Monday 30 September 2019

दुनिया ने दो विश्व युद्ध देखे हैं.... पहले विश्व युद्ध में 85 लाख लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था। दूसरे विश्व युद्ध की शुरुआत 1939 में हुई। इसमें मरने वालों की आधिकारिक संख्या 7 करोड़ से अधिक थी। इन दोनों युद्धों में कुल 16 देशों ने भाग लिया, इसमें से 15 इसाई देश थे और एक मुस्लिम देश तुर्की भी शामिल था। दूसरा विश्व युद्ध 9 अगस्त 1945 के दिन यानी जापान पर एटम बम गिराने वाले दिन समाप्त हुआ। अगर आप आकड़ों पर नज़र डालें तो एक अनुमान के मुताबिक इस्लाम ने अपने जन्म से लेकर अब तक अपने धर्म के प्रचार में दुनिया भर में 270 करोड़ लोगों की हत्या की। ईसाईयों ने पूरे यूरोप और एशिया मिलाकर 110 करोड़ इंसानों की हत्या केवल कैथोलिक चर्च के कहने पर की, जिसमे 90 लाख महिलायें थीं। दुनिया को सभ्यता का पाठ पढ़ाने वाले अमेरिका में दस करोड़ माया सभ्यता के लोगों की हत्या स्पेन के पादरियों के नेतृत्व में कर दी गयी। सोवियत संघ में स्टालिन ने 1 करोड़ से ज्यादा लोगों को मौत के घाट उतारा। हिटलर ने 60 लाख यहूदियों को मारा। आप ये सारी घटनाए गूगल पर सर्च कर सकते हैं। अमेरिका ने 70 के दशक में लेबनान पर हमला किया, अस्सी के दशक में अफगानिस्तान पर हमला किया, नब्बे के दशक में सोमालिया पर हमला किया। वहीँ ईराक ने नब्बे के दशक में ही कुवैत पर हमला किया। 21वीं शताब्दी में अमेरिका ने फिर ईराक पर हमला किया। यानी इसाई और मुस्लिम देशों ने दूसरे मुस्लिम और इसाई देशों पर अपने प्रभुत्व और व्यवसायिक हित के लिए हमले किये और करोड़ों लोगों का खून बहाया। मुसलमानों ने तो भारत में 7वीं शताब्दी से ही हिन्दुओं का खून बहाना शुरू कर दिया था। 80 के दशक से अकेले काश्मीर में ही 2 लाख से ज्यादा हिन्दुओं की हत्या हो चुकी है। आज इस्लाम दुनिया में सबसे ज्यादा तेज़ी से फैलता सम्प्रदाय है। मैंने कुछ साल पहले टाइम्स ऑफ़ इंडिया में एक लेख पढ़ा था। उस लेख के अनुसार 2012 में इंडोनेशिया के मुसलमानों ने वहां के ईसाईयों को इस्लाम कुबूल करने की धमकी दी और ना कबूल करने की दशा में गला काट देने को कहा गया। इसके बाद हजारों की संख्या में ईसाईयों ने इस्लाम कूबुला। उन्हें खतना करवाना पड़ा ताकि उनकी मुस्लिम के रूप में पहचान हो सके। अल्जीरिया सालों से इस्लामिक कट्टरपंथियों और वहां की सेना के संघर्ष में पिस रहा है। नाईजीरिया में मुसलमानों का खूनी संघर्ष चरम पर है, वहां ईसाईयों के चर्चों को जला दिया गया। मिस यूनिवर्स के कार्यक्रम के दौरान this day नामक स्थानीय अखबार का दफ्तर इस्लामिक कट्टरपंथियों द्वारा जला दिया गया। केन्या में वहां की लोकतान्त्रिक सरकार के विरुद्ध वहां के मुस्लिम संगठनों ने जेहाद का ऐलान किया। सूडान में गृह युद्ध के दौरान मुसलमानों और ईसाईयों में भयंकर युद्ध हुआ। 19वीं शताब्दी के मध्य में यानी 1860 में लेबनान में वहां के ईसाईयों की हत्या मुसलमानों ने की, सत्तर के दशक में लेबनान में गृह युद्ध छिड़ गया जो नब्बे की दशक की शुरुआत में जाकर खत्म हुआ जिसमे 1 लाख से अधिक लेबनानी मारे गए। हज़ारों औरतों का सड़कों पर बलात्कार किया गया। अब ध्यान दीजिये उपरोक्त सभी युद्धों और मार काट खून खराबे में मुसलमान और इसाई देश शामिल थे। लेकिन भारत जिसने मानव सभ्यता की शुरुआत से लेकर आज तक किसी भी देश पर हमला नहीं किया उसे आज दुनिया का सबसे असहिष्णु देश बताया जा रहा है और हिन्दू को सबसे बड़ा अराजकवादी ! #पोस्ट पढ़िए और थोड़ा विचार कीजिये कौन अराजक है ? इस्लाम, इसाई या सनातनी हिन्दू ???????





*ब्राह्मण के लिये जरुरी तीन-* 1-संस्कार , 2- मेहनत , 3-भाईचारा *ब्राह्मण को प्रिय तीन-* 1-न्याय , 2-नमन , 3-आदर *ब्राह्मण को अप्रिय तीन-* 1-अपमान,2- विश्वासघात , 3-अनादर *ब्राह्मण को महान बनाने वाले तीन-* 1-शरणागतरक्षक, 2-दयालुता, 3-परोपकार *ब्राह्मण के लिये अब जरुरी तीन-* 1-एकता , 2-संस्कार ,3-धर्म पालन *ब्राह्मण के लिये छोङने वाली तीन-* 1-बुरी संगत ,2- कुप्रथाएँ ,3- आपसी मनमुटाव *ब्राह्मण को जोङने वाली तीन-* 1-गोरवशाली इतिहास, 2- परम्पराएँ , 3-हमारे आदर्श... *ब्राह्मण को डुबोने वाली तीन-* 1-दारु , 2-दोगङ , 3-दगा ◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆ *जय परशुराम ...हर हर महादेव* ◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆ *ब्राह्मणो का योगदान -* भारत के क्रान्तिकारियो मे *90% क्रान्तिकारी ब्राह्मण* थे ! जरा देखो कुछ मशहूर ब्राह्मण क्रान्तिकारियो के नाम :-------- *ब्राह्मण स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी* (१) चंद्रशेखर आजाद (२) सुखदेव (३) विनायक दामोदर सावरकर( वीर सावरकर ) (४) बाल गंगाधर तिलक (५) लाल बहाद्दुर शास्त्री (६) रानी लक्ष्मी बाई (७) डा. राजेन्द्र प्रसाद (८) पण्डित रामप्रसाद बिस्मिल (९) मंगल पान्डेय (१०) लाला लाजपत राय (११) देशबन्धु डा. राजीव दीक्षित (१२) नेताजी सुभाष चन्द्र बोस (१३) शिवराम राजगुरु (१४) विनोबा भावे (१५) गोपाल कृष्ण गोखले (१६) कर्नल लक्ष्मी सहगल ( आजाद हिंद फ़ौज की पहली महिला ) (१७) पण्डित मदन मोहन मालवीय (१८) डा. शंकर दयाल शर्मा (१९) रवि शंकर व्यास (२०) मोहनलाल पंड्या (२१) महादेव गोविंद रानाडे (२२) तात्या टोपे (२३) खुदीराम बोस (२४) बाल गंगाधर तिलक (२५) चक्रवर्ती राजगोपालाचारी (२६) बिपिन चंद्र पाल (२७) नर हरि पारीख (२८) हरगोविन्द पंत (२९) गोविन्द बल्लभ पंत (३०) बदरी दत्त पाण्डे (३१) प्रेम बल्लभ पाण्डे (३२) भोलादत पाण्डे (३३) लक्ष्मीदत्त शास्त्री (३४) मोरारजी देसाई (३५) महावीर त्यागी (३६) बाबा राघव दास (३७) स्वामी सहजानन्द यह है ब्राह्मणो का भारत की क्रांती मे योगदान , तुम्हारा क्या है ? जरा बताओ तो तुम किस अधिकार से स्वयं को भारतीय कहते हो और ब्राह्मणो का विरोध करते हो । मुझे गर्व है, मैं ब्राह्मण हूं ! यदि ब्राह्मण नही होगा तो किसी का भी अस्तित्व नही होता ! ●●●●●●●●●●●●●●●●●● *अथर्व वेद के 5/19/10 मे स्पष्ट लिखा है, ब्राह्मणो की उपेक्षा व तिरस्कार की बात सोचने मात्र भर से सोचने वाले का सर्वस्व पतन होना शुरू हो जाता है ।* क्योकि :---------------------------- ★ब्राह्मण दान देने पे आया तो -दधीचि, ★दान लेने पे आया तो सुदामा ★परीक्षा लेने पे आया तो -भृगु, ★तपोबल पे आया तो -कपिल मुनि ★अहंकार को दबाने पे आया तो -अगस्त मुनि ★धर्म को बचाने पे आया तो आदि शंकराचार्य ★नीति पे आया तो ... -चाणकय, ★नेतृत्व करने पे आया तो -अटल बिहारी, ★बग़ावत पे आया तो -मंगल पांडे, ★क्रांति पे आया तो -चंद्रशेखर आज़ाद, ★संगठित करने पे आया तो -केशव बलिराम हेगड़ेवार, ★संघर्ष करने पे आया तो -विनायक राव सावरकर ★निराश हुआ तो -नाथु राम गोडसे और ★क्रोध मे आया तो -परशुराम ■■■■■■■■■■■■■■ : ब्राह्मण साम्राज्य की टीम ने 2 महीने की मेहनत कर भारत के समस्त राज्यों से ब्राह्मणो की जनसंख्या जानने की कोशिश की है, जिसके अनुसार सूची तैयार हुई है। उम्मीद है ब्राह्मण अपनी शक्ति पहचाने और एकजुट होकर कार्य करे : --------------------------- 1) जम्मू कश्मीर : 2 लाख + 4 लाख विस्थापित 2) पंजाब : 9 लाख ब्राह्मण 3) हरयाणा : 14 लाख ब्राह्मण 4) राजस्थान : 78 लाख ब्राह्मण 5) गुजरात : 60 लाख ब्राह्मण 6) महाराष्ट्र : 45 लाख ब्राह्मण 7) गोवा : 5 लाख ब्राह्मण 8) कर्णाटक : 45 लाख ब्राह्मण 9) केरल : 12 लाख ब्राह्मण 10) तमिलनाडु : 36 लाख ब्राह्मण 11) आँध्रप्रदेश : 24 लाख ब्राह्मण 12) छत्तीसगढ़ : 24 लाख ब्राह्मण 13) ओडिसा : 37 लाख ब्राह्मण 14) झारखण्ड : 12 लाख ब्राह्मण 15) बिहार : 90 लाख ब्राह्मण 16) पश्चिम बंगाल : 18 लाख ब्राह्मण 17) मध्य प्रदेश : 42 लाख ब्राह्मण 18) उत्तर प्रदेश : 2 करोड़ ब्राह्मण 19) उत्तराखंड : 20 लाख ब्राह्मण 20) हिमाचल : 45 लाख ब्राह्मण 21) सिक्किम : 1 लाख ब्राह्मण 22) आसाम : 10 लाख ब्राह्मण 23) मिजोरम : 1.5 लाख ब्राह्मण 24) अरुणाचल : 1 लाख ब्राह्मण 25) नागालैंड : 2 लाख ब्राह्मण 26) मणिपुर : 7 लाख ब्राह्मण 27) मेघालय : 9 लाख ब्राह्मण 28) त्रिपुरा : 2 लाख ब्राह्मण ■सबसे ज्यादा ब्राह्मण वाला राज्य: ●उत्तर प्रदेश● ■सबसे कम ब्राह्मण वाला राज्य : ●सिक्किम● ■सबसे ज्यादा ब्राह्मण राजनैतिक वर्चस्व : ●पश्चिम बंगाल● ■सबसे ज्यादा % ब्राह्मण वाला राज्य : ●उत्तराखंड में जनसँख्या के 20 % ब्राह्मण● ■अत्यधिक साक्षर ब्राह्मण राज्य : ●केरल और हिमाचल● ■सबसे ज्यादा अच्छी आर्थिक स्तिथि में ब्राह्मण : ●असम● ■सबसे ज्यादा ब्राह्मण मुख्यमंत्री वाला राज्य : ●राजस्थान● ■सबसे ज्यादा ब्राह्मण विधायक वाला राज्य : ●उत्तर प्रदेश● ★★■■★★★★■■★★ ●भारत लोकसभा में ब्राह्मण : 48 % ●भारत राज्यसभा में ब्राह्मण : 36 % ●भारत में ब्राह्मण राज्यपाल : 50 % ●भारत में ब्राह्मण कैबिनेट सचिव : 33 % ●भारत में मंत्री सचिव में ब्राह्मण : 54% ●भारत में अतिरिक्त सचिव ब्राह्मण : 62% ●भारत में पर्सनल सचिव ब्राह्मण : 70% ●यूनिवर्सिटी में ब्राह्मण वाईस चांसलर : 51% ●*सुप्रीम कोर्ट में ब्राह्मण जज: 56%* ●हाई कोर्ट में ब्राह्मण जज : 40 % ●भारतीय राजदूत ब्राह्मण : 41% ●पब्लिक अंडरटेकिंग ब्राह्मण : केंद्रीय : 57% राज्य : 82 % ●बैंक में ब्राह्मण : 57 % ●एयरलाइन्स में ब्राह्मण : 61% ● *IAS ब्राह्मण : 72%* ● *IPS ब्राह्मण : 61%* ●टीवी कलाकार एव बॉलीवुड : 83% ●CBI Custom ब्राह्मण 72% ◆◆◆◆●●●●●◆◆●◆◆◆◆ *कुछ बात तो है कि हस्ती मिटती नही हमारी ।* *मिट गये हमे मिटाने वाले* ◆◆◆◆●●◆◆◆◆◆◆◆◆◆








Saturday 28 September 2019

शहीद भगत सिंह के जन्मदिवस पर आम जनता के नाम संदेश कि भगत सिंह के आदर्शों पर चलकर हम आजादी को बरकरार रख सकते हैं, आज के दिन हम अपने इतिहास से शिक्षा ले कि जाति, धर्म , संप्रदाय व राजनीतिक पार्टीयो से ऊपर उठकर हम देश के लिए एकजुट होकर कार्य करें तथा अपने अधिकारों की रक्षा के लिए जनहित में कार्य करें ! ★★★★★★★★★★★ शहीद भगत सिंह बम फेंककर क्रांतिकारी नहीं बने. अपने विचारों से बने. उनके व्यक्तित्व की सबसे बड़ी खासियत उनके विचार हैं. 23 की उम्र में वह जो कुछ लिख गए, वह उन्हें आजादी के दूसरे सिपाहियों से बिल्कुल अलग खड़ा करता है. उन्हें सलाम करते हुए हम उनके कुछ मशहूर कोट्स यहां पेश कर रहे हैं. वह किस किस्म की दुनिया बनाना चाहते थे, आप उनकी कही इन बातों से समझ सकते हैं ! ★★★★★★★★★★★★★★★ भगत सिंह लिखते हैं "महान लोग इसलिए महान हैं क्योंकि हम घुटनों पर हैं. आईए, हम उठें!" इसके पेज नंबर 177 पर वह लिखते हैं "यह प्राकृतिक नियम के विरुद्ध है कि कुछ मुट्ठी भर लोगों के पास सभी चीजें इफरात में हों और जन साधारण के पास जीवन के लिए जरूरी चीजें भी न हों." इसके 41वें पेज पर धर्म के बारे में अपने विचार जाहिर किए हैं. "लोग धर्म द्वारा उत्पन्न झूठी खुशी से छुटकारा पाए बिना सच्ची खुशी हासिल नहीं कर सकते. यह मांग कि लोगों को इस भ्रम से मुक्त हो जाना चाहिए, उसका मतलब यह मांग है कि ऐसी स्थिति को त्याग देना चाहिए जिसमें भ्रम की जरूरत होती है." शहीद-ए-आजम भगत सिंह की आवाज, उनके क्रांतिकारी विचार आम लोगों तक पहुंचाने के लिए पहली बार उनकी जेल डायरी हिंदी में छपवाई गई है. खास बात यह है कि इसमें एक तरफ भगत सिंह की लिखी डायरी के पन्नों की स्कैन प्रति लगाई गई है और दूसरी तरफ उसका ट्रांसलेशन है. शहीद-ए-आजम ने अंग्रेजी और उर्दू में डायरी लिखी है. इस पर लाहौर जेल के जेलर के भी हस्ताक्षर हैं. डायरी पर 'नोटबुक' भारती भवन बुक सेलर लाहौर छपा हुआ है. शहीद-ए-आजम के वंशज यादवेंद्र सिंह संधू राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे फरीदाबाद में रहते हैं. उन्होंने भगत सिंह द्वारा लाहौर सेंट्रल जेल में लिखी गई डायरी की मूल प्रति संजोकर रखी हुई है. संधू कहते हैं "हम चाहते थे कि डायरी में लिखी बातों का हिंदी में अनुवाद कर आम लोगों तक पहुचायां जाए. खासकर हिंदी पट्टी के लोग उनके विचार उन्हीं के शब्दों में जान सकें. संधू कहते हैं "भगतसिंह के बारे में हम जब भी पढ़ते हैं, तो एक प्रश्न हमेशा मन में उठता है कि जो कुछ भी उन्होंने किया, उसकी प्रेरणा, हिम्मत और ताकत उन्हें कहां से मिली? उनकी उम्र मात्र 23 साल थी और उन्हें फांसीपर चढ़ा दिया गया. लाहौर सेंट्रल जेल में आखिरी बार कैदी रहने के दौरान (1929-1931 के बीच) भगत सिंह ने आजादी, इंसाफ, खुद्दारी, मजदूरों, क्रांति और समाज के बारे में महान् दार्शनिकों, विचारकों, लेखकों तथा नेताओं के विचारों को खूब पढ़ा और आत्मसात् किया. इसी आधार पर उन्होंने जेल डायरी में कमेंट्स लिखे." "यह सब आप उन्हीं के शब्दों में, उन्हीं की हैंडराइटिंग में पढ़ सकते हैं. भगत सिंह ने यह सब भारतीयों को यह बताने के लिए लिखा कि आजादी क्या है, मुक्ति क्या है और इन अनमोल चीजों को बेरहम तथा बेदर्द अंग्रेजों से कैसे छीना जा सकता है, जिन्होंने भारतवासियों को बदहाल और मजलूम बना दिया था. भगतसिंह ने किस तरह के भविष्य का सपना देखा था? मौजूदा हालात में भगत सिंह की जेल डायरी इन सवालों का जवाब दे सकती हैं." हमने डायरी के कुछ पन्ने अपने कैमरे में कैद किए. गजब की अंग्रेजी लिखावट के साथ-साथ एक बेहतर देश और समाज बनाने के उनके विचार भी इसमें छिपे हुए हैं. 404 पेज की इस डायरी के हर पन्ने पर वतनपरस्ती झलकती है. आजाद भारत के सपने को लेकर भगत सिंह ने लाहौर जेल में जो कठिन दिन गुजारे उसका हर लम्हा इसमें कैद है. इसके पेज नंबर 124 पर उन्होंने Aim of life शीर्षक से लिखा है "ज़िंदगी का मकसद अब मन पर काबू करना नहीं बल्कि इसका समरसता पूर्ण विकास है. मौत के बाद मुक्ति पाना नहीं बल्कि दुनिया में जो है उसका सर्वश्रेष्ठ उपयोग करना है. सत्य, सुंदर और शिव की खोज ध्यान से नहीं बल्कि रोजमर्रा की जिंदगी के वास्तविक अनुभवों से करना भी है. सामाजिक प्रगति सिर्फ कुछ लोगों की नेकी से नहीं, बल्कि अधिक लोगों के नेक बनने से होगी. आध्यात्मिक लोकतंत्र अथवा सार्वभौम भाईचारा तभी संभव है जब सामाजिक, राजनैतिक और औद्योगिक जीवन में अवसरों की समानता हो !!!!!!!!!!!





















Wednesday 25 September 2019

*तू प्रोफेशनल है, तू सीए है* *तू तो सनदी लेखाकार है एप्रिल आया जोर में बेंक ऑडिट के शोर में बर्थडे क्या मनाये तू जब सांस लेना दुस्वार है *तू तो सनदी लेखाकार है* गर्मियो की छुट्टियाँ तेरे बच्चोसे हो गई कटीयाँ लिमिटेड टाइम में लिमिटेड रिव्यु इतने के लोनावला भी तेरी पहोंच के बहार है *तू तो सनदी लेखाकार है* पहिली बारिस की बूंदे तू खुद को 26AS में ढूढ़े टेक्स क्रेडिट के हिसाब मे तू सूखा रहा बरसात में क्लायंट से डेटा आ जाये बस तेरी नैया पार है *तू तो सनदी लेखाकार है* उस क्लायंट के ओटीपी नही आये जो मुशी डेम पे छुट्टी मनाये वोट्स एप पे बैंक पासबुक भेजते तेरे क्लायंट बड़े होशियार है *तू तो सनदी लेखाकार है* दोस्त तेरे गणेश दर्शन करते बम्बई के हर पंडाल में तू ऑफिसमे उल्ज़ा है कैप्चा के जंजाल में तेरी इस कहानी में खलनायक हज़ार है *तू तो सनदी लेखाकार है* DIN KYC, जीएसटी, टेक्स ऑडिट और RERA नववे महीने में तुजे लेने कितने अवतार है *तू तो सनदी लेखाकार है* तेरे नवरात्र भी ऑफिसमे तेरे श्राद्ध भी ऑफिसमे तेरा तो मिच्छामि दुक्कड़म भी ऑफिस में हर बार है *तू तो सनदी लेखाकार है* पुकारा तूने क्लायंट को धरती से अम्बर तक ट्रांसफर प्राइसिंग डेटा आया नही नवम्बर तक फिर भी तेरा जोश बरकरार है *तू तो सनदी लेखाकार है* दीवाली से क्रिसमस तेरी स्क्रूटिनी की ऋत आएगी आयकर के सोफे पे तेरे कटने सभी इतवार है *तू तो सनदी लेखाकार है* कभी ये तारीख़, कभी वो डेटा Ease of Doing Business के चक्करमें तुज़ही पे होते अत्याचार है पर गम न कर *तू तो सनदी लेखाकार है* तू इंडस्ट्री मे हो या प्रेक्टिस में छोटी फर्म या बिग फ़ॉर में कॉम्प्लॉयन्स के नाम पे तेरे पीछे पड़ी सरकार है *तू तो सनदी लेखाकार है* *तू प्रोफेशनल है, तू सीए है* *तू तो सनदी लेखाकार है* ड्यू डेट तेरा मातम एक्सटेंसन तेरा त्योहार है *तू तो सनदी लेखाकार है*













Tuesday 24 September 2019

★कमला नेहरू चिकित्सालय कांकरोली की दयनीय स्थिति★ आज श्री कृष्ण नगर के निवासियों द्वारा एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें कमला नेहरू चिकित्सालय की दयनीय स्थिति के बारे में बताया गया ! जिसमें मुझे भी आमंत्रित किया गया ! जब स्थिति देखी तो पता चला कि यहाँ पर मरीज स्वास्थ्य लाभ के लिए आते हैं, किन्तु उसकी जगह वहां पर मच्छर और गंदगी की भरमार होने से स्वास्थ्य होने की जगह और अधिक बीमार हो जाते हैं ! चिकित्सालय में नर्सिंग कर्मीयो की भी कमी है, साफ सफाई का नितांत अभाव है, इन सब परिस्थितियों को देखते हुए मैंने स्थानीय निवासियों के द्वारा ● "राजसमंद मेडिकेयर सिविल सोसायटी" का गठन किया गया तथा 11 व्यक्तियों ने मिलकर ●मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी राजसमंद व ●जिला कलेक्टर राजसमंद को कमला नेहरू चिकित्सालय की अनियमितताओ व गंदगी के संबंध में एक पत्र दिया गया तथा उनसे निवेदन किया गया कि कमियों को शीघ्र दूर करें ! CA. Dinesh Sanadhya - 24.09.2019 www.dineshapna.blogspot.com