Sunday 3 January 2021

हम इतिहास से सीखेंगे, सत्य को जानेंगे व बतायेंगे ! प्रभु की आज्ञानुसार कार्य करेंगे, बाधाओं को दूर करेंगे ! (१)"श्रीनाथजी का प्राकृट्य, प्रथम दर्शन व सेवा" - श्रीसद्दू पाण्डे जी व बृजवासियों के द्वारा 97 वर्षों तक श्रीनाथजी की आज्ञा से की ! (सन् 1409 से ................) (२)श्रीनाथजी से महाप्रभु जी का प्रथम मिलन" - श्रीवल्लभाचार्य जी को भी श्रीनाथजी की आज्ञा हुई ! (सन् 1506 से ................) (३)किन्तु बाद मे बृजवासीयों को सन्मुख सेवा से विमुख करके, अन्य से सन्मुख सेवा कराना ! श्रीनाथजी की आज्ञा का उल्लंघन स्वीकार्य नहीं ! (४)यह न तो श्रीनाथजी की आज्ञा से व न ही श्रीवल्लभाचार्य जी की मन्शा के अनुरूप है ! यह इतिहास की सत्यता व आज की हकीकत है ! श्रीनाथजी की आज्ञा व श्रीवल्लभाचार्य जी की मन्शा के विपरीत कार्य कुछ वल्लभ कुल / सरकार / बोर्ड सदस्यों के द्वारा किया जा रहा है ! बृजवासियों को श्रीनाथजी की सौगन्ध है कि (१)श्रीनाथजी की आज्ञा की पालना करें ! (२)श्रीनाथजी व उनकी सम्पत्तियो की रक्षार्थ समर्पण भाव से सभी कार्य करे ! (३)श्रीनाथजी के लिए मुगलों व बाहरी से लडे, उसी प्रकार आन्तरिक से भी लडे ! (४)महाराणा प्रताप की तरह धर्म के लिए लडे, क्योंकि अब तुम पैदा तो मेवाड़ मे ही हुए हो ! सीए. दिनेश चन्द्र सनाढ्य एक बृजवासी - 03/01/2021 #dineshapna ◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆ ★★ - श्रीनाथजी प्राकृट्य का सत्य गूढ़ रहस्य - ★★ "श्रीनाथजी का प्राकृट्य, प्रथम दर्शन व सेवा" - श्रीसद्दू पाण्डे जी द्वारा !(सन् 1478 - वि.सं 1535) "श्रीनाथजी से महाप्रभु जी का प्रथम मिलन" - श्रीवल्लभाचार्य जी का !(सन् 1506 - वि.सं 1563) ◆◆◆◆◆◆>>>>>>>>>>>>>>>>>>>◆◆◆◆◆◆ ◆सन् 1409 (वि.सं 1466) - (श्रावण शुक्ल पंचमी - नागपंचमी) श्रीनाथजी का प्राकृट्य (उध्व भुजा) । (श्रीसद्दू पाण्डे (सनाढ्य) के दादाजी जयदेव जी पाण्डे द्वारा "प्रथम दर्शन" व बृजवासीयो द्वारा "प्रथम सेवा" कार्य) ◆सन् 1441 (वि.सं 1498) - महाप्रिय श्री सद्दू पाण्डे जी का प्राकृट्य । ◆सन् 1478 (वि.सं 1535) - (वैशाख कृष्ण एकादशी) बालस्वरूप मे श्रीनाथजी स्वयं साक्षात् प्रकट होकर श्रीसद्दू पाण्डे को सेवा का अधिकार दिया व श्रीवल्लभाचार्य जी का प्राकृट्य । (श्रीनाथजी के उध्व भुजा प्राकृट्य के 69 वर्ष बाद श्रीवल्लभाचार्य जी का प्राकृट्य) ◆सन् 1506 (वि.सं 1563) श्रीवल्लभाचार्य जी का श्रीसद्दू पाण्डे जी के घर आन्यौर पदार्पण व श्रीनाथजी से प्रथम मिलन श्रीसद्दू पाण्डे जी के द्वारा । (97 वर्षों तक श्रीसद्दू पाण्डे, उनके परिवार व बृजवासीयो के द्वारा श्रीनाथजी की सेवा व पूजा की ।) (श्रीवल्लभाचार्य जी 28 वर्ष की उम्र मे बृज मे पधारे व श्रीनाथजी से प्रथम मिलन हुआ ।) ◆सन् 1519 (वि.सं 1576) - (वैशाख शुक्ल तीज - अक्षय तृतीया) श्रीनाथजी का जतिपुरा मन्दिर मे पाटोत्सव । (13 वर्षों मे श्रीनाथजी का जतिपुरा मे नया मन्दिर बना ।) ◆सन् 1530 (वि.सं 1587) - (आषाढ़ शुक्ल तीज, रविवार) श्रीवल्लभाचार्य जी का देवलोक गमन । (52 वर्ष की उम्र मे ) ◆सन् 1534 (वि.सं 1591) - श्रीसद्दू पाण्डे जी का देवलोक गमन । (93 वर्ष की उम्र मे ) ◆सन् 1665 (वि.सं 1722) - (आश्विन शुक्ल १५, शुक्रवार) श्रीनाथजी का बृज से प्रस्थान । (श्रीनाथजी 256 वर्ष तक बृज मे विराजे) ◆सन् 1672 - 20 फरवरी (वि.सं 1729) - (फाल्गुन कृष्ण सप्तमी - शनिवार) श्रीनाथजी का नाथद्वारा मन्दिर मे पाटोत्सव । (श्रीनाथजी को बृज से मेवाड़ पधारने मे 32 माह का समय लगा) दिनेश सनाढ्य - एक बृजवासी - 18/11/2020 #dineshapna Nathdwara, nathdwara live, nathdwara news, nathdwara darshan, shrinathji, shrinathji mandir, nathdwara mandir,















 

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