Wednesday 10 June 2020

★★★★★एक बृजवासी की श्रीकृष्ण से सीधी बात★★★★★ ●●●●●● ======== श्रीकृष्ण बृजवासी प्रेम ========== ●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●● ◆हम बृजवासियों की आपसे ●"साक्षात् प्राकृट्य" 5132 वर्ष पूर्व बृज मे आपके "मानव जन्म" के साथ हुई, उस समय हमने आपसे "निस्वार्थ प्रेम" करना सीखा ! उसके 126 वर्ष बाद आप हमें इस संसार माया मे अकेले छोड़कर चले गये, तब आपके प्रेम व शब्दों की यादो मे हमने 4521 वर्ष बीता दिये ! ◆उसके बाद आपने हमारे निस्वार्थ प्रेम के प्रतिफल स्वरूप दया करके पुनः सन् 1409 मे अर्थात् 611 वर्ष पूर्व बृजभूमि गिरिराज जी पर वर्तमान ●"स्वरूप प्राकृट्य" हो प्रेम करने का अवसर दिया ! हम बृजवासी तभी से आपके श्रीनाथजी के स्वरूप से निस्वार्थ प्रेम के साथ सेवा कर रहे है ! ◆आपने अपने प्राकृट्य के 97 वर्ष बाद "श्रीवल्लभाचार्य जी" को सन् 1506 मे भेजा तो उनके साथ हम आपकी "सेवा विधि विधान से" निस्वार्थ प्रेम से कर रहे है ! ◆हम बृजवासी आप श्रीकृष्ण के 5132 वर्ष पूर्व के श्रीकृष्ण से "निस्वार्थ प्रेम" व श्रीवल्लभाचार्य जी के ब्रह्म (श्रीकृष्ण) से "शुद्ध प्रेम" के 514 वर्ष पूर्व के सन्देश को पूर्ण ईमानदारी से 100% आत्मसात करते हुए आजतक निभा रहे है ! आपका ऐसा अनुग्रह बना रहे ! ◆इसके बाद आक्रान्ताओं के कारण हम आपके साथ बृज छोडकर मेवाड़ मे आये ! आपके 5132 वर्ष पूर्व के सन्देश प्रेम को अभी तक भी हम पूर्ण ईमानदारी से निभा रहे है ! इस निस्वार्थ प्रेम को आप और हम समझ रहे है, ऐसा "हमारा आपसी प्रेम" दुनिया भी देखकर आश्चर्य चकित है, क्योंकि ऐसा उदाहरण अन्यत्र कहीं भी देखने को नहीं मिल सकता है, यह सभी आपकी कृपा व प्रेम है ! ◆दुनिया मे किसी भी मन्दिर मे प्रभु की सेवा करने वाले प्रभु की सेवा करते हुए "मन्दिर की सम्पत्तियों से भी इतना प्रेम" करने लग जाते है कि मन्दिर की सम्पत्तियों को ही "अपनी सम्पत्ति समझने" लग जाते है ! किन्तु एक बृजवासी ही ऐसे है जिन्होने केवल श्रीनाथजी से प्रेम किया व उसके लिए "अपनी स्वयं की सम्पत्तियों को भी बृज छोड़ते समय त्याग कर दी" व जरूरत पड़ने पर अपने "श्रीजी व उनकी सम्पत्तियों की रक्षार्थ अपने प्राण तक त्याग" दिये ! ★हम बृजवासी अपने श्रीकृष्ण (श्रीनाथजी) से एक ही चीज मांगना चाहते है कि जैसा प्रेम हमारे बीच 611 वर्षो से बना हुआ है और जैसा 5132 वर्षो से बना आ रहा है , वैसा ही ●"प्रेम बना रहे" ! इसके साथ एक और निवेदन है कि आपके व हमारे ●"प्रेम के बीच अन्य कोई नहीं आये", चाहे वह माया हो या माया प्रेमी हो ! ★बृजवासी श्रीकृष्ण से प्रेम करते है, उसी प्रकार श्रीकृष्ण भी बृजवासियों से प्रेम करते थे, इसलिए आज से 5112 वर्ष पूर्व श्रीकृष्ण बृजवासी की रक्षार्थ मथुरा विजय की ! संयोग से वर्तमान मे "श्रीकृष्णा टीवी सीरियल" मे श्रीकृष्ण ने अपने मामा कंस को मारकर बृजवासियों व मथुरावासियों की रक्षा की ! यह श्रीकृष्ण का बृजवासियों के प्रति प्रेम है ! ◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆ श्रीकृष्ण का 5132 वर्ष पूर्व दिया सन्देश - "प्रेम" श्रीवल्लभाचार्य का 514 वर्ष पूर्व पुष्टि मार्ग - "प्रेम" बृजवासी के 5132 वर्ष से चलने वाला पथ - "प्रेम" ◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆ - दिनेश सनाढ्य - एक बृजवासी ! - 10/06/2020 www.dineshapna.blogspot.com #dineshapna #shreekrishana #shreenathji #nathdwara #nathdwaratemple #nathdwaratempleboard #vallabhacharyaji #mahaprabhuji #rajsamand












No comments:

Post a Comment