Thursday 31 January 2019

■■ कांग्रेस का "वोट" के लिए "धोखा'" ? ■■ ★★न्यूनतम आय गारन्टी = 3 लाख करोड़ रु बजट जरूरी★★ ••••••∆∆∆∆•••••∆∆∆∆•••••• ◆क्या "न्यूनतम आय गारन्टी" कांग्रेस का बीजेपी "15 लाख रु" जैसा जुमला है ? ◆क्या इस गारन्टी योजना का बजट के लिए अन्य बजट से कटौती करके पूरा करना "जनता के साथ धोखा" है ? ◆क्या इसके बजट के लिए वर्तमान प्रायोजित "योजनाओं मे कटौती/समाप्ति करना धोखा" है ? ◆क्या इसके बजट के लिए "एलपीजी सब्सिडी को खत्म करना हमारे साथ धोखा" है ? ◆क्या इसके बजट के लिए खाद, ब्याज, विमान ईधन जैसी "आधा दर्जन सब्सिडियों को खत्म करना आम आदमी के साथ धोखा" है ? ◆क्या इसके बजट के लिए मध्य वर्ग को "आयकर मे मिलने वाली राहतो मे कटौती/खत्म कर राशि जुटाना, जनता के साथ धोखा" है ? ◆सरकारी कम्पनियों की "हिस्सेदारी बेचकर राशि जुटाना, जनता के साथ धोखा" है ? ■■■■■■■■■■■■■■ इसका सीधा व सपाट अर्थ है :- एक फायदा (न्यूनतम आय गारन्टी) के लिए (गरीब किसानों, आम आदमी, मध्य वर्ग आदमी की सब्सिडी) खत्म करना या सरकारी कम्पनियों को बेचना उचित है ! ■■◆◆■■◆◆■■◆◆■■ एकबार "बीजेपी" ने आम आदमी को धोखा दिया, अबकी बार "कांग्रेस" की बारी !



Wednesday 30 January 2019

""अहिंसा परमो धर्मः धर्म हिंसा तथैव च: l" (अहिंसा सबसे बड़ा धर्म है और धर्म रक्षार्थ हिंसा भी उसी प्रकार श्रेष्ठ है) Ahimsa Paramo Dharma Dharma himsa tathaiva cha,, (Non-violence is the ultimate dharma. So too is violence in service of Dharma). Inline image 2 भारत में अहिंसा के पुजारी का ढोंग करने वाले महात्मा गाँधी ने हिन्दुओ की सभा में हमेंशा यही श्लोक पढते थे लेकिन हिन्दुओ को कायर रखने के लिए गांधी इस श्लोक को अधूरा ही पढ़ता था जिससे हिन्दुओ का धार्मिक खून उबल न पड़े. इसमें कोई शंशय नहीं की अहिंसा बहुत ही स्वीकार्य और महान सोच है परन्तु उसी के साथ हिन्दुओ / सनातनियो को अपने धर्म की रक्षा (राष्ट्र धर्म,मानवता, प्रकृति, कर्त्तव्य रक्षा, समाज रक्षा, गृहस्थ रक्षा यानी जितने धार्मिक कर्तव्य हैं ) के आड़े आने वाली हर बाधा की समाप्त करने के लिए किया गया आवश्यक हिंसा उतना ही श्रेष्ठ है. अपने बंधू-बान्धवो की रक्षा राष्ट्र रक्षा का एक भाग जिसमे यदि हिंसा आवश्यक है तो करना श्रेष्ठ है. Inline image 1 ध्यान रहे ये श्लोक तब लिखे गए थे जब अब्रहमिक धर्म (ईसाई और इस्लाम) इस विश्व में आये ही नहीं थे, लेकिन सनातन धर्म इस जगत में कब से किसी को अंदाज़ा नहीं है और धर्म के लिए हिंसा का अभिप्राय सनातन धर्म के रक्षार्थ लिखा गया जिसमे एक तुलसी की भी पूजा की जाती है और दुष्कर्मो के लिए अनिवार्य मृत्यु का विधान है जिससे की समाज की भयमुक्त किया जा सके. भारत में हमारी हिंदू विरोधी सरकारे भी हिन्दुओ को आधा ही श्लोक बताने की शौकीन हैं..कारन हिन्दुओ का शोषण जरी रखा जा सके. इसीलिये इस श्लोक को नयी पीढ़ी के पास अंधाधुंध अग्रेषित करे. ★★★★अहिंसा परमो धर्मः धर्म हिंसा तथीव च |★★★★ जय हिन्द !! जय भारत !!






"सत्य दर्शन" कार्यक्रम - 30.01.2019 - गांधी जयंती पर विशेष अभियान : दिनेश सनाढ्य - dineshapna l