Monday 31 July 2023

★सरकार हिन्दू मन्दिरो को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करे ! "कांग्रेस" कानून बनाती है और "बीजेपी" चुप रहती है !★ नाथद्वारा मन्दिर बोर्ड ने ◆बोर्ड मे सुधार व मन्दिर मे निहित ◆भूमि व सम्पत्तियों मे बेहतर प्रबंधन हेतु मन्दिर मण्डल के कानून की सात (7) धाराओं मे परिवर्तन करके 2023 मे सरकार यह बिल लाई है ! इससे बताया गया कि इससे काल्पनिक फायदा हो सकता है किन्तु वास्तविक फायदा कम है, और वास्तविक नुकसान ज्यादा है ! क्योंकि इसके पीछे की सच्चाई कुछ और है ! (१) Amendment of sec. 2 :- इसमे नाथद्वारा मन्दिर बोर्ड के नियन्त्रण मे नाथद्वारा स्थित श्रीनाथजी के मन्दिर के अतिरिक्त जतीपुरा (UP) मे स्थित मुखारविन्द का स्थान व देश भर (All India) मे स्थित 84 बैठकों को शामिल किया गया है ! हकीकत यह है कि (i) नाथद्वारा मन्दिर बोर्ड 1959 से 2022 तक हजारों बीघा जमीन को बचाने मे असमर्थ रहा है तो आप ही सोचे कि इस Amendment 2023 के बाद शेष मन्दिर की जमीनों का क्या हाल होगा ? (ii) श्रीनाथजी के "सखा" बृजवासी है और महाराज श्री मुख्य पुजारी "सेवक" है जो बोर्ड के अध्यक्ष (मालिक) बन बैठे है जबकि बृजवासी को सखा से बंधुआ मजदूर बना दिया है ! अब इस Amendment 2023 के बाद मुखारविंद की सेवा का अधिकार बृजवासियों से छीना जा सकता है, जो गलत होकर बृजवासियों के साथ अन्याय है ! (२) Amendment of sec. 5 :- इसमें गोस्वामी के ज्येष्ठ पुत्र को पदेन सदस्य के रुप मे जोड़ा है जो 11 बोर्ड मैम्बर्स से अतिरिक्त होगा ! हकीकत यह है कि (i) जब गोस्वामी जी स्वयं अध्यक्ष है, बोर्ड के 11 सदस्यों के नाम अध्यक्ष के द्वारा ही भेजे जाते है, उपाध्यक्ष का चयन भी अध्यक्ष की सहमति से किया जाता है तो गोस्वामी के ज्येष्ठ पुत्र को पदेन सदस्य के रुप मे जोड़ना अनावश्यक है ! (ii) इसके स्थान पर बृजवासियों की सात जातियों मे से एक एक सदस्य लेना ज्यादा जरूरी है ! इसके साथ ही श्रीसद्दू पाण्डे जी के वंशजों मे से ज्येष्ठ पुत्र को पदेन सदस्य लेना चाहिए क्योंकि श्रीवल्लभाचार्य जी के गोवर्धन पधारने से पूर्व 97 वर्षो तक श्रीसद्दू पाण्डे जी व बृजवासियों ने ही श्रीनाथजी की सखा भाव से सेवा की थी ! शेष आगे की पोस्ट मे .............. (३) Amendment of sec. 9 (४) Amendment of sec. 10(3) (५) Amendment of sec. 17(2) (६) Amendment of sec. 18A (७) Amendment of sec. 19 सीए. दिनेश सनाढ्य - एक बृजवासी #(52) #01/08/23 #dineshapna







 

★सरकार हिन्दू मन्दिरो को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करे ! "कांग्रेस" कानून बनाती है और "बीजेपी" चुप रहती है !★ नाथद्वारा मन्दिर बोर्ड ने ◆बोर्ड मे सुधार व मन्दिर मे निहित ◆भूमि व सम्पत्तियों मे बेहतर प्रबंधन हेतु मन्दिर मण्डल के कानून की सात (7) धाराओं मे परिवर्तन करके 2023 मे सरकार यह बिल लाई है ! इससे बताया गया कि इससे काल्पनिक फायदा हो सकता है किन्तु वास्तविक फायदा कम है, और वास्तविक नुकसान ज्यादा है ! क्योंकि इसके पीछे की सच्चाई कुछ और है ! (१) Amendment of sec. 2 :- इसमे नाथद्वारा मन्दिर बोर्ड के नियन्त्रण मे नाथद्वारा स्थित श्रीनाथजी के मन्दिर के अतिरिक्त जतीपुरा (UP) मे स्थित मुखारविन्द का स्थान व देश भर (All India) मे स्थित 84 बैठकों को शामिल किया गया है ! हकीकत यह है कि (i) नाथद्वारा मन्दिर बोर्ड 1959 से 2022 तक हजारों बीघा जमीन को बचाने मे असमर्थ रहा है तो आप ही सोचे कि इस Amendment 2023 के बाद शेष मन्दिर की जमीनों का क्या हाल होगा ? (ii) श्रीनाथजी के "सखा" बृजवासी है और महाराज श्री मुख्य पुजारी "सेवक" है जो बोर्ड के अध्यक्ष (मालिक) बन बैठे है जबकि बृजवासी को सखा से बंधुआ मजदूर बना दिया है ! अब इस Amendment 2023 के बाद मुखारविंद की सेवा का अधिकार बृजवासियों से छीना जा सकता है, जो गलत होकर बृजवासियों के साथ अन्याय है ! शेष आगे की पोस्ट मे ............... (२) Amendment of sec. 5 (३) Amendment of sec. 9 (४) Amendment of sec. 10(3) (५) Amendment of sec. 17(2) (६) Amendment of sec. 18A (७) Amendment of sec. 19 सीए. दिनेश सनाढ्य - एक बृजवासी #(51) #31/07/23 #dineshapna





 

Saturday 29 July 2023

★सरकार हिन्दू मन्दिरो को नियंत्रण मुक्त करे ! कांग्रेस / बीजेपी दोनों दोषी है क्योंकि !★ ★श्रीनाथजी मन्दिर के विरुद्ध "कांग्रेस" कानून बनाती है और "बीजेपी" चुप रहती है !★ (१) भारत एक "धर्मनिरपेक्ष देश" है जिसमें सरकार का किसी भी धर्म / धर्मस्थलों मे सरकारी हस्तक्षेप / नियंत्रण नहीं होना चाहिए ! इसी के अनुरूप मस्जिद/चर्च/गुरद्वारा मे सरकारी हस्तक्षेप / नियंत्रण नहीं है ! तो केवल "हिन्दू मन्दिरो" पर सरकारी हस्तक्षेप / नियंत्रण क्यों ? (२) "हिन्दू मन्दिरो" पर सरकारी हस्तक्षेप / नियंत्रण से भी अधिक मन्दिरो की जमीन / धन को भी सरकार लूट कर अन्यत्र उपयोग / भ्रष्टाचार के भेट क्यों चढ़ा रही है ? (३) हिन्दू मन्दिरो को लूटने के लिए संंविधान व "हिन्दू विरुद्ध 30 काले कानून" बना रखे है, जिसमें से एक "नाथद्वारा मन्दिर अधिनियम, 1959" है ! इससे भी अधिक यह है कि इसमें "नाथद्वारा मन्दिर (संशोधन) बिल 2023" लाकर इसमें परिवर्तन किया जा रहा है, जिससे श्रीनाथजी मन्दिर की लूट को आसान बनाया जा रहा है ! (४) श्रीनाथजी मन्दिर को सरकारी हस्तक्षेप बोर्ड बनाकर व सरकारी अधिकारी नियुक्त करके 1959 से किया जा रहा है ! इसके बाद मन्दिर को कई बीघा जमीन का नुकसान हुआ है जैसे :- लालबाग बस स्टेण्ड की जमीन, लावटी पेट्रोल पम्प की जमीन, बड़े मगरे की जमीन, भीलवाड़ा की जमीन आदी ! इसके अतिरिक्त करोड़ों रुपयों का नुकसान / लूट हो रही है ! मन्दिर की पुष्टिमार्ग की पुरानी कई परम्पराओं को तोडा जा रहा है ! सीए. दिनेश सनाढ्य - एक बृजवासी #(50) #30/07/23 #dineshapna













 

Tuesday 25 July 2023

★पर्यावरण मित्र बने ! पर्यावरण के दुश्मन बने क्यों ?★ ★आम आदमी शिकायत करें, तो भी प्रशासन चुप क्यों ?★ (१) हरियाली अमावस्या के दिन कलेक्टरी परिसर, राजसमन्द मे प्रशासनिक बंगले के सामने पेड़ काटने पर भी प्रशासन चुप क्यों ? (२) हरियाली अमावस्या के दिन पर्यावरण के दुश्मनों के द्वारा इरिगेशन रोड़, कांकरोली, राजसमन्द पर पेड़ काटने पर भी प्रशासन चुप क्यों ? (३) कलेक्टरी परिसर, राजसमन्द मे टेलीफोन विभाग के प्लोट पर से करीब 80 पेड़ दिन दहाड़े काटे जाते है, शिकायत करने के बावजूद प्रशासन चुप क्यों ? (४) गौरव पथ, जावद की रोड़ बनते समय पेड़ काटे जाते है, फोरलेन बनते समय पेड़ काटे जाते है, पुरानी कलेक्टरी के सामने रोड़ बनते समय पेड़ काटे जाते है और इसकी लिखित मे शिकायत करने के बावजूद प्रशासन चुप क्यों ? (५) आम आदमी जागरूक होने के साथ प्रशासन से पेड़ काटने की अनेकों बार शिकायतें भी की जाती है, तो भी प्रशासन के द्वारा कोई ठोस कार्यवाही नहीं की जाती है ? या कोई निजी फायदा है ? कारण आम आदमी को बताये ? सीए. दिनेश सनाढ्य - एक आम आदमी #(49) #25/07/23 #dineshapna












 

★पर्यावरण मित्र बने ! पर्यावरण के दुश्मन नहीं !★ ★जिम्मेदार चुप क्यों ? यह कैसा पर्यावरण संरक्षण है ?★ (१) हरियाली अमावस्या के दिन व 365 दिन सरकार व समाजसेवी संस्थाएँ (●अपना ट्रस्ट, ●राष्ट्रीय पर्यावरण एवं खनिज संरक्षण मंच, ●श्रीहरि साहित्य सेवा संस्थान, ●गायत्री शक्तिपीठ एवं ●आशापुरा मानव कल्याण ट्रस्ट आदि) के द्वारा हम पौधरोपण करते है ! (२) तो दूसरी ओर पर्यावरण के दुश्मनों के द्वारा इरिगेशन रोड़, कांकरोली पर पेड़ काटे जा रहे है ! (३) इसके साथ ही टेलीफोन विभाग, राजसमन्द के कलेक्टरी परिसर के पास स्थित प्लोट पर से करीब 80 पेड़ दिन दहाड़े काटे जाते है ! (४) आम आदमी जागरूक होने के साथ प्रशासन से पेड़ काटने की शिकायतें भी की जाती है, तो भी प्रशासन के द्वारा कोई ठोस कार्यवाही नहीं की जाती है ! (५) इस प्रकार से पर्यावरण विनाश के लिए जिम्मेदार कौन है ? (पेड़ काटने वाले व्यक्ति या कानूनी कार्यवाही नहीं करने वाला प्रशासन) सीए. दिनेश सनाढ्य - एक आम आदमी #(48) #23/07/23 #dineshapna ◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆ https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=pfbid0SfBHTH9W1dX244RYn66RqsEmzsCboyEoNMM42f2aUTotvb6yh9Cn8uzXJWf61VRXl&id=100000300273580&mibextid=Nif5oz ◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆ https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=pfbid031uHHQA6Nwuev4Fvnp3Lf18Rs5UbPUToKQ7VkwnCi5VD8jmTsK11DCgDuxyBwZbzyl&id=100000300273580&mibextid=Nif5oz ◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆ https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=pfbid0KaskFrcE8LVuqrVbB8grFYpWckSMa8fYxetvtuKuVy26vbeRz41VYgAsHaM9rUTPl&id=100000300273580&mibextid=Nif5oz







 

Saturday 22 July 2023

★भारत देश सनातन धर्म से चले ! भारतवासी संंविधान से चले !★ (१) भारत देश ही नहीं, पूरा विश्व के देश किसी न किसी धर्म से चलते है ! जैसे - कोई देश ईसाई से, तो कोई देश इस्लाम / यहूदी / बौद्ध / पारसी से चलते है और उनके अलग अलग देश भी है ! तो हमारा भारत देश "सनातन धर्म" से क्यों नहीं चले ? (२) विश्व मे 300 धर्म है किन्तु सबसे पुराना धर्म "सनातन धर्म" है ! सनातन धर्म से ही शेष 299 धर्मों का जन्म हुआ है ! अतः पूरी दुनिया मे "सनातन धर्म" ही ऐसा धर्म है जो सभी धर्मों को साथ मे लेकर चल सकता है ! (३) "सनातन धर्म" का मूल संस्कार तथा विचारधारा है - "वसुधैव कुटुम्बकम्" है, जो महा उपनिषद सहित कई ग्रन्थों में लिपिबद्ध है ! इसका अर्थ है - संपूर्ण विश्व एक बड़ा परिवार है, जहां हर व्यक्ति इस परिवार का एक सदस्य है, चाहे उसकी नस्ल, धर्म, राष्ट्रीयता या जातीयता कुछ भी हो ! अतः भारत सनातन धर्म को अपनाता है तो ही सभी धर्मों का यथोचित सम्मान होगा व सभी धर्म एक साथ प्रेम, शान्ति, सहयोग व भाईचारे के साथ रह सकेंगे ! (४) भारतवासी संविधान से चले व "संंविधान की १००% पालना" करें ! किन्तु अफसोस है कि कुछ नेता संंविधान की मूल भावनाओं के विपरीत कार्य करते हुए "धर्म निरपेक्षता" शब्द जोड़ा और संविधान के विपरीत 30 हिन्दू विरोधी कानून बनाये, जो गलत है ! देशवासियों को समानता का अधिकार दिया किन्तु इसके विपरीत कानून बनाकर हमें अलग अलग धर्मों व जातियों मे बाँट रहे है, जो गलत है ! सीए. दिनेश सनाढ्य - एक आम आदमी #(47) #21/07/23 #dineshapna







 

Thursday 20 July 2023

★भारत देश धर्म से चले ! न की धर्मनिरपेक्षता से !★ (१) यह एक कटु सत्य है कि कोई भी देश / समाज / परिवार धर्म से या धर्म पर चलता है तब ही हम चिर स्थाई रुप से प्रेम, शान्ति व आनंद के साथ रहते हुए सर्वांगीण विकास कर सकते है ! धर्म पर चलने पर ही राजा / शासक व प्रजा / आमजनता दोनों सुख व शान्ति पूर्वक रह सकते है ! श्रीकृष्ण ने भी कहा है कि जब जब भी धर्म की हानि हुई, तो मै अवतार लेकर पृथ्वी पर आकर धर्म की पुनः स्थापना की व करेंगे ! (२) जब भी राजा ने धर्म को छोड़ा है तो उसके राज मे आम जनता दुखी हुई है और उस राजा / शासक का अन्त हुआ है ! भारत मे भी 1000 वर्ष पूर्व हमने धर्म को छोड़ा (अर्थात् आपसी प्रेम घटा / छोटे छोटे राज्यों मे बँटे / गद्दारी) की, तो हमारे ऊपर आक्रमण हुए और हम गुलाम बने ! जिससे राजा / शासक का अन्त हुआ व आमजनता भी दुखी हुआ ! इस कारण हमें धर्म पर ही चलना चाहिए ! (३) हमारा देश 1947 मे आजाद हुआ, तो उसके बाद हमने एक बड़ी गलती की है कि हमने धर्म विहीन देश की स्थापना की, जिसे हम "धर्मनिरपेक्षता" कहते है ! इसमें तत्कालीन शासको ने वोट के खातिर "एकपक्षीय धर्मनिरपेक्षता" लागू की ! जिसके कारण हिन्दू मुसलमान के बीच वैमनस्यता बढ़ी तथा जो सर्वांगीण विकास के लिए बाधक है ! (४) अब प्रश्न यह है कि देश किस धर्म पर चले ? सनातन धर्म ही एकमात्र ऐसा धर्म जो सभी धर्मों को साथ लेकर चल सकता है ! इसमें व्यक्ति प्रेम, त्याग, शान्ति, भाईचारा व आनंद के साथ रहते हुए देश व देशवासियों का सर्वांगीण विकास सम्भव है ! अतः हमें भारत के संंविधान मे संशोधन करके "धर्मनिरपेक्षता" के स्थान पर "सनातन धर्म" लिखना होगा ! सीए. दिनेश सनाढ्य - एक आम आदमी #(46) #20/07/23 #dineshapna


 

Tuesday 18 July 2023

★समाज की शक्ति / धर्म की शक्ति ●V/S● सक्षम की शक्ति / कुर्सी की शक्ति !★ (१) हमें ब्राह्मण "समाज की एकता" के लिए धर्म / समाजसेवा के नाम पर एकजुट होने की बात की जाती है, किन्तु हकीकत मे हमें खण्ड़ - खण्ड़ किया जा रहा है जैसे :- ब्रह्म शक्ति, विप्र फाऊंडेशन, सर्व ब्राह्मण समाज आदि कई ब्राह्मण संगठन है तो इस प्रकार कैसे "ब्राह्मणों मे एकता" सम्भव है ! (२) जब हम ब्राह्मण, राजपूत, गुर्जर, माहेश्वरी, जैन, सिख, पिछड़ी जाति, अनुसूचित जनजाति आदि अनेक सामाजिक संगठनों मे बँटे हुए है तो कैसे "हिन्दू समाज मे एकता" सम्भव है ? (३) हिन्दुओं के अन्य सामाजिक / धार्मिक संगठनों का निर्माण / आयोजन के पिछे का छुपा हुआ उद्देश्य "वोट" है जो सक्षम लोगों / नेताओं के द्वारा पोषित "केवल कुर्सी के" लिए है, किन्तु बताया जाता है उक्त संगठनों का गठन समाज के हितों की रक्षा के लिए बनाए गये ? (४) हकीकत मे हमें जातियों के अधिकारो की रक्षा करने से पहले हिन्दू विरोधी 30 काले कानूनो को हटाने की जरूरत है ! क्योंकि यदि हम 4 लाख हिन्दू मन्दिरो को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कराते है तो उस धन व सम्पत्तियों से सभी समस्याओं से मुक्ति मिल सकती है ! हिन्दू विरोधी कानूनों मे से तीन मुख्य कानून है - ◆ हिन्दू धर्म दान एक्ट, 1951 ◆ पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम, 1991 ◆ हिन्दू धार्मिक बंदोबस्ती अधिनियम, 1927. ......................... (५) अतः हमें छोटे - छोटे सामाजिक संगठनों मे बँटकर अपनी - अपनी जातियों की समस्याओं के लिए लड़ने से पूर्व हमें सभी सामाजिक संगठनों को मिलकर एकता बतानी चाहिए व सभी का एक ही उद्देश्य होना चाहिए कि ◆"हिन्दू विरोधी 30 काले कानूनो को हटाये"◆ ! उक्त केवल एकमात्र उद्देश्य रखने पर ही हिन्दुओं मे एकता होगी, जिससे हमारी सभी समस्याओं का समाधान होगा ! सीए. दिनेश सनाढ्य - एक आम आदमी #(45) #18/07/23 #dineshapna