Monday 8 April 2024

★ आओ ! "जीवन प्रबंधन" को जाने ! समझे ! आत्मसात करें ! ★ (१) जीवन का एक मात्र, महत्वपूर्ण व अन्तिम उद्देश्य आनन्द को प्राप्त करने के दो स्तम्भों मे से एक स्तम्भ है - "शक्ति" (२) उस "शक्ति" को प्राप्त करने हेतु दो आधारभूत स्तम्भ है : - "अर्थ" व "अध्यात्म" ! अर्थात् बिना "अर्थ" के कोई भी शक्ति प्राप्त नहीं की जा सकती है ! जहाँ "अर्थ" की सीमाएं समाप्त हो जाती है, वहाँ "अध्यात्म" से शक्ति प्राप्त की जा सकती है ! (३) उस "शक्ति" को प्राप्त करने हेतु तीन मुख्य कदम चलने है : - "कर्म" , "भक्ति" व "ज्ञान" ! अर्थात् शक्ति प्राप्त करने हेतु हमें "कर्म" करना होगा तथा अध्यात्मिक शक्ति के लिए हमें "भक्ति" व "ज्ञान" का उपयोग करना होगा ! (४) उस "शक्ति" को प्राप्त करने हेतु चार आवश्यक कार्य करने है : - "लक्ष्य" , "परिश्रम" , "समर्पण" व "समाधि" ! अर्थात् हमे लक्ष्य निर्धारित करके परिश्रम करना होगा ! इसके साथ ही हमें ज्यादा शक्ति प्राप्त करने के लिए समर्पण से समाधि तक के कार्य करना होगा ! (५) उस "शक्ति" को प्राप्त करने के लिए पाँच मुख्य सूत्र है : - "स्वीकार" , "परिवर्तन" , "सन्तुलन" , "आत्मविश्वास" व "संगठन" ! अर्थात् हम किसी तथ्य को स्वीकार करने के साथ परिवर्तन के लिए तैयार है तो आसानी से शक्ति प्राप्त कर सकते है ! हमें संतुलित कार्य आत्मविश्वास के साथ संगठित होकर करना होगा ! सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिन्दुस्तानी #(147) #08/04/24 #dineshapna


 

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