Sunday, 1 June 2025

जीवन के दो महत्त्वपूर्ण पहलू हैं :- ●“एक ओर धन कमाये, जीवन जीने के लिए ! ●दूसरी ओर धन दे, जीवन में आत्मसंतुष्टि के लिए !” इसका भाव यह है कि पहली ओर, हम धन कमाते हैं अपनी आवश्यकताओं और जीवन यापन के लिए। दूसरी ओर, जब हम वही धन किसी की सहायता में लगाते हैं — दान, सेवा, या परोपकार के रूप में — तो वह आत्मा की सच्ची संतुष्टि का कारण बनता है। आज के लर्निंग सेशन मे भी उक्त दो पहलुओ पर चर्चा हो रही है । ◆Rajasthan Investment Promotion Scheme 2024 ◆Charitable Trust Registration & Re-registration – Latest Amendments यह भौतिक और आध्यात्मिक संतुलन की ओर इशारा करता है। हम साधारण शब्दों मे कह सकते है - ●धन कमाकर जी रहे, रोज़ी रोटी थाम, परमार्थ से जो मिले, आत्मा पावन धाम। ●एक तरफ़ संचय किया, जीवन के उपकार, दूजी ओर दान से, मिलती है सुख-धार।

No comments:

Post a Comment