Thursday 28 December 2017

■ राजसमंद के कॉर्पोरेट (हिंदुस्तान जिंक) :: सरकार की छूट ! ;; खनिजों की लूट ! ■ ■सरकार प्राकृतिक संसाधनों (जमीन व खनिज)को बचा नही सकी, तो देश कैसे बचाएगी ? ■ ●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●● ★ सरकार ने हिंदुस्तान जिंक (विश्व के दूसरी बड़ी जिंक कंपनी) को जितने में बेचा, उससे ज्यादा राशि खरीदार कॉर्पोरेट (वेदान्ता लिमिटेड) ने उसके भंगार (वेस्ट मैटेरियल्स) को बेचकर कमा लिए ! ◆ अर्थात जमीन, बिल्डिंग व पांच माइंस फ्री में दे दी ! ★ जनता ने सरकारी कंपनी (हिंदुस्तान जिंक) में धन लगाया, सरकार ने ( ZINC, LEAD, SILVER AND CADMIUM) की माइंस दी , ताकी खनिज काउपयोग जनहित में हो सके ! किन्तु 2002 में सरकार ने कंपनी को नुकसान में बता कर 10.00 रु. का शेयर को 3.66 रु.में बेच दिया जबकि आज उस शेयर की कीमत 306.00 रु. है ! ◆ अर्थात सरकार ने "आम जनता के साथ धोखा" किया ? ★ सरकार सरकारी कंपनी (हिंदुस्तान जिंक) में 6000 लोगो को रोजगार नही दे सकी, तो देश में लाखो लोगो को रोजगार कैसे देगी ? ★ सरकार ने सरकारी कंपनी (29.50% in Hindustan Zinc and 49.00% in Balco) को “नुकसान” में बताकर देश के खनिजों (ZINC,LEAD,SILVER, CADMIUM and Aluminum) को फ्री में कॉर्पोरेट (वेदान्ता लिमिटेड)को दिया, क्योकि यह दोनों 21000 करोड़ रु. में बेचा जबकि कॉर्पोरेट (वेदान्ता लिमिटेड) 7323 करोड़ रु. प्रतिवर्ष “मुनाफा” कमा रहे है ! ◆◆◆◆◆●●●●● निष्कर्ष ●●●●●◆◆◆◆ ★ सरकार आम जनता की सरकारी कंपनी (हिंदुस्तान जिंक) की जमीन, माइंस व खनिजों को फ्री में {1} कॉर्पोरेट (देशी) को दे दिया, तो इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में {1000} कॉर्पोरेट (देशी व विदेशी) से देश की जमीन व प्राकृतिक संसाधनों(पानी, जंगल व खनिज) को कैसे बचाएगी ? ★ इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में नियंत्रण सरकारी कंपनी के हाथ में है, जिसमे सरकार का शेयर 49.00% है ! अर्थात इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की सरकारी कंपनी के नियंत्रण व अधिकार में देश 1/3 भूभाग होगा ! ◆ ◆ जो कभी भी सरकार "नुकसान बताकर" कॉर्पोरेट (विदेशी) को बेच सकती है ! ◆ ◆ ★★★★ तब देश व देश की आम जनता को "गुलाम होने से" भगवान भी नही रोक सकती है ! ★★★★ CA. Dinesh Sanadhya = 28.12.2017 www.dineshapna.blogspot.in



Tuesday 26 December 2017

■■★■■ राजसमंद के कॉर्पोरेट (मिराज) :: {"नशे से नफा"} ■■★■■ ■■★■■ {दिखाने की सेवा "एक" :: कमाई का मुनाफा "चार"} ■■★■■ ★ नाथद्धारा बस स्टैण्ड पर जनता के लिए "आयकॉन गेट", किन्तु हकीकत में + यातायात में परेशानी, + सरकारी जमीन का दुरूपयोग, + गेट के एवज में सरकार से अन्य जमीन,+ नाथद्धारा "श्रीजी का" परन्तु गेट "मिराज के नाम का" {सेवा एक ? :: मुनाफा चार ?} ★ गणेश टेकरी पर जनता के लिए "सबसे बड़ी शिवजी की प्रतिमा", किन्तु हकीकत में +साथ में व्यापार केंद्र, + स्थानीय व्यापार समाप्ति की ओर, + वैष्णव सम्प्रदाय V/S शैव सम्प्रदाय, + जनता की जमीन सेवा के लिए व ज्यादा उपयोग व्यापार हेतु {सेवा एक ? :: मुनाफा चार ?} ★ जनता के स्वास्थ्य के कीमत पर पैसा कमाया तथा सरकार को साथ देना पड़ा क्योकि तम्बाकू (नशे) का व्यापार कॉर्पोरेट कर रहे है ! ★ जनता के खेल मैदान के लिए करोडो की राजसमंद में जमीन, किन्तु हकीकत में "चार कॉर्पोरेट"ने "चार करोड़ रूपए" में लेकर"खास आदमी" के मौज मस्ती के लिए"मेवाड़ क्लब" बनाया ! कॉर्पोरेट द्वारा आम जनता की जमीन पर कब्ज़ा किया, किन्तु क्यों प्रशासन का सहयोग रहा व सरकार चुप रही ? ◆◆◆◆◆●●●●●निष्कर्ष :- ◆◆◆◆◆●●●●● ★ कॉर्पोरेट कितना भी अच्छा हो, आखिर तो “मुनाफे की लिए” आम जनता की लिए “नुक़सानदेह” ही होता है ! ★ कॉर्पोरेट “मुनाफे के लिए” आम जनता का या “स्वास्थ्य” जायेगा ? या “पैसा” जायेगा ? या “जमीन” जाएगी ? CA. Dinesh Sanadhya = 26.12.2017 www.dineshapna.blogspot.in



Monday 25 December 2017

★★राजसमंद के कॉर्पोरेट (सद्भाव) :: संसाधनों की लूट, जनता से वसूली★★ ★★सरकार की मौन स्वीकृति ; प्रशासन बेबस ; जनता लूटने को मजबूर★★ ◆◆◆◆{{{{{{{{{{{{{{{{{}}}}}}}}}}}}}}}}}}}◆◆◆◆ ◆◆राजसमंद के कॉर्पोरेट (सदभाव) गोमती उदयपुर फोरलेन द्वारा विकास के नाम पर लूट :- ◆◆ ★ नियम व गुणवत्ता के अनुसार सड़क निर्माणनही ! ★ कर राजस्व व पर्यावरण (पेडो की कटाई)को नुकसान ! ★ जनता की पुरानी सड़क व जनता की जमीन का पूरा मुआवजा नही दिया ! ★ जनता की शिकायतों को न सुना व न ही समाधान किया ! ★ केवल मुनाफे के लिए जमीन व संसाधनों कादुरुपयोग, जनता को परेशान व जान जोखिम में डालकर टोल टैक्स के रूप में करोडो की लूट ! ◆◆ सरकार मौन ; प्रशासन बेबस व जनता से लूट :- ◆◆ ★ जनता के 250 से 300 शिकायतों व ज्ञापनके बावजूद सरकार , कुछ नेताओ व कुछ अफसरों ने कॉर्पोरेट का पक्ष लिया तथा स्वयं व कॉर्पोरेट को फायदा पहुंचाया ! ★ जनता की जमीन छीनी, पर्यावरण बिगाड़ा,कर राजस्व की चोरी , जोख़िमभरी सड़क बनाई, जबरन टोलवसूली, जनता को कोई फायदा नही, तो भी जबरन टोल देना तथा जनता की कोईसुनवाही नही ! ◆◆ निष्कर्ष :- (आम जनता , सरकार , प्रशासन व कॉर्पोरेट) ◆◆ ★ आम जनता का धन व धरम दोनों गया ! सरकार व प्रशासन को कुछ फायदा ! कॉर्पोरेट को धन व अधिकार दोनों मिले ! ★ यह कॉर्पोरेट (एक - देशी) की 80 किमी सड़क का हाल है, तो सोचो ! जब इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में कॉर्पोरेट ( एक हजार - देशी व विदेशी) की 8000 किमी सड़क, रेल, फैक्ट्री, हवाई अड्डे, बन्दरगाह होगे ? ★ तब क्या सरकार उनपर नियंत्रण कर आमजनता का हित सुरक्षित कर पायेगी ? क्या जब आम जनता व देश कॉर्पोरेट (विदेशी व देशी ) का गुलाम नही होगा ? CA. Dinesh Sanadhya = 25.12.2017 www.dineshapna.blogspot.in



Saturday 23 December 2017

■■ गुलामी मुक्ति अभियान :: आम जनता "शुद्व के लिए युद्व" एकजुट होकर करे ! ■■ ★ कॉर्पोरेट (विदेशी व देशी) मुनाफे के लिए "खाद्य पदार्थो मे मिलावट" करना, आम आदमी के ◆◆ "जीने के अधिकार का हनन" ◆◆ है ! ★ व्यापार हो, किन्तु लूट नही ! प्रत्येक उत्पाद पर M.R.P. (Maximum Retail Price) के साथ ◆◆ "M.C.P." ◆◆ (Minimum Cost Price) भी अंकित हो ! ★ कॉर्पोरेट टैक्स के स्थान पर प्रत्येक उत्पाद पर ◆◆ "मुनाफे के सीमा 10 % से 20 % निर्धारित" ◆◆ हो ! ★ खाद्य पदार्थो के ◆◆ "मिलावट की जांच जिला स्तर पर" ◆◆ 24 घंटे में होनी चाहिए, व जिला स्तर पर जांच प्रयोगशाला हो, जिस पर आम आदमी खाद्य पदार्थो की जांच करा सके ! ★ खाद्य पदार्थो में मिलावट पर व्यापारी के साथ उत्पादन करने वाली "फैक्ट्री पर भी कार्यवाही हो" ! मिलावट ◆◆ Non - Bailable अपराध ◆◆ हो ! ★ खाद्य पदार्थो में मिलावट पर "त्वरित कार्यवाही , कठोर दंड" हो ! ◆◆ पीड़ित पक्षकार को तुरन्त आर्थिक नुकसान की पूर्ति ◆◆ हो ! ★ आम आदमी को खाद्य पदार्थो की जांच प्रयोगशाला "स्वयं लगानी चाहिए" ! आम जनता को एकजुट होकर ◆◆ "शुद्ध के लिए युद्ध अभियान" ◆◆ शुरू करना चाहिए ! CA.Dinesh Sanadhya = 24.12.2017 www.dineshapna.blogspot.in





■गुलामी मुक्ति अभियान :: आम जनता एकजुट हो !■ ★ सरकार का मूल "जन कर्तव्य" व आम जनता का "जन अधिकार" हो :- (1) सभी पर "कानून समानरूप से" लागू करना ! (2) "आर्थिक असमानता" दूर करना ! (3) "सभी को भोजन,शिक्षा,चिकित्सा,आवास व त्वरित न्याय" सुनिश्चित करना ! (4) "कानून व्यवस्था" पीड़ित, निर्दोष व आम जनता के पक्ष में सुनिश्चित करना ! ★ आम जनता को अपने जनअधिकारो के लिए "1795 दिन" जाति, समाज,धर्म, राजनैतिक पार्टी व स्वार्थ से ऊपर उठकर एकजुट होकरकार्य करना होगा! ★ प्रत्येक गांव / शहर में से "50 से 100 व्यक्ति" "मुद्दे के आधार" व उनके "स्वयं के हित के लिए" एकजुट होकर कार्य करना होगा ! ★ हमारा "विरोध किसी व्यक्ति/संस्था से नही, उसके जन विरोधी कार्य से है,"जो उसे छोड़ना होगा ! यदि वह जन विरोधी कार्य 100% छोड़ता है तो हमें न उस व्यक्ति से,न उसके पद से, न उस संस्था से व न उस पार्टी से एतराज है ! CA.Dinesh Sanadhya = 23.12.2017 www.dineshapna.blogspot.in




Wednesday 20 December 2017

■■ गुलामी मुक्ति आन्दोलन ■■ ■■ ★★20.12.2017★★■■ ★ क्या हम "2047 तक गुलाम" हो जायेगे ? ★ क्या हम "काँरपोरेट" (विदेशी व देशी) के गुलाम बन रहे है ? ★ क्या • जमीन, • पानी, • वायु, • प्राकृतिक संसाधनो व • अर्थव्यवस्था पर काँरपोरेट "कब्जा कर रहे" है ? ★ क्या गुलामी के लिए "कांग्रेस व बीजेपी" जिम्मेदार है ? ★ क्या "आम जनता" कुछ कर सकती है ? CA.Dinesh Sanadhya = 20.12.2017 www.dineshapna.blogspot.in












★"पांच" इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, "पांच" बर्बादी के द्धार :: पांचवा – “अर्थव्यवस्था”★ ★ कॉर्पोरेट के कब्जे में अर्थव्यवस्था :: (जिसके कब्जे में अर्थव्यवस्था, उसके हाथ में सत्ता / सरकार) ★ DDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDD ★अर्थव्यवस्था में देश के सम्पति, उत्पादन, व्यापार, श्रम, तकनीक व सामाजिक दायित्व सम्मलित होते है ! अतः सरकार का कर्तव्य है कि अर्थव्यवस्था को जनहित में प्रभावी व नियन्त्रित करे ! ★लोकतंत्र में “अर्थव्यवस्था” जनता के चुने हुवे जन प्रतिनिधि के हाथ में “ जनहित “ के लिए चाहिए ! किन्तु इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में अर्थव्यवस्था(1/3 जमीन, 2/3 प्राकृतिक संसाधन, 2/3 व्यापार, 2/3 उद्योग, 2/3 पूंजी ) कॉर्पोरेट (विदेशी / देशी) के कब्जे में होगी, जो अर्थव्यवस्था को “अपने मुनाफे के लिए” उपयोग व नियन्त्रित करेंगे! ★देश की अर्थव्यवस्था में धन (पूंजी व लोन) का 2/3 हिस्सा विदेशी कॉर्पोरेट का होगा, तो देश व देशवासियो को 2047 तक विदेशीयो का गुलाम बनाना तय है ! ★वर्तमान देश की अर्थव्यवस्था में, चुनाव में, बड़े घोटालो में, बैंक लोन लेने व लोन डीफॉल्टर में कॉर्पोरेट की 1/2 भागीदारी के साथ सत्ता / सरकार में हस्तक्षेप है ! किन्तु जब इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में (विदेशी / देशी) कॉर्पोरेट होगे, तब 100 % भागीदारी के साथ सत्ता / सरकार में हस्तक्षेप होगा ! तब 2047 तक क्या हम आम आदमी व देश गुलाम नही होगा ? CA.Dinesh Sanadhya = 20.12.2017 www.dineshapna.blogspot.in





Tuesday 19 December 2017

■●■ "पांच" इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, "पांच" बर्बादी के द्धार :: चौथा -"प्राकृतिक संसाधन"■●■ ■●■ कॉर्पोरेट द्वारा"जमीन"व“प्राकृतिक संसाधनों”पर कब्ज़ा व मुनाफे के लिए दोहन :: जनता व देश मूकदर्शक ■●■ DDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDD ★देश में कोयला भंडार (विश्व में चौथा), लोहा भंडार (विश्व में सातवाँ) माइका (विश्व में पांचवा) है ! इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में कॉर्पोरेट (विदेशी व देशी) की इन भण्डारो पर बुरी नजर है तथा ये इनका दोहन इनके फायदे के लिए करना चाहते है ! ★देश में खेती की जमीन 19.45 लाख वर्ग किमी (56.78%) व जंगल की जमीन 7.02 लाख वर्ग किमी (21.34%) इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में खेती व जंगल की जमीन बर्बाद होगी ! प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक दोहन व दुरुपयोग होगा ! ★इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में निर्माण तेज परिवहन की साधन, कच्चे माल का उपयोग, उत्पादन का फायदा 75% कॉर्पोरेट (विदेशी व देशी) को तथा 25% जनता व देश को होगा ! आमजनता के हिस्से में प्रदुषण, बेरोजगारी, नौकरी करने के मजबूरी, रोटी कपडा व मकान के लिए अत्यधिक कीमत, कॉर्पोरेट पर निर्भरता व गुलामी ! देश को नुकसान जमीन, प्राकृतिक संसाधन, कर्ज भार, नियंत्रण हाथ से निकलना, व आर्थिक गुलामी ! ★सरकार का वर्तमान कॉर्पोरेट ( निजी शिक्षा क्षैत्र,निजी मेडिकल क्षैत्र, निजी परिवहन क्षैत्र,निजी बैंकिंग क्षैत्र) पर"जनहित"में नियंत्रण नही है, तो इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में कॉर्पोरेट (विदेशी व देशी) पर "जनहित" में नियंत्रण बिलकुल नही रहेगा ! CA.Dinesh Sanadhya = 19.12.2017 www.dineshapna.blogspot.in






Monday 18 December 2017

★★★पांच इंडस्ट्रियल कॉरिडोर,पांच बर्बादी के द्धार :: तीसरा –“वायु”★★★ ★★★ कॉर्पोरेट द्वारा"जमीन"पर कब्ज़ा तथा“पानी व वायु”में प्रदुषण : जनता"जमीन,“पानी व वायु”खरीदने को मजबूर ★★★ DDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDDD ★ दिल्ली दुनिया में सबसे ज्यादा “वायु प्रदूषित” है ! तथा इसके साथ भारत के सभी महानगर व 168 शहर “वायु प्रदूषित”है ! ★ देश में 12 लाख “मौत” प्रतिवर्ष वायु प्रदुषण से हो रही है ! 300 लाख व्यक्तियों को “अस्थमा” तथा कई व्यक्तियों को “कैंसर व अन्य बिमारिया” हो रही है ! ★ वर्तमान औद्योगीकरण से उक्त स्थिति है, तो इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में 10 गुणा ज्यादा औद्योगीकरण होने तथा वन व खेती नष्ट होने पर “वायु प्रदुषण भी 10 गुणा ज्यादा” होगा ! ★ वर्तमान में वायु प्रदुषण औद्योगिक क्षेत्र तक ही सीमित है, किन्तु इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में पुरे देश में 5734 किमी लम्बाई व 200 किमी चौड़ाई तक कुल क्षेत्रफल 11.42 लाख वर्ग किमी में होगा, जो भारत की कुल क्षेत्रफल का 1/3 हिस्सा है तथा साथ ही देश की 75 % आबादी वायु प्रदुषण से प्रभावित होगी ! ★ देश में 30 वर्ष पूर्व “बोतल बंद पानी” बिकने लगा है, तो अब 30 वर्ष बाद “बोतल बंद हवा” बिकने लगेगी ! ★ वर्तमान में वायु प्रदूषण से बचने के लिए घर, ऑफिस, कार व बाजार में एयर कंडीशनर लगाना पड़ रहा है, जो आम आदमी के पहुंच से दूर है ! तो आम आदमी कहाँ जायेगा ? CA.Dinesh Sanadhya = 18.12.2017 www.dineshapna.blogspot.in