Sunday 31 July 2022

◆एक व्यक्ति एक पेड़ व पर्यावरण संरक्षण सभी की जिम्मेदारी◆ राजसमंद। आशापुरा मानव कल्याण ट्रस्ट वापी की ओर से कुंभलगढ़ के मादरेचों का गुड़ा के लाखाजी की भागल के गंगासागर गांव से सतत् पौधरोपण को लेकर आयोजित संगोष्ठी एवं कार्य समीक्षा बैठक दिनांक 29/07/2022 को आयोजित की थी । इस कार्यक्रम में राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल, कालिंजर/राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल,सायोखेड़ा/ मादरेचो का गुडा स्कुल,बडगुल्ला स्कूल के छात्रों ने भी वृक्षा रोपण किया था, कार्यक्रम की शुरुआत में गाँव के लोगो ने ढोल नगाड़े के साथ मेहमानो का स्वागत किया । बैठक को सम्बोधित करते हुए संस्थान संस्थापक नानजी भाई गुर्जर ने कहा कि हमारे द्वारा जो 500 पेड़ एक माह पूर्व लगाए गए थे उनकी सुरक्षा व संवर्धन के लिए आशापुरा मानव कल्याण ट्रस्ट द्वारा पांच पानी की टंकी व पूरे क्षेत्र मे पाइपलाइन लगाई गई है ताकि पौधों व पेड़ों तक पानी पहुंच सके। इसी के साथ पौधों के संरक्षण को लेकर चारों ओर तारबंदी की गई है। इसके साथ ही सतत् पर्यावरण संरक्षण अभियान के अन्तर्गत प्रशासन से गंगासागर तालाब की क्षमता को तीन गुणा करने एवं पेड़ों के पानी की स्थाई व्यवस्था के लिए दो ट्यूबवेल खुदवाने, मनरेगा के तहत पत्थर की बाऊण्ड्रीवाल करवाए जाने की मांग की है। संस्थान के सचिव सीए दिनेशचन्द्र सनाढ्य ने कहा कि आज से "एक व्यक्ति एक पेड़ अभियान" की शुरुआत आज से की गई जिसके अन्तर्गत अगले माह तक 1100 पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। आज गाँव वासीयों व स्कूल के छात्रों व अतिथियों के द्वारा 250 पौधे लगाये गये । इस कार्य के लिए उन्होंने आव्हान किया कि प्रत्येक ग्रामवासी को संस्थान की ओर से लगाये गये गये पौधों का संरक्षण किया जाये । मुख्य अतिथि लक्ष्मीनारायण आमेटा ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण एक व्यक्ति की जिम्मेदारी नहीं है यह हम सभी की संयुक्त जिम्मेदारी है अतः हम सभी को पेड़ लगाने के साथ उसका संरक्षण करना चाहिए । आशापुरा मानव कल्याण ट्रस्ट पर्यावरण के क्षैत्र मे उल्लेखनीय कार्य कर रहा है । इस अवसर पर कवि रविनन्दन चारण ने "पर्यावरण प्रेमी" नानजी भाई गुर्जर, "पर्यावरण संरक्षक" सीए. दिनेश सनाढ्य व "पर्यावरण विशेषज्ञ" लक्ष्मीनारायण आमेटा का सम्मान किया । इस कार्यक्रम में अध्यक्षता दशरथ सिंहजी,(प्रधानाचार्य, रा.उ.मा.वि.कालिंजर), मुख्य अतिथि लक्ष्मीनारायण आमेटा(राष्ट्रिय पर्यावरण एवं खनिज सरक्षण मंच,भारत सरकार, विशिष्ट अतिथि: श्रीमान कन्हैया लालजी पालीवाल(प्रधानाचार्य, रा.उ.मा.वि.सायो का खेड़ा), श्रीमान दिनेश सनाढ्य ( C.A.साहब), अमित वर्मा, आनन्द सिह चारण व मंचासीन अतिथि, देवी सिंह बल्ला(भारतीय जनता पार्टी,कुम्भलगढ़/ओलादर मण्डल- उपा अध्यक्षं), सरपंच: मंजू गुर्जर,ग्राम पंचायत,कालिंजर,उप सरपंच: श्री हरिओम सिंह बल्ला,ग्राम पंचायत-कालिंजर, उप सरपंच माधू सिंह चौहान,ग्राम पंचायत.कोयल,श्रीमान सुखराम जी गुर्जर(व्यवसायी,वापी गुजरात), प्रकृति प्रेमी रमेशभाई बारोट,फालना, पूर्व सरपंच शंकरलाल गुर्जर, इस कार्यक्रम मे ग्रामीण: हजारीलाल गुर्जर ,सुरेश गुर्जर,भवर सिंह मादरेचा,भेरू सिंह , लक्ष्मण सिंह बल्ला,गोविन्द सिंह बल्ला,किशन गुर्जर,महिपाल सिंह , हुडा गुर्जर,तुलसीराम गुर्जर,जगनाथ रेबारी,प्रेमराज गुर्जर,गणेशलाल रेबारी भी उपस्थित रहे थे ।



 

साकेत साहित्य संस्थान, राजसमन्द काव्य गोष्ठी - 30/07/2022 अध्यक्षता - पारितोष पालीवाल मुख्य अतिथि - सीए. दिनेश सनाढ्य ◆◆◆◆◆【1】◆◆◆◆◆ रविनन्दन चारण https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1339630829777999&id=100000300273580 ◆◆◆◆◆【2】◆◆◆◆◆ राम गोपाल आचार्य https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1262918327578541&id=100000300273580 ◆◆◆◆◆【3】◆◆◆◆◆ रमेश पाल https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=5431613516898790&id=100000300273580 ◆◆◆◆◆【4】◆◆◆◆◆ नरेंद्र चंचल https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=2127943544049473&id=100000300273580 ◆◆◆◆◆【5】◆◆◆◆◆ कमलेश जोशी कमल https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1677255915980225&id=100000300273580 ◆◆◆◆◆【6】◆◆◆◆◆ हर्ष गौड़ https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=561024189088683&id=100000300273580 ◆◆◆◆◆【7】◆◆◆◆◆ नीतू बाफना https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=439348084763582&id=100000300273580 ◆◆◆◆◆【8】◆◆◆◆◆ पूरण शर्मा https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=456393146085988&id=100000300273580 ◆◆◆◆◆【9】◆◆◆◆◆ https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=456584682992733&id=100000300273580 ◆◆◆◆◆【10】◆◆◆◆ https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=342176697988741&id=100000300273580 ◆◆◆◆◆【11】◆◆◆◆◆ https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=792978948371042&id=100000300273580 ◆◆◆◆◆【12】◆◆◆◆◆ https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=738432410576306&id=100000300273580 ◆◆◆◆◆【13】◆◆◆◆◆ https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=567855441678458&id=100000300273580 ◆◆◆◆◆【14】◆◆◆◆◆ https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=447014237335472&id=100000300273580 ◆◆◆◆◆【15】◆◆◆◆◆ सीए. दिनेश सनाढ्य ◆कवि व सीए मे एक समानता है कि कवि कई पेजो पर लिखी बातो/तथ्यों को एक पेज मे समाहित कर देते है उसे कविता/गजल कहते है । उसी प्रकार सीए 365 दिन के वित्तीय लेनदेन को एक पेज मे समाहित कर देते है उसे बैलेंस शीट / आयकर रिर्टन कहते है । ◆हिन्दू धर्म व हिन्दू मन्दिरों का शोषण / लूट के लिए जिम्मेदार है बिखरा हुआ हिन्दू / धर्म को 100% आत्मसात नहीं करना । हम श्रीराम की मर्यादा का तो ध्यान रखते है किन्तु उनके धनुष तीर को भूल जाते है । हम श्रीकृष्ण की मुरली का तो ध्यान रखते है किन्तु उनके सुदर्शन चक्र को भूल जाते है । हमें दोनों को याद रखने के साथ, उन्हें आत्मसात भी करना है । ◆हम हिन्दू इतने सहनशील है कि पिछले 75 वर्षों से संविधान विरोधी व हिन्दू विरोधी 30 काले कानूनों को सहन करके हिन्दू मन्दिरों को लूटते हुए देख रहे है और हिन्दू धर्म को मुसीबत मे पड़े हुए, देख रहे है । अब हिन्दुओं जागो ! संविधान विरोधी 30 काले कानूनो को खत्म करो ! सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिन्दुस्तानी #(147) #31/07/22 #dineshapna





 

Thursday 28 July 2022

◆1100 पौधरोपण करके सतत् पर्यावरण अभियान को आगे बढ़ायेंगे !◆ आशापुरा मानव कल्याण ट्रस्ट, वापी के द्वारा 29/07/2022 शुक्रवार को "सतत् पौधारोपण अभियान" के अनर्तगत गांव गंगासागर, लखाजी की भागल, मादरेचो का गुडा, कालिंजर पंचायत तह कुम्भलगढ़, जिला राजसमंद मे 1100 पौधे लगाये जायेंगे । अध्यक्ष आशापुरा मानव कल्याण ट्रस्ट नानजी भाई गुर्जर ने बताया कि इस बार गाँव गंगा सागर, लखाजी की भागल के प्रत्येक व्यक्ति के द्वारा एक पेड़ लगाया जायेगा व आस पास की चार स्कूल के बच्चों के द्वारा भी पेड़ लगाये जायेंगे । इस प्रकार कुल 1100 पेड़ लगाये जायेंगे । ट्रस्ट सचिव सीए. दिनेश सनाढ्य ने बताया कि अब तक किये गये पौधारोपण कार्यो की समीक्षा भी की जाएगी । इस समीक्षा बैठक मे मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद, जल ग्रहण अधिकारी, माबँल गेगशा ऐसोसिएशन के पदाधिकारी, लोक अधिकार मंच के रविनन्दन चारण, राजसमन्द पुलिस थाना वृत अधिकारी, समस्त व्यापार मण्डल के पदाधिकारियों व पर्यावरण विशेषज्ञ आमेटा, महेन्द्र कोठारी, माबँल उद्दोगपति ने बैठक मे आने की सहमति दी है । इस अभियान में पौधारोपण, उसका संरक्षण सुझाव, सरकारी सहयोग, जन सहयोग, विषय विशेषज्ञों के विचार तथा व्यक्तियों को प्रकृति से लगाव आदि विषय पर संगोष्ठी व कार्य की समीक्षा कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा । आप इस पौधारोपण अभियान व समीक्षा बैठक में आमन्त्रित है । दिनांक : 29/07/2022, शुक्रवार, समय : दोपहर 4 बजे से सायं 7 बजे तक स्थान: लखाजी की भागल, गंगा सागर गाँव , कालिंजर पंचायत, तह.कुम्भलगढ़, जिला राजसमंद,राजस्थान सीए. दिनेश सनाढ्य सचिव - आशापुरा मानव कल्याण ट्रस्ट


 

★★ हिन्दू मन्दिर मुक्ति अभियान ★★ (सरकारी नियंत्रण से हिन्दू मन्दिर मुक्त हो !) (◆धर्मों रक्षति रक्षितः ◆कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम्) क्योंकि (९)हिन्दू मन्दिरों को "आतताइयों व मुगलों" ने तलवार के बल पर लूटा, तब भी कुछ हिन्दुओं ने सशक्त विरोध किया परन्तु हम सभी ने एकजुट होकर विरोध नहीं किया ! (20 जून 712) - (सन् 712 से 1526 ) व (सन् 1526 से 1764) (१०)हिन्दू मन्दिरों को "अंग्रेजों" ने कानून के बल पर लूटा, तब भी कुछ हिन्दुओं ने सशक्त विरोध किया, परन्तु हम सभी ने एकजुट होकर विरोध नहीं किया ! (24 अगस्त 1608) - (सन् 1764 से 1947) (करीब 45 ट्रिलियन डॉलर Rs. 3,19,29,75,00,00,00,000.00 रुपये लूटा) (११)आजादी के बाद - हिन्दू मन्दिरों को "काले अंग्रेजों" ने (संविधान विरुद्ध) कानून के बल पर लूटा जा रहा है, अब भी कुछ ही हिन्दू सशक्त विरोध कर रहे है ! अभी भी शेष हिन्दू मन्दिरों को लूटते हुए देखकर चुप है ! (15 अगस्त 1947 से ......... ) (१२)हम हिन्दुओं को श्रीकृष्ण के "गीता सन्देश" को समझने के साथ आत्मसात करके अमल मे लाने की जरूरत है ! श्रीकृष्ण ने कहा कि "कर्म" करे व "धर्म रक्षार्थ युद्ध" करें ! इस अभियान से जुड़ने के लिए Whatsapp 9414170270 पर अपना नाम व सहमति भेजे ! सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिन्दुस्तानी #(146) #28/07/22 #dineshapna






 

Tuesday 26 July 2022

★★ हिन्दू मन्दिर मुक्ति अभियान ★★ (सरकारी नियंत्रण से हिन्दू मन्दिर मुक्त हो !) क्योंकि (५)हिन्दूओ ने इन हिन्दू विरोधी 30 काले कानूनो का संविधान विरोधी कानून होने के बावजूद भी विरोध नहीं किया ! (६)हिन्दू मन्दिरों के मठाधीश / धर्माचार्य अपने स्वार्थ / काम मे लगे रहे, जबकि गलत कानूनो का विरोध करने की जिम्मेदारी इनकी ही है ! (७)हिन्दूओ ने धर्म की रक्षा करने के लिए भगवान या मठाधीशो/धर्माचार्यों पर आश्रित रहे, जबकि आम हिन्दुओं को इन काले कानूनों का विरोध करना चाहिए ! (८)हम हिन्दुओं ने श्रीकृष्ण के "गीता सन्देश" को समझा नहीं है ! श्रीकृष्ण ने कहा कि कर्म करे व युद्ध तो स्वयं को ही लड़ना हैं ! जब पाप कर्म अपने चर्म सीमा पर पहुँच जाता है तब मै स्वयं अवतार लेता हूँ ! इस अभियान से जुड़ने के लिए Whatsapp 9414170270 पर अपना नाम व सहमति भेजे ! सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिन्दुस्तानी #(145) #27/07/22 #dineshapna



 

Friday 22 July 2022

देश के 15वें राष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित होने पर आदरणीय श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी को बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएँ ! ★देश के संविधान की रक्षा सुनिश्चित हो ! ★संविधान के अनुरूप कानून बने ! ★संविधान विरोधी हिन्दू काले कानून हटे ! ★सभी देश के संविधान की पालना करे ! हम सभी भारतीय भी देश के संविधान की पालना करके अच्छे नागरिक बने ! सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिन्दुस्तानी #(144) #23/07/22 #dineshapna





 

★★ हिन्दू मन्दिर मुक्ति अभियान ★★ (सरकारी नियंत्रण से हिन्दू मन्दिर मुक्त हो !) क्योंकि (१)उक्त हिन्दू विरोधी 30 काले कानून संविधान विरोधी है ! (२)सरकारी नियंत्रण से हम हिन्दुओं की भावनाओं के साथ खिलवाड़ है व हमारे आराध्य का अपमान है ! (३)हिन्दू विरोधी कानूनो की शुरुआत अंग्रेजों ने की व उसके बाद भी ऐसे नये कानून और बनाये गये ! (४)हम हिन्दुओं ने इनका विरोध नहीं किया व संविधान को सही तरीके से समझा व पढ़ा नहीं ! इस अभियान से जुड़ने के लिए Whatsapp 9414170270 पर अपना नाम व सहमति भेजे ! सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिन्दुस्तानी #(143) #23/07/22 #dineshapna



 

Thursday 21 July 2022

■■सच्चा गुरु किसे बनाये !■■ 【जिसमें गुण ही गुण हो, अवगुण न हो ! जो हमे सांसरिक व आध्यात्मिक दोनों ज्ञान दे व रास्ता बताये ही नहीं, साथ भी चले !】 【सच्चा गुरु / जगद्गुरु है - श्रीकृष्ण】 ◆◆◆◆◆◆◆◆◆【1】◆◆◆◆◆◆◆◆◆ ★श्रीकृष्ण वन्दे जगद्गुरुम्★ 【भगवान श्रीकृष्ण का प्रथम उपदेश - प्रेम】 【अपना गुरु भगवान को बनाये व 365 दिन "गुरु पूर्णिमा" मनाने के लिए सद्गुणों को आत्मसात करे !】 (प्रेम के बिना जीवन एक कदम भी आगे नहीं चल सकता ! जीवन प्रेम से ही प्रकट हुआ है, प्रेम से ही चलता है और प्रेम में ही विलीन हो जाता है !) १★अपनो से प्रेम करें !★ (भगवान श्रीकृष्ण ने अपने माता पिता, अपने भाई बहन, अपने मित्र सुदामा/अर्जुन व अपने सखा बृजवासियों की सहायता व रक्षा करके प्रेम का अनुपम सन्देश दिया !) २★प्रकृति से प्रेम करे !★ (भगवान श्रीकृष्ण प्रकृति के सबसे बड़े रक्षक है, गोवर्धन पर्वत की पूजा करके पर्वत, नदी, पेड़ पौधे व दुर्लभ वनस्पतियों का रक्षा करके उनके संरक्षण व संवर्धन का सन्देश दिया !) ३★जीव मात्र से प्रेम करें !★ (भगवान श्रीकृष्ण ने गायों की रक्षा के लिए हमेशा हर संभव प्रयास किया ! कभी उन्हें राक्षसों से बचाया, कभी ब्रह्माजी से छुड़ाकर लाए, गायों के लिए ही कालियह्रद को शुद्ध करके, गौ रक्षा का सन्देश दिया !) ४★अपने धर्म से प्रेम करें !★ (भगवान श्रीकृष्ण ने धर्म व सत्य की रक्षा के लिए महायुद्ध का उद्घोष किया व बताया कि धर्म व सत्य की रक्षा के लिए यदि अपने गुरु/पितामह/बड़ों/भाईयों व मित्रों से भी युद्ध करना पड़े, तो धर्म - युद्ध करें !) ◆◆◆◆◆◆◆◆◆【2】◆◆◆◆◆◆◆◆◆ ★कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम्★ 【भगवान श्रीकृष्ण जगद्गुरु है ! भगवान को सच्चा गुरु कहा जाता है, शेष सब आचार्य, शिक्षक और मार्गदर्शक हैं ! 】 【गुरू के लक्षण चार बखाना, प्रथम वेद शास्त्र को ज्ञाना, दुजे हरि भक्ति मन कर्म बानि, तीजे समदृष्टि करि जानी, चौथे वेद विधि सब कर्मा, ये चार गुरू गुण जानों मर्मा !】 १★गुरु कौन है !★ (गुरु गुणों की खान है ! एक गुरु जो व्यक्ति को सांसारिकता के अंधेरे से निकाल कर आध्यात्मिकता के प्रकाश (ईश्वर/मोक्ष) की ओर ले जाये ! दूसरा गुरु व्यक्ति अज्ञान के अन्धेरे निकाल कर ज्ञान के प्रकाश (सांसारिक ज्ञान अच्छे जीवन जीने के लिए) की ओर ले जाये ! भगवान श्रीकृष्ण जो स्वयं ईश्वर है, वह दोनो तरह का ज्ञान देने के साथ स्वयं उस स्थिति मे जीवन जी कर बताया व कर्म का ज्ञान दिया !) २★गुरु के गुण क्या है !★ (ज्ञानवान, विनम्र, स्नेहवान, संयमी, समभावी, आत्मविश्वासी व ईश्वरीय शक्ति के दर्शन कराने या उनसे मिलाने वाला ! गुरु मे उक्त 7 गुण कम या ज्यादा होते है किन्तु उनमें कम से कम इन गुणों के विपरीत ऐसे अवगुण तो नहीं हो ! भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं उक्त गुणों के साथ जीवन को जी कर बताया !) ३★गुरु शिष्य के लिए क्या करें !★ (गुरु पथप्रदर्शक का कार्य करता है, वह शिष्य को अच्छा, खुशी व शान्ति के साथ जीवन जीने की राह बताता है व ईश्वर प्राप्ति की राह बताता है ! किन्तु भगवान श्रीकृष्ण स्वयं पथ व लक्ष्य भी है जिन्होंने जीवन जी कर ज्ञान (सांसारिक व आध्यात्मिक) दिया !) ४★गुरु कैसा हो !★ (गुरु को चाहिए कि ज्ञान / विद्या सभी दे किन्तु जो वह उपदेश दे, उसके अनुसार स्वयं भी जीये ! इसके अतिरिक्त, यदि उपदेश के अनुसार स्वयं जी नहीं सके, तो कम से कम उपदेश के विपरीत आचरण तो नहीं करे अर्थात् गुरु के दिये गये उपदेश मे स्वयं की कथनी व करनी मे फर्क नहीं हो ! भगवान श्रीकृष्ण जैसा कहते थे, वैसा करते भी थे, इसलिए उन्हें हम जगद्गुरु कहते हैं !) ◆◆◆◆◆◆◆◆◆【3】◆◆◆◆◆◆◆◆◆ ★कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम्★ 【भगवान श्रीकृष्ण जगद्गुरु है ! बाकी सभी ●सच्चे सद्गुरु या दिखावटी सद्गुरु ◆सच्चे आचार्य/शिक्षक या दिखावटी आचार्य/शिक्षक है !】 【दिखावटी सद्गुरु वह है जो उपदेश देता है कि मोह माया को छोड़कर ईश्वर की भक्ति करो और स्वयं आपकी माया का हरण करके स्वयं मोह माया मे डूबा रहता है ! दिखावटी आचार्य/शिक्षक वह है जो शिक्षा देने के बदले दक्षिणा लेने के स्थान पर शिष्यों से फीस के नाम पर लूटते है, ऐसे आचार्य/शिक्षक गुरु नहीं, व्यापारी/लूटेरे है !】 १★सद्गुरु को पहचाने !★ (ईश्वर की अनुभूति करवाने वाला ही पूर्ण सतगुरु होता है ! सतगुरु की पहचान उसके शरीर से नहीं बल्कि उसके द्वारा दिए जाने वाले ब्रह्माज्ञान से होती है ! सतगुरु अपनी शरण में आने वाले इंसान को कही कोई रास्ता नहीं बताता बल्कि एक छिन्न में निराकार ईश्वर को अंगसंग जना देता है ! जबकि आजकल कलयुग मे कुछ गुरु स्वयं सांसारिक मोह माया मे फँसे रहते है और जनता को ईश्वर की अनुभूति कराने का झूठा नाटक करके जनता से धन/वोट/समय लूटते रहते है !) (हम शिष्यों को सावधान रहकर सद्गुरु को पहचाने व दिखावटी धर्मगुरुओ से सावधान रहे !) २★गुरु - उत्तम, मध्यम व कनिष्ठ होते है !★ (जो गुरु/आचार्य उपदेश देने के पश्‍चात् शिष्य की पूछताछ नहीं करते, वे गुरु/आचार्य "कनिष्ठ" होते हैं । शिष्य उपदेश ग्रहण कर सके, उसका कल्याण हो, इस हेतु जो पुनः-पुनः उसे समझाते हैं व उस पर प्रेम करते हैं, वे "मध्यम" गुरु/आचार्य होते है ! यदि शिष्य ध्यान नहीं देता अथवा अनुरूप आचरण नहीं करता है, यह देखने पर जो गुरु/आचार्य प्रसंग के अनुरूप आचरण करने पर विवश कर देते हैं, वही गुरु/आचार्य "उत्तम" होते हैं !) (किन्तु वर्तमान कलयुग मे चौथे प्रकार के गुरु/आचार्य होते है जिन्हें केवल शिष्यों के धन/माया चाहिए, उपदेश केवल भ्रमित करने के लिए दिये जाते है!) ३★आचार्य/शिक्षक को पहचाने !★ (आचार्य/शिक्षक जो सांसारिक ज्ञान/शिक्षा देते है जो यह चाहते है कि उनका शिष्य अपना जीवन सुखमय/आनन्दमय व्यतित करते हुए अच्छे समाज का निर्माण करे !) (आजकल शिष्य गुरु/आचार्य/शिक्षक को पहचाने क्योंकि कुछ आचार्य/शिक्षक ने ज्ञान/शिक्षा को व्यापार बना दिया है और उन्हें दक्षिणा के स्थान पर फीस/धन की लूट चाहिए !) ४★शिष्य गुरु/आचार्य/शिक्षक को पहचान कर चयन करें !★ (आजकल कलयुग है इसलिए सच्चे गुरु/सच्चे आचार्य/सच्चे शिक्षक मुश्किल से मिलते है ! ●"आध्यात्मिक" गुरु जो ईश्वर का ज्ञान कराये व ईश्वर से मिलाये ! ●आचार्य जो "सांसारिक" जीवन जीना बताये जिससे स्वयं व दूसरों (समाज/देश) का जीवन सुखमय हो ! ●शिक्षक जो "सांसारिक" जीवन मे शिक्षा व धन कमाने का तरीका बताते है जिससे शिष्य अपना जीवन सुखमय जी सके !) (अतः भगवान श्रीकृष्ण को गुरु बनाते है तो "आध्यात्मिक व सांसारिक" दोनों जीवन सुखमय व आनन्दमय हो जायेंगे तथा फीस के स्थान पर केवल दक्षिणा देनी होगी ! ) [दक्षिणा - केवल भक्ति] ◆◆◆◆◆◆◆◆◆【4】◆◆◆◆◆◆◆◆◆ ★कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम्★ 【भगवान श्रीकृष्ण जगद्गुरु है ! शेष संसार के गुरुओ मे से कुछ सच्चे गुरु व कुछ दिखावटी गुरु विद्धमान है !】 【आजकल कलयुग मे कुछ गुरु ●ईश्वर दर्शन/आध्यात्मिक ज्ञान, ●कथा/उपदेश व ●व्यावसायिक/शैक्षणिक ज्ञान देने को व्यापार बना दिया है, जिसमें मुख्य उद्देश्य शिष्यो/जनता को मुर्ख बनाकर धन कमाना व धर्म के नाम पर शंशय पैदा करके अपना स्वार्थ सिद्ध करना है !】 १★कुछ दिखावटी धर्मगुरु व मठाधीश के कर्म !★ (केवल ईश्वर के नाम पर धन/माया कमाते है ! इन गुरुओ को ईश्वर/धर्म का पूर्ण ज्ञान तो होता नहीं है, किन्तु ईश्वर/धर्म के नाम का दिखावा करते हुए धन/सम्पत्ति कमाते है व जनता को मुर्ख बनाते है !) (आम जनता सावधान रहे !) २★कुछ दिखावटी धर्मगुरु के कर्मों की हद !★ (यह है कि धर्म के नाम पर भय/अनिश्चितता/अशांति/नफरत पैदा करते है ! इसके लिए धर्म ग्रंथों के विपरीत उपदेश देते है और धर्म ग्रंथों के तथ्यों को तोड़़ मरोड़कर या बदलकर आम जनता के सामने रखते है ! इसके पीछे इनका छुपा हुआ, मानवता विरोधी उद्देश्य होता है !) (आम जनता सावधान रहे !) ३★कुछ आचार्य/शिक्षको के कर्म !★ (कुछ आचार्य/शिक्षको ने ज्ञान/शिक्षा को व्यापार बना दिया है और उन्हें दक्षिणा के स्थान पर फीस/धन की लूट करते है ! कुछ ने तो ट्रस्ट/संस्था के नाम से विद्यालय खोले व सेवा के स्थान पर लूट की दुकान चला रहे है !) (आम जनता सावधान रहे !) ४★आम जनता क्या करें !★ (श्रीकृष्ण को गुरु मानते हुए स्वयं धर्म के मार्ग पर चले ! अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाये व धर्मयुद्ध करें ! धर्मयुद्ध मे सामने अन्याय के साथ "मित्र/परिवार/सम्बन्धी/गुरु/मठाधीश" भी आ जाये, तो भी धर्मयुद्ध करें !) (श्रीकृष्ण को गुरु बनाये व धर्मयुद्ध करे !) सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिन्दुस्तानी #22/07/22 #dineshapna








 

Wednesday 20 July 2022

★कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम्★ 【भगवान श्रीकृष्ण जगद्गुरु है ! शेष संसार के गुरुओ मे से कुछ सच्चे गुरु व कुछ दिखावटी गुरु विद्धमान है !】 【आजकल कलयुग मे कुछ गुरु ●ईश्वर दर्शन/आध्यात्मिक ज्ञान, ●कथा/उपदेश व ●व्यावसायिक/शैक्षणिक ज्ञान देने को व्यापार बना दिया है, जिसमें मुख्य उद्देश्य शिष्यो/जनता को मुर्ख बनाकर धन कमाना व धर्म के नाम पर शंशय पैदा करके अपना स्वार्थ सिद्ध करना है !】 १★कुछ दिखावटी धर्मगुरु व मठाधीश के कर्म !★ (केवल ईश्वर के नाम पर धन/माया कमाते है ! इन गुरुओ को ईश्वर/धर्म का पूर्ण ज्ञान तो होता नहीं है, किन्तु ईश्वर/धर्म के नाम का दिखावा करते हुए धन/सम्पत्ति कमाते है व जनता को मुर्ख बनाते है !) (आम जनता सावधान रहे !) २★कुछ दिखावटी धर्मगुरु के कर्मों की हद !★ (यह है कि धर्म के नाम पर भय/अनिश्चितता/अशांति/नफरत पैदा करते है ! इसके लिए धर्म ग्रंथों के विपरीत उपदेश देते है और धर्म ग्रंथों के तथ्यों को तोड़़ मरोड़कर या बदलकर आम जनता के सामने रखते है ! इसके पीछे इनका छुपा हुआ, मानवता विरोधी उद्देश्य होता है !) (आम जनता सावधान रहे !) ३★कुछ आचार्य/शिक्षको के कर्म !★ (कुछ आचार्य/शिक्षको ने ज्ञान/शिक्षा को व्यापार बना दिया है और उन्हें दक्षिणा के स्थान पर फीस/धन की लूट करते है ! कुछ ने तो ट्रस्ट/संस्था के नाम से विद्यालय खोले व सेवा के स्थान पर लूट की दुकान चला रहे है !) (आम जनता सावधान रहे !) ४★आम जनता क्या करें !★ (श्रीकृष्ण को गुरु मानते हुए स्वयं धर्म के मार्ग पर चले ! अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाये व धर्मयुद्ध करें ! धर्मयुद्ध मे सामने अन्याय के साथ "मित्र/परिवार/सम्बन्धी/गुरु/मठाधीश" भी आ जाये, तो भी धर्मयुद्ध करें !) (श्रीकृष्ण को गुरु बनाये व धर्मयुद्ध करे !) सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिन्दुस्तानी #(142) #20/07/22 #dineshapna





 

Sunday 17 July 2022

★कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम्★ 【भगवान श्रीकृष्ण जगद्गुरु है ! बाकी सभी ●सच्चे सद्गुरु या दिखावटी सद्गुरु ◆सच्चे आचार्य/शिक्षक या दिखावटी आचार्य/शिक्षक है !】 【दिखावटी सद्गुरु वह है जो उपदेश देता है कि मोह माया को छोड़कर ईश्वर की भक्ति करो और स्वयं आपकी माया का हरण करके स्वयं मोह माया मे डूबा रहता है ! दिखावटी आचार्य/शिक्षक वह है जो शिक्षा देने के बदले दक्षिणा लेने के स्थान पर शिष्यों से फीस के नाम पर लूटते है, ऐसे आचार्य/शिक्षक गुरु नहीं, व्यापारी/लूटेरे है !】 १★सद्गुरु को पहचाने !★ (ईश्वर की अनुभूति करवाने वाला ही पूर्ण सतगुरु होता है ! सतगुरु की पहचान उसके शरीर से नहीं बल्कि उसके द्वारा दिए जाने वाले ब्रह्माज्ञान से होती है ! सतगुरु अपनी शरण में आने वाले इंसान को कही कोई रास्ता नहीं बताता बल्कि एक छिन्न में निराकार ईश्वर को अंगसंग जना देता है ! जबकि आजकल कलयुग मे कुछ गुरु स्वयं सांसारिक मोह माया मे फँसे रहते है और जनता को ईश्वर की अनुभूति कराने का झूठा नाटक करके जनता से धन/वोट/समय लूटते रहते है !) (हम शिष्यों को सावधान रहकर सद्गुरु को पहचाने व दिखावटी धर्मगुरुओ से सावधान रहे !) २★गुरु - उत्तम, मध्यम व कनिष्ठ होते है !★ (जो गुरु/आचार्य उपदेश देने के पश्‍चात् शिष्य की पूछताछ नहीं करते, वे गुरु/आचार्य "कनिष्ठ" होते हैं । शिष्य उपदेश ग्रहण कर सके, उसका कल्याण हो, इस हेतु जो पुनः-पुनः उसे समझाते हैं व उस पर प्रेम करते हैं, वे "मध्यम" गुरु/आचार्य होते है ! यदि शिष्य ध्यान नहीं देता अथवा अनुरूप आचरण नहीं करता है, यह देखने पर जो गुरु/आचार्य प्रसंग के अनुरूप आचरण करने पर विवश कर देते हैं, वही गुरु/आचार्य "उत्तम" होते हैं !) (किन्तु वर्तमान कलयुग मे चौथे प्रकार के गुरु/आचार्य होते है जिन्हें केवल शिष्यों के धन/माया चाहिए, उपदेश केवल भ्रमित करने के लिए दिये जाते है!) ३★आचार्य/शिक्षक को पहचाने !★ (आचार्य/शिक्षक जो सांसारिक ज्ञान/शिक्षा देते है जो यह चाहते है कि उनका शिष्य अपना जीवन सुखमय/आनन्दमय व्यतित करते हुए अच्छे समाज का निर्माण करे !) (आजकल शिष्य गुरु/आचार्य/शिक्षक को पहचाने क्योंकि कुछ आचार्य/शिक्षक ने ज्ञान/शिक्षा को व्यापार बना दिया है और उन्हें दक्षिणा के स्थान पर फीस/धन की लूट चाहिए !) ४★शिष्य गुरु/आचार्य/शिक्षक को पहचान कर चयन करें !★ (आजकल कलयुग है इसलिए सच्चे गुरु/सच्चे आचार्य/सच्चे शिक्षक मुश्किल से मिलते है ! ●"आध्यात्मिक" गुरु जो ईश्वर का ज्ञान कराये व ईश्वर से मिलाये ! ●आचार्य जो "सांसारिक" जीवन जीना बताये जिससे स्वयं व दूसरों (समाज/देश) का जीवन सुखमय हो ! ●शिक्षक जो "सांसारिक" जीवन मे शिक्षा व धन कमाने का तरीका बताते है जिससे शिष्य अपना जीवन सुखमय जी सके !) (अतः भगवान श्रीकृष्ण को गुरु बनाते है तो "आध्यात्मिक व सांसारिक" दोनों जीवन सुखमय व आनन्दमय हो जायेंगे तथा फीस के स्थान पर केवल दक्षिणा देनी होगी ! ) [दक्षिणा - केवल भक्ति] सीए. दिनेश सनाढ्य - एक बृजवासी #(141) #17/07/22 #dineshapna





 

Saturday 16 July 2022

★श्रीकृष्ण वन्दे जगद्गुरुम्★ 【भगवान श्रीकृष्ण जगद्गुरु है ! भगवान को सच्चा गुरु कहा जाता है, शेष सब आचार्य, शिक्षक और मार्गदर्शक हैं ! 】 【गुरू के लक्षण चार बखाना, प्रथम वेद शास्त्र को ज्ञाना, दुजे हरि भक्ति मन कर्म बानि, तीजे समदृष्टि करि जानी, चौथे वेद विधि सब कर्मा, ये चार गुरू गुण जानों मर्मा !】 १★गुरु कौन है !★ (गुरु गुणों की खान है ! एक गुरु जो व्यक्ति को सांसारिकता के अंधेरे से निकाल कर आध्यात्मिकता के प्रकाश (ईश्वर/मोक्ष) की ओर ले जाये ! दूसरा गुरु व्यक्ति अज्ञान के अन्धेरे निकाल कर ज्ञान के प्रकाश (सांसारिक ज्ञान अच्छे जीवन जीने के लिए) की ओर ले जाये ! भगवान श्रीकृष्ण जो स्वयं ईश्वर है, वह दोनो तरह का ज्ञान देने के साथ स्वयं उस स्थिति मे जीवन जी कर बताया व कर्म का ज्ञान दिया !) २★गुरु के गुण क्या है !★ (ज्ञानवान, विनम्र, स्नेहवान, संयमी, समभावी, आत्मविश्वासी व ईश्वरीय शक्ति के दर्शन कराने या उनसे मिलाने वाला ! गुरु मे उक्त 7 गुण कम या ज्यादा होते है किन्तु उनमें कम से कम इन गुणों के विपरीत ऐसे अवगुण तो नहीं हो ! भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं उक्त गुणों के साथ जीवन को जी कर बताया !) ३★गुरु शिष्य के लिए क्या करें !★ (गुरु पथप्रदर्शक का कार्य करता है, वह शिष्य को अच्छा, खुशी व शान्ति के साथ जीवन जीने की राह बताता है व ईश्वर प्राप्ति की राह बताता है ! किन्तु भगवान श्रीकृष्ण स्वयं पथ व लक्ष्य भी है जिन्होंने जीवन जी कर ज्ञान (सांसारिक व आध्यात्मिक) दिया !) ४★गुरु कैसा हो !★ (गुरु को चाहिए कि ज्ञान / विद्या सभी दे किन्तु जो वह उपदेश दे, उसके अनुसार स्वयं भी जीये ! इसके अतिरिक्त, यदि उपदेश के अनुसार स्वयं जी नहीं सके, तो कम से कम उपदेश के विपरीत आचरण तो नहीं करे अर्थात् गुरु के दिये गये उपदेश मे स्वयं की कथनी व करनी मे फर्क नहीं हो ! भगवान श्रीकृष्ण जैसा कहते थे, वैसा करते भी थे, इसलिए उन्हें हम जगद्गुरु कहते हैं !) सीए. दिनेश सनाढ्य - एक बृजवासी #(140) #16/07/22 #dineshapna★कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम्★ 【भगवान श्रीकृष्ण जगद्गुरु है ! भगवान को सच्चा गुरु कहा जाता है, शेष सब आचार्य, शिक्षक और मार्गदर्शक हैं ! 】 【गुरू के लक्षण चार बखाना, प्रथम वेद शास्त्र को ज्ञाना, दुजे हरि भक्ति मन कर्म बानि, तीजे समदृष्टि करि जानी, चौथे वेद विधि सब कर्मा, ये चार गुरू गुण जानों मर्मा !】 १★गुरु कौन है !★ (गुरु गुणों की खान है ! एक गुरु जो व्यक्ति को सांसारिकता के अंधेरे से निकाल कर आध्यात्मिकता के प्रकाश (ईश्वर/मोक्ष) की ओर ले जाये ! दूसरा गुरु व्यक्ति अज्ञान के अन्धेरे निकाल कर ज्ञान के प्रकाश (सांसारिक ज्ञान अच्छे जीवन जीने के लिए) की ओर ले जाये ! भगवान श्रीकृष्ण जो स्वयं ईश्वर है, वह दोनो तरह का ज्ञान देने के साथ स्वयं उस स्थिति मे जीवन जी कर बताया व कर्म का ज्ञान दिया !) २★गुरु के गुण क्या है !★ (ज्ञानवान, विनम्र, स्नेहवान, संयमी, समभावी, आत्मविश्वासी व ईश्वरीय शक्ति के दर्शन कराने या उनसे मिलाने वाला ! गुरु मे उक्त 7 गुण कम या ज्यादा होते है किन्तु उनमें कम से कम इन गुणों के विपरीत ऐसे अवगुण तो नहीं हो ! भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं उक्त गुणों के साथ जीवन को जी कर बताया !) ३★गुरु शिष्य के लिए क्या करें !★ (गुरु पथप्रदर्शक का कार्य करता है, वह शिष्य को अच्छा, खुशी व शान्ति के साथ जीवन जीने की राह बताता है व ईश्वर प्राप्ति की राह बताता है ! किन्तु भगवान श्रीकृष्ण स्वयं पथ व लक्ष्य भी है जिन्होंने जीवन जी कर ज्ञान (सांसारिक व आध्यात्मिक) दिया !) ४★गुरु कैसा हो !★ (गुरु को चाहिए कि ज्ञान / विद्या सभी दे किन्तु जो वह उपदेश दे, उसके अनुसार स्वयं भी जीये ! इसके अतिरिक्त, यदि उपदेश के अनुसार स्वयं जी नहीं सके, तो कम से कम उपदेश के विपरीत आचरण तो नहीं करे अर्थात् गुरु के दिये गये उपदेश मे स्वयं की कथनी व करनी मे फर्क नहीं हो ! भगवान श्रीकृष्ण जैसा कहते थे, वैसा करते भी थे, इसलिए उन्हें हम जगद्गुरु कहते हैं !) सीए. दिनेश सनाढ्य - एक बृजवासी #(140) #16/07/22 #dineshapna★कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम्★ 【भगवान श्रीकृष्ण जगद्गुरु है ! भगवान को सच्चा गुरु कहा जाता है, शेष सब आचार्य, शिक्षक और मार्गदर्शक हैं ! 】 【गुरू के लक्षण चार बखाना, प्रथम वेद शास्त्र को ज्ञाना, दुजे हरि भक्ति मन कर्म बानि, तीजे समदृष्टि करि जानी, चौथे वेद विधि सब कर्मा, ये चार गुरू गुण जानों मर्मा !】 १★गुरु कौन है !★ (गुरु गुणों की खान है ! एक गुरु जो व्यक्ति को सांसारिकता के अंधेरे से निकाल कर आध्यात्मिकता के प्रकाश (ईश्वर/मोक्ष) की ओर ले जाये ! दूसरा गुरु व्यक्ति अज्ञान के अन्धेरे निकाल कर ज्ञान के प्रकाश (सांसारिक ज्ञान अच्छे जीवन जीने के लिए) की ओर ले जाये ! भगवान श्रीकृष्ण जो स्वयं ईश्वर है, वह दोनो तरह का ज्ञान देने के साथ स्वयं उस स्थिति मे जीवन जी कर बताया व कर्म का ज्ञान दिया !) २★गुरु के गुण क्या है !★ (ज्ञानवान, विनम्र, स्नेहवान, संयमी, समभावी, आत्मविश्वासी व ईश्वरीय शक्ति के दर्शन कराने या उनसे मिलाने वाला ! गुरु मे उक्त 7 गुण कम या ज्यादा होते है किन्तु उनमें कम से कम इन गुणों के विपरीत ऐसे अवगुण तो नहीं हो ! भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं उक्त गुणों के साथ जीवन को जी कर बताया !) ३★गुरु शिष्य के लिए क्या करें !★ (गुरु पथप्रदर्शक का कार्य करता है, वह शिष्य को अच्छा, खुशी व शान्ति के साथ जीवन जीने की राह बताता है व ईश्वर प्राप्ति की राह बताता है ! किन्तु भगवान श्रीकृष्ण स्वयं पथ व लक्ष्य भी है जिन्होंने जीवन जी कर ज्ञान (सांसारिक व आध्यात्मिक) दिया !) ४★गुरु कैसा हो !★ (गुरु को चाहिए कि ज्ञान / विद्या सभी दे किन्तु जो वह उपदेश दे, उसके अनुसार स्वयं भी जीये ! इसके अतिरिक्त, यदि उपदेश के अनुसार स्वयं जी नहीं सके, तो कम से कम उपदेश के विपरीत आचरण तो नहीं करे अर्थात् गुरु के दिये गये उपदेश मे स्वयं की कथनी व करनी मे फर्क नहीं हो ! भगवान श्रीकृष्ण जैसा कहते थे, वैसा करते भी थे, इसलिए उन्हें हम जगद्गुरु कहते हैं !) सीए. दिनेश सनाढ्य - एक बृजवासी #(140) #16/07/22 #dineshapna



 

Friday 15 July 2022

★श्रीकृष्ण वन्दे जगद्गुरुम्★ 【भगवान श्रीकृष्ण का प्रथम उपदेश - प्रेम】 【अपना गुरु भगवान को बनाये व 365 दिन "गुरु पूर्णिमा" मनाने के लिए सद्गुणों को आत्मसात करे !】 (प्रेम के बिना जीवन एक कदम भी आगे नहीं चल सकता ! जीवन प्रेम से ही प्रकट हुआ है, प्रेम से ही चलता है और प्रेम में ही विलीन हो जाता है !) १★अपनो से प्रेम करें !★ (भगवान श्रीकृष्ण ने अपने माता पिता, अपने भाई बहन, अपने मित्र सुदामा/अर्जुन व अपने सखा बृजवासियों की सहायता व रक्षा करके प्रेम का अनुपम सन्देश दिया !) २★प्रकृति से प्रेम करे !★ (भगवान श्रीकृष्ण प्रकृति के सबसे बड़े रक्षक है, गोवर्धन पर्वत की पूजा करके पर्वत, नदी, पेड़ पौधे व दुर्लभ वनस्पतियों का रक्षा करके उनके संरक्षण व संवर्धन का सन्देश दिया !) ३★जीव मात्र से प्रेम करें !★ (भगवान श्रीकृष्ण ने गायों की रक्षा के लिए हमेशा हर संभव प्रयास किया ! कभी उन्हें राक्षसों से बचाया, कभी ब्रह्माजी से छुड़ाकर लाए, गायों के लिए ही कालियह्रद को शुद्ध करके, गौ रक्षा का सन्देश दिया !) ४★अपने धर्म से प्रेम करें !★ (भगवान श्रीकृष्ण ने धर्म व सत्य की रक्षा के लिए महायुद्ध का उद्घोष किया व बताया कि धर्म व सत्य की रक्षा के लिए यदि अपने गुरु/पितामह/बड़ों/भाईयों व मित्रों से भी युद्ध करना पड़े, तो धर्म - युद्ध करें !) सीए. दिनेश सनाढ्य - एक बृजवासी #(139) #15/07/22 #


 

★सतत् पर्यावरण अभियान - अपना ट्रस्ट★ पर्यावरण दिवस एक दिन मनाने से पर्यावरण संरक्षण नहीं होगा, इसके लिए 365 दिन पर्यावरण दिवस मनाया जाये । एक व्यक्ति या संगठन के पेड़ लगाने से पर्यावरण संरक्षण नहीं होगा, इसके लिए हम सभी को सम्मिलित होकर प्रयास करना होगा । यह विचार अध्यक्ष अपना ट्रस्ट सीए. दिनेश सनाढ्य ने आज राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय, राजनगर मे पौधरोपण समारोह मे कहा । सर्कल इन्सपेक्टर, राजनगर डाँ. हनुमन्त सिंह राजपुरोहित ने कहा कि बच्चों को प्रकृति के बीच रहना चाहिए जिससे उन्हें पेड़ो से प्रेम हो, अतः बालिकाओं के हाथो से विद्यालय मे पौधरोपण कराया गया और उन्हें खाद , पानी व सुरक्षा की जिम्मेदारी बालिकाओं को दी । इस अवसर पर उनकी ओर से चीकू का पेड़ लगाया गया । रविनन्दन चारण ने कहा कि पर्यावरण शुद्धि के लिए वृक्षारोपण जरूरी है तो उसी तरह समाज शुद्धि के लिए व्यसन मुक्ति होना जरूरी है । इस अवसर पर नशा मुक्ति की बुकलेट का वितरण किया गया । ए. ई. एन. राहुल वर्मा न पानी का महत्त्व बताते हुए सरकार की ओर से स्कूल मे ट्यूबवेल शीघ्र खुदवाने का आश्वासन दिया । स्कूल प्रधानाचार्य श्रीमती चन्दा चण्डालिया के द्वारा अपना ट्रस्ट की ओर से लगाये गये पौधों की सुरक्षा की जिम्मेदारी ली । दुर्गेश यादव, भँवर लाल टेलर, प्रहल्लाद वैष्णव व किशन सिंह के द्वारा शहतूत, कनेर, आशापाल व गुलमोहर के पेड़ लगाये गये । अपना ट्रस्ट की ओर से सभी अतिथियों हनुमन्त सिंह राजपुरोहित, चन्दा चण्डालिया, राहुल वर्मा, किशन सिंह का स्वागत किया गया । सीए. दिनेश सनाढ्य 12/07/2022