Chartered Accountant,Social Activist,Political Analysist-AAP,Spritual Thinker,Founder of Life Management, From India, Since 1987.
Wednesday, 17 September 2025
★ *भारत क्यों बना पराधीन?* ★ राज्य-राज्य में *बंटा हुआ* भारत, एकता का दीप न जल सक *स्वार्थ-लाभ* की अंधी दौड़ में, भाई-भाई संग चल न सका। साम्राज्य भीतर कलह थी भारी, *विश्वासघात* का खेल चला, *संगठित शत्रु* बाहर से आए, धरती का वैभव सब लुटा। सैन्य-पद्धति रही *पुरानी*, वे *तोप-तलवार* संग आए, हम जूझते रहे परंपरा में, वे नई तकनीक अपनाए। *जाति, संप्रदाय, भाषा* के बंधन, समाज को कर गए कमजोर, *राष्ट्र-भावना* जब नहीं जागी, दुश्मन पा गए हर एक दौर। *“सोने की चिड़िया”* कहलाने वाली, समृद्धि का बना था जाल, *लालच में* आकर आक्रांताओं ने, भारत को कर दिया कंगाल। सीए दिनेश चन्द्र सनाढ्य #एक हिन्दुस्तानी (44) #17/09/25 #dineshapna
Monday, 15 September 2025
★ संविधान की *धारा 30 का सच !* ★ *नेहरू* की कलम से निकला था एक प्रावधान, *पटेल* ने कहा – यह सनातन पर प्रहार समान। कहा था उन्होंने – "यह है विश्वासघात, *हिंदुओं की आस्था पर क्यों यह कठोर प्रहार?*" *मदरसों में गूँजे कलमा, कॉन्वेंट में बाइबल*, गीता-उपनिषद पर क्यों लगा प्रतिबंध का जाल? *मंदिरों का धन सरकार के हाथों बंधा*, चर्च-मस्जिद को स्वतंत्रता का अधिकार मिला। *धारा 30 बनी एक विचित्र दास्तान*, *जहाँ अपने ही घर में पराया है सनातन ज्ञान*। गुरुकुल की ज्योति क्यों बुझाई गई, संस्कृति की जड़ों को क्यों मिटाई गई? हे भारत! उठो और सवाल करो, अपने ग्रंथों का मान फिर बहाल करो। *गीता का प्रकाश हर विद्यालय में फैले*, *वैदिक परंपरा फिर से संतानों में खेले*। *यह अन्याय, नहीं अब सहा जाएगा*, सनातन का दीप फिर प्रज्वलित होगा। *धारा 30 का सच सबको बताना है*, धर्म और संस्कृति का गौरव लौटाना है। सीए दिनेश चन्द्र सनाढ्य #एक हिन्दुस्तानी (43) #15/09/25 #dineshapna
Sunday, 14 September 2025
★ *कानून से भी बढ़ा है वक्त* ★ (अजमेर की झील मे बने *"सात वन्डर"* !) (नाथूवास तालाब मे बने *"नौ बंगले"* !) *सात आश्चर्यों* के किस्से सुनते, पर *नौ बंगलों* का सपना कब चुनते? धन और दौलत से क्या होगा, जन का हक कब सच्चा होगा? जल और झील तो हमने बचाए, पर प्रकृति का आँगन कब मुस्काए? हरियाली का संदेश कब फैलेगा, प्रदूषण का अंधेरा कब छंटेगा? *अजमेर की झील* ने दी पुकार, *नाथूवास तालाब* का कब होगा उद्धार? धरती के आँचल को कब सजाएँगे, सूखते जलस्रोतों को कब बचाएँगे? *जल की बूँद* तो हमने थाम ली, पर *जीवन में मिलावट* क्यों आम रही? सत्य, ईमान का दीप कब जलेगा, निर्मल अन्न ही थाली में कब मिलेगा? कानून से भी बढ़ा है वक्त का सवाल, जवाब चाहिए हम सबको तत्काल। बदलाव का बीज मन में बोना होगा, भारत को सच्चा हिन्दुस्तान बनाना होगा। सीए दिनेश चन्द्र सनाढ्य #एक हिन्दुस्तानी (42) #14/09/25 #dineshapna
Saturday, 13 September 2025
★ कानून से भी बढ़ा है वक्त ! ★ (१) "सात" आश्चर्य के बाद "नौ" बंगलो का वक्त कब आयेगा ! (२) "जल व झील" के बाद 'प्रकृति व पर्यावरण" का वक्त कब आयेगा ! (३) "अजमेर झील" तो बचाने के बाद "नाथूवास तालाब" का वक्त कब आयेगा ! (४) "जल" तो बचा लिया, "मिलावट" से मुक्ति कब मिलेगी ! सीए दिनेश चन्द्र सनाढ्य #एक हिन्दुस्तानी (41) #13/09/25 #dineshapna
Wednesday, 10 September 2025
★ *भारत सनातन धर्म से चले !* ★ *(संविधान = सनातन)* क्योंकि भारतीय संविधान और सनातन धर्म (वैदिक/धार्मिक परंपरा) के बीच पाँच प्रमुख व महत्वपूर्ण समानताएँ हैं :— 1. *सर्वधर्म समभाव और समानता का सिद्धांत* :- *संविधान* – अनुच्छेद 14 से 18 तक सभी नागरिकों को समानता का अधिकार दिया गया है, जाति, धर्म, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर भेदभाव निषिद्ध है। *सनातन धर्म* – “सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः” के भाव से सभी जीवों को समान मानने की परंपरा। 2. *धर्म और नीति पर आधारित शासन* :- *संविधान* – राज्य नीति के निर्देशक तत्व (Directive Principles) में न्याय, समानता, समाजकल्याण आधारित शासन की व्यवस्था। *सनातन धर्म* – “राजा धर्मेण पृथिवीं रक्षेत्” अर्थात राजा (शासनकर्ता) को धर्म और न्याय से राज्य चलाना चाहिए। 3. *लोक कल्याण का उद्देश्य* :- *संविधान* – जनता के कल्याण के लिए समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य का ढांचा। *सनातन धर्म* – “परहित सरिस धर्म नहि भाई” (तुलसीदास) और वेदों में “संगच्छध्वं संवदध्वं” का संदेश, जिसमें सामूहिक कल्याण को सर्वोच्च माना गया। 4. *अहिंसा और सहिष्णुता* :- *संविधान* – मौलिक अधिकारों में अभिव्यक्ति, धर्म और आस्था की स्वतंत्रता दी गई है, ताकि सब एक-दूसरे का सम्मान करें। *सनातन धर्म* – “अहिंसा परमो धर्मः” का सिद्धांत, जिसमें सहिष्णुता और परस्पर आदर का भाव है। 5. *कर्तव्य और उत्तरदायित्व* :- *संविधान* – अनुच्छेद 51A में प्रत्येक नागरिक के मौलिक कर्तव्य निर्धारित किए गए हैं। *सनातन धर्म* – “स्वधर्मे निधनं श्रेयः” (गीता), अर्थात प्रत्येक व्यक्ति का कर्तव्य पालन सर्वोपरि है। सीए दिनेश चन्द्र सनाढ्य #एक हिन्दुस्तानी (40) #10/09/25 #dineshapna
Tuesday, 9 September 2025
.*एक चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA)* सिर्फ तकनीकी विशेषज्ञ नहीं, बल्कि *विश्वास और नैतिकता का प्रतीक* भी होता है। इसके लिए **ICAI आचार संहिता* के अनुसार पाँच महत्वपूर्ण नैतिक गुण होने चाहिए, जो अन्य पेशेवरो से अलग बनाते हैं :- 1. **ईमानदारी (Integrity)** – हर व्यावसायिक और पेशेवर संबंध में सीधे, निष्पक्ष, सच्चे और ईमानदार रहना। 2. **निष्पक्षता (Objectivity)** – पक्षपात, हितों के टकराव या दूसरों के अनुचित प्रभाव से बचना ताकि पेशेवर निर्णय प्रभावित न हो। 3. **व्यावसायिक दक्षता और उचित देखभाल (Professional Competence and Due Care)** – अपने ज्ञान और कौशल को लगातार बनाए रखना, सावधानीपूर्वक कार्य करना और लागू मानकों व कानूनों के अनुरूप सेवाएं प्रदान करना। 4. **गोपनीयता (Confidentiality)** – पेशेवर कार्य के दौरान प्राप्त जानकारी की गोपनीयता बनाए रखना और बिना उचित अनुमति के उसका खुलासा न करना, जब तक कि कानून इसकी मांग न करे। 5. **पेशेवर आचरण (Professional Behaviour)** – CA को हमेशा कानून, ICAI नियमों और प्रोफेशन की गरिमा बनाए रखनी चाहिए। तथा ऐसे किसी भी कार्य से बचना चाहिए जिससे पेशे की बदनामी हो। सीए दिनेश चन्द्र सनाढ्य #एक चार्टर्ड एकाउन्टेंट (39) #09/09/25 #dineshapna
Monday, 8 September 2025
*चार्टर्ड एकाउंटेंट (CA)* की प्रोफेशनल कार्यों (एकाउंटिंग, आँडिटिग व टैक्सेशन) के अलावा *समाज व देश निर्माण मे भागीदारी भी निभाते है* : – 1. *ईमानदारी और नैतिकता का प्रसार* – समाज को सही वित्तीय व्यवहार, पारदर्शिता व नैतिक मूल्यों के पालन हेतु प्रेरित करना। 2. *वित्तीय साक्षरता का प्रचार* – आमजन को टैक्स, बचत, निवेश व सरकारी योजनाओं की जानकारी देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना। 3. *भ्रष्टाचार एवं काले धन पर रोक* – अनियमितताओं की पहचान कर देश की अर्थव्यवस्था को पारदर्शी व मजबूत बनाने में योगदान देना। 4. *सामाजिक दायित्व निर्वहन* – शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण व जनहित कार्यों में सक्रिय भागीदारी करना। 5. *नीतिगत सहयोग* – सरकार व संस्थाओं को वित्तीय सुधार, नीतियों के क्रियान्वयन और अर्थव्यवस्था के विकास हेतु विशेषज्ञ राय प्रदान करना। सीए दिनेश चन्द्र सनाढ्य #एक चार्टर्ड एकाउन्टेंट (38) #08/09/25 #dineshapna
Sunday, 7 September 2025
★ सत्य एक अलग दृष्टिकोण से ! ★ ★ भक्ति और आचरण ★ मर्यादा के दीप से जीवन को सजाएँ, राम के धनुष की दृढ़ता से सदा राह पाएँ। करुणा की धारा कठोरता में बहे, सत्य के पथ पर ही सच्ची पूजा रहे। कृष्ण की बांसुरी मधुर राग सुनाए, पर सुदर्शन चक्र से अधर्म मिटाए। माधुर्य और पराक्रम का अनुपम संगम, धर्म रक्षा हेतु करें हर एक कदम। भगवान की पूजा केवल मंदिरों में न हो, उनके आचरण का संकल्प जीवन में हो। स्मरण ही नहीं, अनुसरण भी करें, तभी भक्ति के सागर को गहराई भरें। गुणगान के संग कर्तव्य को निभाएँ, भक्ति और धर्म का संगम जगाएँ। राम, कृष्ण और ईश्वर का यही संदेश, जीवन बने धर्ममय, उज्ज्वल और विशेष। सीए दिनेश चन्द्र सनाढ्य #एक हिन्दुस्तानी (37) #07/09/25 #dineshapna
Friday, 5 September 2025
★★ सत्य व तथ्य ★★ ◆अतिक्रमण और उसका अंत◆ सड़क, नाले, तालाब और चौक, हर जगह फैला अतिक्रमण का शोक। सरकारी ज़मीन, गौचर और पार्क, लोगों ने घेर लिये, बना डाला झोंपड़-झोंपार्क। दुकानदार, व्यापारी, घर बनाने वाले, राजनीतिक संरक्षण से ताकत दिखाने वाले। धार्मिक मंच, बोर्ड और विज्ञापन, हर मोड़ पर दिखते हैं कब्ज़े के प्रावधान। क्यों होता है? – जनसंख्या का दबाव, योजनाओं की कमी, प्रशासनिक ठहराव। लोभ और लालच का है इसमें रंग, कानून की ढील से बढ़ा इसका ढंग। पर क्या नुकसान – सड़कें हों जाम, जलभराव से डूबे शहर और ग्राम। सुरक्षा घटे, दुर्घटनाएँ बढ़ें, सार्वजनिक हक़ में अन्याय चढ़े। फिर उपाय है – क़ानून का बल, धारा 91 राजस्व अधिनियम का पल। CrPC 133 का आदेश कठोर, अवैध ढाँचे गिरें, हटे हर ठौर। नोटिस, पंचनामा, आदेश स्पष्ट, अतिक्रमण हटे तो शासन सशक्त। जन-जागरूकता, सीमांकन का काम, तभी बनेगा अतिक्रमण-मुक्त भारत महान। सीए दिनेश चन्द्र सनाढ्य #एक हिन्दुस्तानी (36) #06/09/25 #dineshapna
Thursday, 4 September 2025
★★ सत्य व तथ्य ★★ ● शिक्षक दिवस ● (१) शिक्षक ज्ञान के दीप हैं, भविष्य करे निर्माण। संस्कारों से सिंच सके, जीवन में सम्मान॥ (२) पढ़ना ही न सिखाएँ वो, जीने की भी राह। सत्य, धर्म, परिश्रम जहाँ, बनता ऊँचा चाह॥ (३) शिक्षा संग जब ज्ञान हो, पढ़ाई से ज्ञानी। विवेक, न्याय, सत्य से, बढ़े प्रतिष्ठा प्राणी॥ (४) गुरु का मान जहाँ घटे, समाज वहीं दुर्बल। राष्ट्र वहाँ निर्बल बने, संकट घेरे हर पल॥ (५) विद्यालय जब गुरुकुल, शिक्षक बनें गुरु सत्य। भारत फिर विश्वगुरु हो, जग में चमके ज्योति॥ सीए दिनेश चन्द्र सनाढ्य #एक हिन्दुस्तानी (35) #05/09/25 #dineshapna
★★ सत्य व तथ्य ★★ "मिलावट पर न्याय की पुकार" हे न्यायालय! आमजन की व्यथा सुनिए, धन का नुकसान, धर्म का अपमान, और सबसे बड़ा, जीवन का अवसान— यह सब मिलावट की भेंट चढ़ रहा है। हे सरकार! आपकी जिम्मेदारी है यह सुनिश्चित करना, कि हर नागरिक को शुद्ध वस्तु मिले, न कि ज़हर घुला अन्न, दूध और दवा। मिलावटखोरों के पास न कानून का डर है, न शासन का खौफ़। वे खुलेआम खेल रहे हैं जनता की सेहत और जीवन से। हम निवेदन करते हैं— मिलावट पर बने सख़्त कानून, निर्णय एक माह के भीतर हो, और प्रशासन ठोस कदम उठाए। हमारी याचना है— आमजन को मिले गारंटी, शुद्ध वस्तु की, न्यायपूर्ण जीवन की। हे मान्यवर! जब तक मिलावट पर प्रहार नहीं होगा, तब तक जन-विश्वास टूटा रहेगा। हम चाहते हैं न्याय, हम चाहते हैं शुद्धता, हम चाहते हैं जीवन की सुरक्षा। सीए दिनेश चन्द्र सनाढ्य #एक हिन्दुस्तानी (34) #04/09/25 #dineshapna
Monday, 1 September 2025
★★ सत्य व तथ्य ★★ ★ आत्मनिर्भर भारत ★ नेहरू ने सपनों का महल बनाया, पर आयात पर ही देश को झुकाया। उद्योग खड़े हुए, पर हाथ बंधे रहे, लाइसेंस-परमिट में सब फँसे रहे। शास्त्री ने "जय जवान, जय किसान" का नारा दिया, कठिन हालातों में साहस का सितारा दिया। पर फिर भी आत्मनिर्भरता का स्वर दबा रहा, विदेशी मदद पर ही भारत टिका रहा। इंदिरा के काल में बैंकों का राष्ट्रीयकरण हुआ, गरीबी हटाओ का उद्घोष हर गली में हुआ। पर आयात-निर्यात संतुलन डगमगाता रहा, आत्मनिर्भर भारत का सपना अधूरा सा रहा। राजीव ने कंप्यूटर युग की नींव सजाई, पर आयातित तकनीक की राह अपनाई। गाँव-गाँव तक पहुँच न सका वो प्रकाश, स्वदेशी आत्मनिर्भरता का न हो सका विकास। मनमोहन के सुधारों से अर्थव्यवस्था खुली, पर आयात पर निर्भरता और गहराई घुली। विदेशी निवेश ने गति तो दी सही, पर आत्मनिर्भरता की जड़ें कमजोर रही। ◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆ ★ आत्मनिर्भर भारत ★ स्वदेशी की लौ जलाई मोदी ने, जन-जन में शक्ति जगाई मोदी ने। आओ बनें हम खुद के सहायक, भारत को दें आत्मनिर्भर आयाम अनोखे। "वोकल फॉर लोकल" का नारा है, हर दिल में नया उजियारा है। मिट्टी की खुशबू, गाँव की शान, अब बनेगी दुनिया में पहचान। किसान, जवान और व्यापारी, सबकी मेहनत है सबसे न्यारी। संगठन, संस्कार और संस्कृती, यही है भारत की असली शक्ति। मोदी जी का संदेश यही, देशवासियों का संकल्प यही। अपने बल पर आगे बढ़ें, भारत को विश्वगुरु फिर गढ़ें। आओ मिलकर शपथ उठाएँ, आत्मनिर्भर भारत का सपना सजाएँ। हर भारतवासी बने प्रहरी, यही है सशक्त, स्वावलंबी डगर हमारी। ◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆ ★ आत्मनिर्भर भारत की हकीकत ★ आज मोदी के "आत्मनिर्भर भारत" ने दिया संदेश, "लोकल से वोकल" बनो, यही है विशेष। मेक इन इंडिया से उद्योग जगाए, स्वदेशी सम्मान का दीप जलाए। अब लक्ष्य है खुद पर विश्वास जगाना, विदेशी बेड़ियों से मुक्त हो जाना। आत्मनिर्भर भारत की यही पुकार, भारत बने विश्वगुरु, जग में अपार। सीए दिनेश चन्द्र सनाढ्य #एक हिन्दुस्तानी (33) #01/09/25 #dineshapna
Wednesday, 27 August 2025
★ *श्रीगणेश चतुर्थी की शुभकामनाएँ !* ★ ■ श्रीगणेश जी की पूजा करें, ध्यान करें, पाठ करें, दर्शन करे, सुख शान्ति की प्रार्थना करें, आशिर्वाद ले, साथ मे *उनके कर्म, सन्देश व दर्शन को आत्मसात जरूर करे !* ■ गणेश जी के दो हाथों मे *अभयमुद्रा*, व *मोदक*, से शान्ति, तो शेष दो हाथों मे *खड्ग / तलवार* व *पाश (फंदा / रस्सी)* से अशांति पैदा करने वालों का नाश करके शान्ति कायम करने का सन्देश है, अतः उसको आत्मसात जरूर करें ! ■ भगवान श्रीगणेश जी को सामान्यतः चार भुजाओं मन निम्न प्रतीक / आयुध दिखाई देते हैं – 1. *निचला दायाँ हाथ* – अभयमुद्रा (सुरक्षा व आशीर्वाद प्रदान करने की मुद्रा) 2. *निचला बायाँ हाथ* – मोदक (ज्ञान, आनंद और प्रसन्नता का प्रतीक) 3. *ऊपरी दायाँ हाथ* – खड्ग / तलवार (अज्ञान और अन्याय का नाश करने का प्रतीक) 4. *ऊपरी बायाँ हाथ* – पाश (फंदा / रस्सी) (माया और आसक्ति को बाँधने व नियंत्रण करने का प्रतीक) ■ *श्रीगणेश जी को आत्मसात करके* अपने जीवन मे सुख, शान्ति व आनंद की प्राप्ति करें ! सीए दिनेश चन्द्र सनाढ्य #एक हिन्दुस्तानी (32) #27/08/25 #dineshapna
Monday, 25 August 2025
★ *AI Innovation Summit – CIRC 2025, Jaipur* ★ ★ *Invite as a Guest – Chairman, Rajsamand Branch* ★ It is indeed an honour to welcome *Hon’ble Chief Minister of Rajasthan Shri Bhajan Lal Sharma ji* and *Hon’ble Cabinet Minister Colonel Rajyavardhan Singh Rathore ji* (IT, Industry & Commerce, Youth Affairs & Sports) at this historic AI Innovation Summit 2025, hosted by Jaipur Branch of CIRC of ICAI on 22–23 August 2025. ◆ My heartfelt gratitude to our respected Central Council Members *CA Satish Gupta* Sir and *CA Rohit Ruwatia* Sir for their visionary leadership and flawless execution of this landmark event. ◆ Sincere thanks to Jaipur Branch of CIRC of ICAI and CCMs for inviting me as Guest *CA. Dinesh Chandra Sanadhya*, Chairman – Rajsamand Branch of CIRC of ICAI, and for graciously including me *on the banner of AI Innovation Summit 2025*. ◆ Special appreciation to *CA Umesh Sharma* Sir, Chairman – AI in ICAI Committee, and *CA Ankur Gupta* Sir, Chairman – CIRC, for their tireless dedication and efforts in making this initiative a great success. Looking forward to many more progressive, knowledge-driven and futuristic initiatives in the service of the profession and the nation. *CA Dinesh Chandra Sanadhya* Chairman – Rajsamand Branch of CIRC of ICAI (31) #25/08/25 #dineshapna
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