मेदारी भी है। (२) *मिलावट* :- 1. मिलावट सीधे नागरिकों के स्वास्थ्य और जीवन पर हमला है। 2. यह ईमानदार व्यापार की जड़ें कमजोर करती है। 3. मिलावटखोरी समाज और राष्ट्र दोनों को खोखला करती है। (३) *भ्रष्टाचार* :- 1. भ्रष्टाचार विकास की गति को रोकता है। 2. यह असमानता और अन्याय को जन्म देता है। 3. भ्रष्टाचार से प्रशासन व लोकतंत्र की नींव हिलती है। सीए दिनेश चन्द्र सनाढ्य #एक हिन्दुस्तानी (54) #03/10/25 #dineshapna
Wednesday, 1 October 2025
★ *2 अक्टूम्बर, 2025 को तीन महान सन्देशों का संगम है !* ★ (*◆शान्ति, ◆सादगी व ◆साहस का समन्वय*) (१) *महात्मा गांधी* का अहिंसा, सत्य और करुणा का मार्ग, (२) *लाल बहादुर शास्त्री* का सादगी, ईमानदारी और "जय जवान जय किसान" का आदर्श, (३) *श्रीराम* का विजय उत्सव (दशहरा), जो धर्म की स्थापना और अधर्म पर विजय का प्रतीक है। 💐 *तीनों महान सन्देशों में समन्वय* :- *तीनों का मूल संदेश एक ही है – सत्य, धर्म और समाजहित।* गांधी जी ने कहा – अहिंसा से सत्य की रक्षा करो। शास्त्री जी ने कहा – ईमानदारी और परिश्रम से देश की रक्षा करो। श्रीराम ने दिखाया – जब अधर्म बढ़े तो धर्म की स्थापना के लिए साहसिक कदम उठाओ। 👉 इन तीनों में यह समन्वय है कि जीवन में हमें *शांति* भी चाहिए, *सादगी* भी चाहिए और *साहस* भी चाहिए। 💐 *एक सामूहिक संदेश* :- 2 अक्टूबर, 2025 हमें यह सन्देश देता है कि समाज और राष्ट्र निर्माण के लिए :- 👉 गांधी जी का सत्य व अहिंसा, 👉 शास्त्री जी की सादगी व ईमानदारी, 👉 और श्रीराम का धर्म और पराक्रम । *तीनों को साथ लेकर चलना आवश्यक है।* न तो केवल अहिंसा से समाज बचेगा, न केवल शक्ति से और न केवल सादगी से, बल्कि *तीनों का संतुलित संगम ही सच्चे भारत का निर्माण करेगा।* सीए दिनेश चन्द्र सनाढ्य #एक हिन्दुस्तानी (53) #02/10/25 #dineshapna
★ *"एक" दिन (02/10/25)* *किन्तु "दो" दिवस* ★ (*अहिंसा रखें* "या" *धर्म रक्षार्थ हिंसा*) एक ही सूरज, दो दीपक जले, गाँधी की प्रतिमा, राम की गाथा चले। एक ने कहा – *“अहिंसा है शक्ति”*, दूसरे ने दिखाया – *“धर्म-युद्ध है भक्ति”*। *गाँधी बोले – सत्याग्रह अपनाओ*, अंग्रेजी जंजीरों को प्रेम से हटाओ। *राम ने कहा* – अधर्म जब छाए, *शस्त्र उठाओ*, सत्य को बचाए। सवाल खड़ा है – किसे मानें सही? क्या वाणी से टूटेगी जंजीर कहीं? या फिर रणभूमि में जब अन्याय बढ़े, *तो धर्म-सेना ही विजय पथ गढ़े*? निर्णय यही है, समय का संकेत, सत्य के लिए दोनों साधन उपयुक्त हैं विशेष। *जहाँ संवाद से शांति संभव हो*, वहाँ *अहिंसा से ही विजय* निश्चय हो। पर *जब अत्याचार सीमा लांघे*, तो राम का *धनुष ही धर्म संभाले*। इसलिए जीवन का संदेश यही, *“सत्य और धर्म ही दोनों पथ सही।”* *कभी गाँधी का मार्ग, कभी राम की ज्योति*, दोनों मिलकर देती हैं मानव को स्वाधीनता की ओटि। सीए दिनेश चन्द्र सनाढ्य #एक हिन्दुस्तानी (52) #01/10/25 #dineshapna
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