Monday 29 June 2020

★550 वर्षो से बृजवासी व वल्लभ कुल द्वारा सेवा★ ★ 61 वर्षो से बोर्ड मैम्बर्स व सरकार का हस्तक्षेप★ ●●●●●●●●●>>>>>>>>>>>>>>>●●●●●●●●● ★ धर्म मे निस्वार्थ प्रेम, सेवा व समर्पण ही हो ! ◆ (बृजवासी व वल्लभ) ◆श्रीनाथजी की सेवा मे निस्वार्थ प्रेम, सेवा, समर्पण, आस्था, परम्परा व त्याग होना जरूरी है ! ◆बृजवासी 550 (611 - 61) वर्षो से व श्रीवल्लभाचार्य जी व वल्लभ कुल 453 (514 - 61) वर्षों से निस्वार्थ प्रेम, सेवा,समर्पण,आस्था, परम्परा व त्याग से श्रीनाथजी की सेवा कर रहे है ! ◆धर्म व सेवा का कार्य स्वयं के निस्वार्थ प्रेम व समर्पण से चलता है, इसलिए 550 वर्षों से बृजवासी व वल्लभ कुल श्रीनाथजी की निरंतर व निविघ्न सेवा करते आये, चाहे कितने ही आक्रमण हुए, कई तरह की आर्थिक, सामाजिक व दैवीय आपदा आयी ! सभी आपदाओं का सामना आपसी प्रेम व त्याग से संभव हुआ ! ●●●●●●●●●>>>>>>>>>>>>>>>●●●●●●●●● ★ धर्म मे स्वार्थ, लोभ व धन लालसा न हो ! ★ (बोर्ड मैम्बर्स/सरकार) ◆61 वर्षो से बोर्ड मैम्बर्स/सरकार आयी है जब से स्वार्थ, लोभ, धन लालसा, अंहकार, व्यापार व लालच आया व श्रीनाथजी के सेवा भाव व निस्वार्थ प्रेम मे कमी आई है ! ◆बोर्ड मैम्बर्स/सरकार ने बृजवासीयो को श्रीनाथजी से दूर कर दिया ! क्योंकि इनमें धर्म व आस्था की कमी है ! ◆इसलिए कोरोना संकट मे बोर्ड मैम्बर्स/सरकार ने मन्दिर, सेवा वालों व नाथद्वारावासीयो की कोई सहायता नहीं की ! ★★जयश्रीकृष्ण★●●★श्रीकृष्णार्पण★★ दिनेश सनाढ्य - एक बृजवासी - 29/06/2020 www.dineshapna.blogspot.com
















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