Friday 16 June 2017

Open Your Eye, Face The Truth जनहित मे सच्चाई प्रसारित............. आदरणीय, प्रधान मंत्री भारत सरकार, श्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी... आपने कहा था यदि विकास ना करू तो लात मारकर भगा देना आपके 3 वर्षों के कार्य देखकर तो आपको ये जबाव अभी देने का दिल कर रहा है। आपके 3 सालों का रिपोर्ट कार्ड इस प्रकार है... 1= सबसे पहले एफ डी आई का विरोध किया और सरकार बनते ही एफ डी आई लागू कर दी। 2= पेट्रोल की कीमतों को बाजार के हवाले करने का विरोध किया और सरकार में आते ही डीजल को भी बाजार के हवाले कर दिया। 3= सभी दागी सांसदों को जेल में डालने की बात की थी आपने आज निहाल सिंह जैसे बलात्कार के आरोपी को मंत्री बना दिया 4= विकास की बात करके वोट मांगे थे आज पिछले साठ सालों का रोना रो रहे हो। 5= राबर्ट वाड्रा को जेल में भेजने की बात करते थे आपके लोगों ने माल्या को ही भगा दिया। 6= डीजल पैट्रोल की कीमतें बढऩे पर आप अपने दुख को ट्वीट के माध्यम से शेयर करते थे आज आप हर रोज कीमतें बढा रहे हैं। 7= सेल टैक्स सर्विस टैक्स किसान लोन पर्सनल लोन होम लोन किसान विकास पत्र किसान क्रेडिट कार्ड जितना कुछ है सबकुछ आपने बढा दिया है । 8= कारपोरेट जगत को टैक्स में छूट और किसानों को ब्याज मंहगा साहब इसका अर्थ क्या होता है आपने मन की बात में कभी नही समझाया। 9= पाकिस्तान से दस सिर लाने एवं ईट से ईट बजाने की वजाय बिरयानी खाकर नवाज की मा को साडी भेंट करके आ गए। 10= देश पर पठानकोट जैसा आतंकी हमला करने वालों से हमारे देश में जांच कराई इससे बडा अपमान देश का किसि ने नही किया। 11= जनता की चुनी हुई सरकारों को पैसे और भष्टाचार की ताकत से गिरा देते हो और लोकतंत्र की हत्या करने की कोशिश करते हो। 12= हिंदू मुस्लिम दंगा और जातिवाद का जहर जनता के बीच में फैलाकर आप इस देश की एकता और अखंडता को छति पहुंचा रहे हैं। 13= विदेशों में रह रहे भारतीय आपके झूठे भाषण पर ठीक उसी प्रकार तालियां बजाते हैं जैसे लोकसभा चुनाव में हम सभी भारतीय बजाया करते थे।और आप कहते हैं देश का सम्मान बढ रहा है। 14= विकास की बात करने वाले अब सिर्फ विनाश की बात कर रहे हैं आखिर क्यों, विकास का वादा आप क्यों भूल गए हैं। 15= घोटालों से तंग आकर जनता आपको लाई थी आपने अब तक के सबसे बडे घोटाले व्यापमं पर अपने मुँह में दही जमा लिया आखिर क्यों, क्या ये भष्टाचार को बढावा नही है।। 16= भष्टाचार समाप्त किए बिना आपने आरक्षण समाप्त करने की शुरूआत कर दी है जो कि इस देश की 85% आबादी के भविष्य के साथ खिलवाड है। 17= अन्ना हजारे के आंदोलन में जनलोकपाल का समर्थन करते थे अब उसका नाम भी भूल गए हैं स्पष्ट है कि आप भष्टाचार के समर्थन में हैं। 18= कालाधन सौ दिन में ना आए तो मुझे फांसी दे देना , रस्सी ना हो तो मैं दे सकता हूं बाकी आपकी इच्छा। 19 = ट्विटर पर गालियाँ देने वालों को आप बडे गरव के साथ फॉलो करते हैं अतः आप अभद्रता को बढावा दे रहे हैं।।। 20= जम्मू कश्मीर में आतंकवाद के समर्थकों के साथ मिलकर सरकार बनाते हो और उसे कूटनीति का नाम देते हो । 21= एक मुख्य मंत्री को नक्सली कहते हो और स्वयं के लिए सम्मान चाहते हो कैसे संभव है। 22= कच्चा तेल अपने न्यूनतम स्तर पर होने के बावजूद आम आदमी को तेल की कीमतों में राहत क्यो नही दी जा रही है। 23= विदेशों के दौरे के लिए समय है महाराष्ट्र और बुंदेलखंड में मर रहे किसानों के लिए आपके पास समय नहीं है, चुनाव प्रचार के लिए समय है लेकिन किसानों के लिए समय नहीं है।। 24= मुंबई जाकर अंबानी के बेटे से मिलने का समय है लेकिन गरीबों से मिलने का समय आपके पास नही है। 25= आपने पिछले दो सालों में कुछ नहीं किया फिर भी उसके प्रचार में 1000 करोड खर्च कर दिए जबकि महाराष्ट्र के किसानों का टोटल लोन 700 करोड है ,उसको माफ करने के लिए आपके पास पैसा नहीं है। 26= आपके 73 सांसदों का रिपोर्ट कार्ड खाली पडा है और आप विकास की बात करते हैं? साहब सच तो ये है कि आप गरीबी नही गरीबों को मारना चाहते हैं। मोदी जी एक बार फिर से सोचिए कि आपने क्या कहा था और अब आप क्या कर रहे हैं।।


कृपया निम्न बिन्दुओ पर निष्पक्ष होकर सोचे व अपनी राय दे ! ★★ विशेष .........राजनैतिक लोग राय न दे ! ★हमे आशा है कि इसके बावजूद आगे कुछ अच्छा होगा !






पिछले 60 वर्षो में लोगो ने बनास नदी का सम्पूर्ण वस्त्र हरण कर दिया हे केवल कफ़न का कपड़ा बचा हे ! अब हमे पुन: पेड़ लगा कर बनास नदी जो यमुना स्वरूपा हे उसे हम सभी मिलकर पेड़ के वस्त्र पहनाने के आवश्यकता हे ! बनास को नोच नोच कर जो रेती निकाली जा रही हे उसे भी रोकना होगा ! इसके लिए सभी सामाजिक सगठनो को एक जुट होने कि आवश्यकता हे ! इसके लिए "अपना भारत : अपना मंच " सगठन आज से बनाया जा रहा हे इस की सुरुवात अपना ट्रस्ट करता हे ! इसमें अन्य संगठन जुड़ कर मुद्दों पर एकजुट होकर काम करेंगे ! यह विचार दिनेश सनाढ्य लोक अधिकार मंच ने वयक्त किये ! आजकल विकास का मापदंड पैसा व् सत्ता हे जो मानव जीवन के हित में नही हे , हमे प्रकर्ति व् मानव को केंद्र में रख कर विकास का मापदंड रखना होगा तभी मानव जीवन बच सकता हे ! यह विचार घनश्याम प्रकर्ति मानव केंद्रित जन आंदोलन ने कहा ! रमेश सनाढ्य ने कहा की आज भी गावो में पानी , बिजली,शिक्षा , स्वस्थ बुनियादी सुविधाएं नही हे ! राम चंद्र पालीवाल ने कहा कि बनास कि किनारे समशान पर आने वाले एक साल में पेड़ लगाए जायेगे , इसके लिए नागरिक मंच बनाया जायेगा तथा लोक अधिकार मंच, अपना ट्रस्ट एवं अन्य संगठनों का सहयोग लिया जायेगा ! नदियों की सीमाओं की सुरक्षा उसी तरह होनी चाहीय जैसे देस की सीमाओं की होती हे ! यह प्रस्ताव अरविन्द मुखिया ने रखा जिसे सभी ने पास किया ! अम्बा संकर उपाधय ने सभी पदयात्री एवं अथेतयो का इकलाई से स्वागत किया ! मोहन जोशी ने सात दीवसीय पदयात्रा के पड़यात्रिओ , सहयोग करने वाले लोगो , सभी संगठनों को सहयोग के लिए धन्यवाद दिया ! राजेंद्र रही,घनश्याम सनाढ्य , भेरूशंकर आदि उपस्थित थे !








Tuesday 6 June 2017

प्रकृति से लोगो को जोड़ने पर ही पर्यायवरण का सरक्षरण संभव हैतथा पर्यायवरण के सरक्षरण से ही मानव जीवन सुरक्षित रह सकता है! गांव के लोगो को प्रकृति से जोड़ने के उदेश्य से आशापुरा मानवकल्याण ट्रस्ट के द्वारा बडगुल्ला में विश्व पर्यायवरण दिवस परपर्यायवरण सरक्षरण एवं जनता के समश्याओ पर संगोष्ठी रखी गई ! प्रथम सत्र में "जनता से सीधी बात" का कार्येक्रम रखा गया ! जिसमे अध्यक्षता दिनेश सनाढ्य संस्थापक अपना ट्रस्ट तथा अतिथि फ़तेह लाल अनोखा , मोहन लाल वर्मा , पीरदान चारण थे ! जनता केऔर से शिक्षा के लिए १२ तक कक्षा बनाने ! अवैध शराब के दुकानबंद कराने ! चिकित्षा सुविधा सुचरु रूप से कराने ! रोजगार के लिए !आमंजल महादेव मंदिर का विकाश कर पर्यटन विकसित करने के समस्येए रखी गई ! जनता की समश्याओ के समाधान के लिए जनता को ही एकजुटहोकर , राजनीती , धरम,जाती से ऊपर उठकर आवाज उठाने केआवश्यकता है ! जनता को जनहित के लिए सभी को एक आवाज सेबात करे तो सभी समश्याओ का समाधान संभव है ! यह विचार दिनेशसनाढ्य ने रखे ! दूसरा सत्र में "प्रसाशन से सकारात्मक सीधी बात" कार्येक्रम रखागया ! जिसमे अध्यक्षता नानजी भाई गुर्जर अध्यक्ष आशापुरा मानव कल्याणट्रस्ट तथा अतिथि देवकी नंदन जिला अध्यक्ष कांग्रेस , विनोद रायकुम्भलगढ़ रेंजर वन विभाग , घन सिंह गुर्जर- देव सेना , चंद्र सेखरबसवा- जयपुर , वी बी जैन- जयपुर ,तेज पाल चौहान - हरियाणा ,श्रीमती अर्चना सुवास्नी - हरियाणा , गिरधारी लाल मीणा नाथद्वारा ,प्रमोद गुर्जर- दिनेश सिंह- उत्तर प्रदेश , सुरेंद्र सिंह- मध्य प्रदेश थे !इन सभी का स्वागत गांव वासी देवी सिंह , रोड सिंह , गोपाल सिंह ,दीपक दास, यश गुर्जर द्वारा किया गया ! लोक तंत्र में जनता राजा है तथा नेता एवं अधिकारी सेवक है ! अतःजनता को अपने अधिकार का प्रयोग करते हुवै इन सेवको से कार्यकराने चाहिये ! जनता को याचना के रूप में अपने अधिकार नहीमांगने चाहिये ! यह विचार देवकी नंदन ने कहे ! नानजी भाई गुर्जर नेकहा कि मेने इस भूमि से जन्म लिया है तथा इस भूमि का कर्ज हैइसलिए में आपकी सेवा कि लिए बार बार आ रहा हु ! में आपकी तन ,मन ,धन से सेवा करना चाहता हु ! शिक्षा, रोजगार , स्वास्थय ,पर्यायवरण, संस्कार से गांव का विकास करे ! सभी एकजुट होकरकार्य करे ! तृतीया सत्र में “व्रक्षारोपण “ अतिथि द्वारा किया गया ! 'एक व्यक्ति -एक पैड" का उदेश से गांव वालो को पैड वितरित किए गए ! सञ्चालन दिनेश सनाढ्य ने किए एवं रमेश बहेडीआ ने सहयोग किया!












*अपील* आज आपको लग रहा होगा, गर्मी कुछ ज्यादा है। कब-तक आप AC और Cooler का सहारा लेंगे..आज 150 करोड़ पेड़ों की जरूरत है। यह तो अभी शुरुआत है। 45°-50° तापमान को 55°-60° होने में देर नहीं लगेगी।अभी से समझ जाओ और पौधे लगाने की शुरुआत कर दो। एक पौधे को बड़ा होने में (पेड़ बनने में) 5-7 वर्ष लग जाते हैं। सब-कुछ सरकार भरोसे न छोड़ें, कुछ खुद भी कर लिया करें। ★आओ एक नियम बनाएँ, हर एक शुभ अवसर पर एक पौधा जरूर लगाएँ, अपनी पसंद का उसे एक नाम दें और उसका ख्याल रखें। यक़ीन मानिए, आपको एक बेहतर अनुभव होगा। इस वर्ष बारिश के मौसम में पौधें लगाने की शुरुआत करे । आप सभी से निवेदन हैं कि पौधे अवश्य लगायें। ★*अनावश्यक पेड़ काटने वालो को क्या सजा दी जानी चाहिए* ! CA. Dinesh Sanadhya - 06.06.2017





क्या नगर परिषद राजसमन्द द्वारा पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य मे पुरानी कलेक्टरी, नगर परिषद आँफिस व किशोर नगर के ये (14) पेड़ काटे जायेगे ?


क्या पेड़ काटकर पर्यावरण दिवस मनाना जनता के धन व पर्यावरण को नुकसान करना सही है ?


■ क्या इन डिवाईडर की रख रखाव की जरूरत है या नये बनाने की ? ■ क्या इन पेड़ो को काटकर नये डिवाईडर बनाना उचित है ? ■ क्या पेड़ पौधो को काटकर सीमेन्ट कंकरीट के विकास उचित है ? ■ पर्यावरण को नुकसान v/s भौतिक विकास ?