Wednesday 30 October 2019

★ #लौह_दिवस को #कृष्ण - #अर्जुन_दिवस कहे तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी ! ★ ◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆ ●धन्य है उस मां की कोख जिसने लौह शिशु जना, जो पूरे भारतवर्ष की लौह संतान बना ! ●फौलादी व्यक्तित्व को सलाम ! हार्दिक श्रद्धांजलि ! व शत शत नमन ! CA. Dinesh Sanadhya - 31.10.2019 www.dineshapna.blogspot.com
















★★ दीपावली शुभ हो - 365 दिन ★★ ●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●● *मनुष्य का हृदय कभी भी* *भरा नहीं जा सकता ?* *धन से, पद से, ज्ञान से- किसी से भी भरो, वह खाली ही रहेगा।* *क्योंकि इन चीजों से भरने के लिए* *वह बना ही नहीं है।* *मनुष्य जितना पाता है,* *उतना ही दरिद्र होता जाता है।* *हृदय की इच्छाएं कुछ भी* *पाकर शांत नहीं होती हैं। क्यों?* *क्योंकि, हृदय तो परमात्मा (श्रीजी) को* *पाने के लिए बना है।* *सुप्रभात. ◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆ आप का हर क्षण आनंद व मंगलमय हो।* CA. Dinesh Sanadhya - 30.10.2019 www.dineshapna.blogspot.com
























Tuesday 29 October 2019

★★सवर्णों में एक जाति है - ब्राह्मण★★ ●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●●● जिस पर सदियों से राक्षस, पिशाच, दैत्य, यवन, मुगल, अंग्रेज, कांग्रेस, सपा, बसपा, वामपंथी, भाजपा, सभी राजनीतिक पार्टियाँ, विभिन्न जातियाँ "आक्रमण" करते आ रहे है। ■1■ प्रश्न :- "आरोप" ये लगे कि ब्राह्मणों ने "जाति का बटवारा" किया! उत्तर:- सबसे प्राचीन ग्रंथ वेद जो अपौरुषेय जिसका संकलन "वेदव्यास जी" ने किया। जो "मल्लाहिन" के गर्भ से उत्पन्न हुए। १८-पुराण, महाभारत, गीता सब व्यास विरचित है जिसमें वर्णव्यवस्था और जाति व्यवस्था दी गई है। रचनाकार व्यास ब्राह्मण जाति से नही थे। ऐसे ही कालीदास आदि कई कवि जो वर्णव्यवस्था और जाति-व्यवस्था के पक्षधर थे और जन्मजात ब्राह्मण नहीं थे। ■2■ प्रश्न:- कोई एक भी ग्रन्थ का नाम बतलाइए जिसमें "जातिव्यवस्था" लिखी गई हो और "ब्राह्मण" ने लिखा हो? उत्तर :- शायद एक भी नही मिलेगा। मुझे पता है आप मनु स्मृति का ही नाम लेंगे, जिसके लेखक "मनु महाराज" थे, जो कि "क्षत्रिय" थे, मनु स्मृति जिसे आपने कभी पढ़ा ही नहीं और पढ़ा भी तो टुकड़ों में! कुछ श्लोकों को जिसके कहने का प्रयोजन कुछ अन्य होता है और हम समझते अपने विचारानुसार है। मनु स्मृति पूर्वाग्रह रहित होकर सांगोपांग पढ़ें। छिद्रान्वेषण की अपेक्षा गुणग्राही बनकर स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। ★*अब रही बात कि ब्राह्मणों ने क्या किया?*★ तो सुनें! ◆यंत्रसर्वस्वम् (इंजीनियरिंग का आदि ग्रन्थ)-भरद्वाज, ◆वैमानिक शास्त्रम् (विमान बनाने हेतु)-भरद्वाज, ◆सुश्रुतसंहिता (सर्जरी चिकित्सा)-सुश्रुत, ◆चरकसंहिता (चिकित्सा) -चरक, ◆अर्थशास्त्र(जिसमें सैन्यविज्ञान, राजनीति, युद्धनीति, दण्डविधान, कानून आदि कई महत्वपूर्ण विषय हैं)- कौटिल्य, ◆आर्यभटीयम् (गणित)-आर्यभट्ट।_ ऐसे ही ●छन्दशास्त्र, ●नाट्यशास्त्र, ●शब्दानुशासन, ●परमाणुवाद, ●खगोल विज्ञान, ●योगविज्ञान सहित प्रकृति और मानव कल्याणार्थ समस्त विद्याओं का "संचय अनुसंधान एवं प्रयोग" हेतु ब्राह्मणों ने अपना पूरा जीवन भयानक जंगलों में, घोर दरिद्रता में बिताए। ●उसके पास दुनियाँ के प्रपंच हेतु समय ही कहाँ शेष था? कोई बताएगा समस्त विद्याओं में प्रवीण होते हुए भी, सर्वशक्तिमान् होते हुए भी ब्राह्मण ने पृथ्वी का भोग करने हेतु गद्दी स्वीकारा हो…? ××【विदेशी मानसिकता से ग्रसित कर्मनिष्ठों】×× (वामपंथियों) ने कुचक्र रचकर गलत तथ्य पेश किए ।आजादी के बाद इतिहास संरचना इनके हाथों सौपी गई और ये विदेश संचालित षड़यन्त्रों के तहत देश में जहर बोने लगे। ब्राह्मण हमेशा से यही चाहता रहा है कि ●हमारा राष्ट्र शक्तिशाली हो, ●अखण्ड हो, ●न्याय व्यवस्स्था सुदृढ़ हो। ■*सर्वे भवन्तु सुखिन:सर्वे सन्तु निरामया: सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित् दु:ख भाग्भवेत्।* का मन्त्र देने वाला ब्राह्मण ! ■वसुधैव कुटुम्बकम् का पालन करने वाला ब्राह्मण ■सर्वदा काँधे पर जनेऊ कमर में लंगोटी बाँधे एक गठरी में लेखनी, मसि, पत्ते, कागज, और पुस्तक लिए चरैवेति-चरैवेति का अनुशरण करता रहा। ■मन में एक ही भाव था लोक कल्याण! •ऐसा नहीं कि लोक कल्याण हेतु मात्र ब्राह्मणों ने ही काम किया। बहुत सारे ऋषि, मुनि, विद्वान्, महापुरुष अन्य वर्णों के भी हुए जिनका महत् योगदान रहा है। •किन्तु आज ब्राह्मण के विषय में ही इसलिए कह रहा हूँ कि जिस देश की शक्ति के संचार में ब्राह्मणों के त्याग तपस्या का इतना बड़ा योगदान रहा। •जिसने मुगलों यवनों, अंग्रेजों और राक्षसी प्रवृत्ति के लोंगों का भयानक अत्याचार सहकर भी यहाँ की संस्कृति और ज्ञान को बचाए रखा। •वेदों, शास्त्रों को जब जलाया जा रहा था तब ब्राह्मणों ने पूरा का पूरा वेद और शास्त्र कण्ठस्थ करके बचा लिया और आज भी वे इसे नई पीढ़ी में संचारित कर रहे हैं वे सामान्य कैसे हो सकते हैं..? •उन्हें सामान्य जाति का कहकर आरक्षण के नाम पर सभी सरकारी सुविधाओं से रहित क्यों रखा जाता है? *ब्राह्मण अपनी रोजी रोटी कैसे चलाए???? ●ब्राह्मण को देना पड़ता है:- ●पढ़ाई के लिए सबसे ज्यादा फीस! ●काम्प्टीशन के लिए सबसे ज्यादा फीस! ●नौकरी मांगने के लिए लिए सबसे ज्यादा फीस! और सरकारी सारी सुविधाएँ OBC, SC, ST, अल्पसंख्यक के नाम पर पूँजीपति या गरीब के नाम पर अयोग्य लोंगों को दी जाती हैं। इस देश में गरीबी से नहीं जातियों से लड़ा जाता है। एक ब्राह्मण के लिए सरकार कोई रोजगार नही देती कोई सुविधा नही देती। एक ब्राह्मण बहुत सारे व्यवसाय नहीं कर सकता जैसेः- पोल्ट्रीफार्म, अण्डा, मांस, मुर्गीपालन, कबूतरपालन, बकरी, गदहा, ऊँट, सुअरपालन, मछलीपालन, जूता, चप्पल, शराब आदि, बैण्डबाजा और विभिन्न जातियों के पैतृक व्यवसाय। क्योंकि उसका धर्म एवं समाज दोनों ही इसकी अनुमति नही देते! ऐसा करने वालों से उनके समाज के लोग सम्बन्ध नहीं बनाते व निकृष्ट कर्म समझते हैं। वो शारीरिक परिश्रम करके अपना पेट पालना चाहे तो उसे मजदूरी नही मिलती। क्योंकि लोग ब्राह्मण से सेवा कराना पाप समझते है। हाँ, उसे अपना घर छोड़कर दूर मजदूरी, दरबानी आदि करने के लिए जाना पड़ता है। कुछ को मजदूरी मिलती है, कुछ को नहीं मिलती। अब सवाल उठता है कि ऐसा हो क्यों रहा है? जिसने संसार के लिए इतनी कठिन तपस्या की उसके साथ इतना बड़ा अन्याय क्यों? जिसने शिक्षा को बचाने के लिए सर्वस्व त्याग दिया, उसके साथ इतनी भयानक ईर्ष्या क्यों? ★★मैं ब्राह्मण हूँ अत: मुझे किसी जाति विशेष से द्वेष नही है। मैने शास्त्रों को जीने का प्रयास किया है अत: जातिगत छुआछूत को पाप मानता हूँ।★★ मैंने शास्त्रों को पढ़ा है, अत: परस्त्रियों को मातृवत्, पराये धन को लोष्ठवत् और सबको आत्मवत् मानता हूँ! लेकिन मेरा सबसे निवेदन:- ◆गलत तथ्यों के आधार पर हमें क्यों सताया जा रहा है?हमारे धर्म के प्रतीक शिखा और यज्ञोपवीत, वेश भूषा का मजाक क्यों बनाया जा रहा हैं? ◆हमारे मन्त्रों और पूजा पद्धति का उपहास होता है और आप सहन कैसे करते हैं? विश्व की सबसे समृद्ध और एकमात्र वैज्ञानिक भाषा संस्कृत को हम भारतीय हेय दृष्टि से क्यों देखते हैं? हमें पता है आप कुतर्क करेंगें! आजादी के बाद भी ७४ साल से अत्याचार होता रहा है, हमारा हक मारकर खैरात में बाँट दिया गया है किसी सरकार ने हमारा सहयोग तो नही किया किन्तु बढ़चढ़ के दबाने का प्रयास जरूर किया फिर भी हम जिन्दा है और जिन्दा रहेंगे, हर युग में ब्राह्मण के साथ भेदभाव, अत्याचार होता आया है, ब्राह्मण युवाओं की फौज तैयार हो रही है,, हर Point से ब्राह्मण विरोधियों को जबाब दिया जाएगा | ★ब्राह्मण एकता *जागो ब्राह्मणों, समाज पुकारे आपको !★ *जयति ब्राह्मण*जय श्री परशुराम*