Tuesday 6 June 2017

प्रकृति से लोगो को जोड़ने पर ही पर्यायवरण का सरक्षरण संभव हैतथा पर्यायवरण के सरक्षरण से ही मानव जीवन सुरक्षित रह सकता है! गांव के लोगो को प्रकृति से जोड़ने के उदेश्य से आशापुरा मानवकल्याण ट्रस्ट के द्वारा बडगुल्ला में विश्व पर्यायवरण दिवस परपर्यायवरण सरक्षरण एवं जनता के समश्याओ पर संगोष्ठी रखी गई ! प्रथम सत्र में "जनता से सीधी बात" का कार्येक्रम रखा गया ! जिसमे अध्यक्षता दिनेश सनाढ्य संस्थापक अपना ट्रस्ट तथा अतिथि फ़तेह लाल अनोखा , मोहन लाल वर्मा , पीरदान चारण थे ! जनता केऔर से शिक्षा के लिए १२ तक कक्षा बनाने ! अवैध शराब के दुकानबंद कराने ! चिकित्षा सुविधा सुचरु रूप से कराने ! रोजगार के लिए !आमंजल महादेव मंदिर का विकाश कर पर्यटन विकसित करने के समस्येए रखी गई ! जनता की समश्याओ के समाधान के लिए जनता को ही एकजुटहोकर , राजनीती , धरम,जाती से ऊपर उठकर आवाज उठाने केआवश्यकता है ! जनता को जनहित के लिए सभी को एक आवाज सेबात करे तो सभी समश्याओ का समाधान संभव है ! यह विचार दिनेशसनाढ्य ने रखे ! दूसरा सत्र में "प्रसाशन से सकारात्मक सीधी बात" कार्येक्रम रखागया ! जिसमे अध्यक्षता नानजी भाई गुर्जर अध्यक्ष आशापुरा मानव कल्याणट्रस्ट तथा अतिथि देवकी नंदन जिला अध्यक्ष कांग्रेस , विनोद रायकुम्भलगढ़ रेंजर वन विभाग , घन सिंह गुर्जर- देव सेना , चंद्र सेखरबसवा- जयपुर , वी बी जैन- जयपुर ,तेज पाल चौहान - हरियाणा ,श्रीमती अर्चना सुवास्नी - हरियाणा , गिरधारी लाल मीणा नाथद्वारा ,प्रमोद गुर्जर- दिनेश सिंह- उत्तर प्रदेश , सुरेंद्र सिंह- मध्य प्रदेश थे !इन सभी का स्वागत गांव वासी देवी सिंह , रोड सिंह , गोपाल सिंह ,दीपक दास, यश गुर्जर द्वारा किया गया ! लोक तंत्र में जनता राजा है तथा नेता एवं अधिकारी सेवक है ! अतःजनता को अपने अधिकार का प्रयोग करते हुवै इन सेवको से कार्यकराने चाहिये ! जनता को याचना के रूप में अपने अधिकार नहीमांगने चाहिये ! यह विचार देवकी नंदन ने कहे ! नानजी भाई गुर्जर नेकहा कि मेने इस भूमि से जन्म लिया है तथा इस भूमि का कर्ज हैइसलिए में आपकी सेवा कि लिए बार बार आ रहा हु ! में आपकी तन ,मन ,धन से सेवा करना चाहता हु ! शिक्षा, रोजगार , स्वास्थय ,पर्यायवरण, संस्कार से गांव का विकास करे ! सभी एकजुट होकरकार्य करे ! तृतीया सत्र में “व्रक्षारोपण “ अतिथि द्वारा किया गया ! 'एक व्यक्ति -एक पैड" का उदेश से गांव वालो को पैड वितरित किए गए ! सञ्चालन दिनेश सनाढ्य ने किए एवं रमेश बहेडीआ ने सहयोग किया!












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