Monday 22 June 2020

★कोरोना संकट मे नाथद्वारा मन्दिर बोर्ड सदस्य लापता ?★ ★हर संकट मे बृजवासी ही 611 वर्षों से है, सदा तैयार !★ ●●●●●●●●●>>>>>>>>>>>>>>●●●●●●●●●● ■1■ नाथद्वारा मन्दिर की सेवा व सुरक्षा की जिम्मेदारी सर्वप्रथम बृजवासीयो की है, उसके बाद श्रीवल्लभाचार्य जी की थी ! किन्तु कालान्तर मे यह जिम्मेदारी बृजवासी लगातार 611 वर्षो से निस्वार्थ भाव से निभाते आ रहे है, अभी कोरोना संकट के समय भी बृजवासीयो ने पूर्ण जिम्मेदारी ●श्रीजी मन्दिर की सेवा मे, ●नाथद्वारा मे श्रीजी का महाप्रसाद को आमजनता को वितरण मे, ●राजसमन्द मे गरीब व जरूरतबन्द व्यक्तियो मे तैयार भोजन के पैकेट वितरण मे, निभाई ! ■2■ पिछले कुछ दशकों से वल्लभ कुल ने श्रीजी व उनके सखा बृजवासीयो के प्रति जिम्मेदारी पूर्ण ईमानदारी से नहीं निभाने के कारण सरकार को नाथद्वारा मन्दिर मण्डल का गठन 1959 मे करना पडा ! इस कोरना संकट काल मे भी वल्लभ कुल ने भी श्रीनाथजी व श्रीजी सेवीयो से दूर रह कर पूर्ण जिम्मेदारी नहीं निभाई, इसके विपरीत श्रीजी के नित्य नेग मे भी कमी कर दी ! ■3■वल्लभ कुल ने मन्दिर मण्डल बनने के बाद भी ईमानदारी से जिम्मेदारी नहीं निभाई ! जिसका प्रमाण है कि जो बृजवासी 611 वर्षो से श्रीजी की निस्वार्थ सेवा कर रहे है, उन्हें बोर्ड सदस्यों मे कोई स्थान नहीं दिया ! इसके विपरीत स्वघोषित वैष्णवों को ले लिया, जिन्हें श्रीजी, मन्दिर, सेवा वालों, कर्मचारियों व नाथद्वारावासीयों से कोई लेना देना नहीं है ! जिसका प्रमाण है कि बृजवासीयो को पूरा वेतन देने के स्थान पर केवल 2150/- रू. मासिक दे रहे है उसमें भी कोरोना संकट के समय 1000/- की कटोती करके केवल 1150/- रू. ही दिये ! हम बृजवासी पूछते है कि क्या आप 1150/- रू. से आप अपने परिवार का घर खर्च चला सकते हो ? इसके अलावा बोर्ड सदस्यों द्वारा व्यक्तिगत स्तर पर इस कोरोना संकट के समय ●मन्दिर सेवा वालों ●मन्दिर कर्मचारियों ●नाथद्वारावासीयों के लिए न तो राशन की व्यवस्था की, न दवाओं की व्यवस्था की, न आर्थिक मदद की, यहाँ तक की "एक मास्क" तक नहीं दिया ! ◆ऐसे बोर्ड सदस्यों की क्या उपयोगिता व जरूरत है ?◆ (१)क्या बोर्ड सदस्य प्रसाद खाने व वी.आई.पी. दर्शन करने के लिए ही बने है ? (२)क्या बोर्ड सदस्य मन्दिर के धन को अनावश्यक रुप से व अनावश्यक जगह खर्च करने के लिए ही बने है ? (३)क्या बोर्ड सदस्य मन्दिर की सम्पत्तियों व जमीन का दुरुपयोग व दूसरों को देने के लिए ही बने है ? 【 इसका प्रमाण यह है कि बृजवासीयो ने जब सामाजिक अंंकेक्षण के लिए निवेदन किया तो नौ महीने से कोई जवाब नहीं दे रहे है ! 】 ■4■ इसके बावजूद यदि नाथद्वारा मन्दिर मण्डल सदस्यों द्वारा कोरोना संकट मे कुछ नाथद्वारा के लिए किया हो तो निम्न तीन प्रश्नों कि जवाब दे :- ◆१◆बोर्ड सदस्यों ने मन्दिर के कर्मचारियों के प्रति क्या जवाबदेही निभाई ? ◆२◆बोर्ड सदस्यों ने मन्दिर के सेवा वालो के प्रति क्या जवाबदेही निभाई ? ◆३◆बोर्ड सदस्यों ने नाथद्वारा वासीयों के प्रति क्या जवाबदेही निभाई ? ■5■ हम बृजवासीयो ने कोरोना संकट के समय निम्न चार मन्दिर हित व जन हित मे कार्य किये :- ◆१◆ बृजवासीयो ने ही श्रीजी मन्दिर की सेवा अनवरत चालू रखी, निस्वार्थ भाव से ! ◆२◆ बृजवासी श्याम लाल गुर्जर व अन्य बृजवासीयो ने घर - घर प्रसाद पहुँचाया ! ◆३◆ बृजवासी सीए. दिनेश सनाढ्य व अन्य बृजवासीयो ने घर - घर तैयार भोजन के पैकेट पहुँचाये ! ◆४◆ पर्यावरण शुद्वि व शान्ति के लिए बृजवासीयो ने यज्ञ किया ! 【इसका प्रमाण सर्व विदित है, अखबारों मे है, प्रशासन के पास है, सोशल मिडिया पर है, लाभार्थी स्वयं है ! 】 ●●●●●●●●●>>>>>>>>>>>>>>●●●●●●●●●● ◆बृजवासी 611 वर्षो से निस्वार्थ सेवा कर रहे है व करते रहने के लिए प्रतिबद्ध है ! ◆बृजवासी ही श्रीनाथजी को संकट के समय छोड़कर भागने वालों मे से नहीं है ! ◆बृजवासी धन से ज्यादा निस्वार्थ सेवा व प्रेम मे विश्वास रखते है व उसे आत्मसात करते है ! ◆श्रीनाथजी भी निस्वार्थ सेवा करने वालों (बृजवासीयो) को अपने पास रखता है व माया (धन) से प्रेम करने वालों को दूर कर देता हैं ! इस बात को श्रीवल्लभाचार्य जी ने भी अपने अन्तिम उपदेश (शिक्षा श्लोक) मे भी कही थी ! ●●●●●●●●●>>>>>>>>>>>>>>●●●●●●●●●● सीए. दिनेश सनाढ्य - एक बृजवासी - 22/06/2020 #dineshapna www.dineshapna.blogspot.com































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