Monday 31 August 2020

★क्या "हल्ला बोल" से बिजली के बिल मे राहत मिल जायेगी !★ ◆◆◆◆>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>◆◆◆◆ ●क्या बीजेपी आम जनता को बिजली बिल विरोध के नाम पर मूर्ख बना रही है ? ●क्या बीजेपी "हल्ला बोल" करके दिखावा किया ? या जनता की समस्या के लिए कुछ सार्थक काम किया ? ●क्या कांग्रेस भी दिखावे के लिए हिन्दुस्तान जिंक व लक्ष्मीविलास बेचने का विरोध किया ? ◆◆◆◆>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>◆◆◆◆ ● दोनों बीजेपी व कांग्रेस दिखावे के लिए विरोध करती है व आम जनता को मूर्ख बना रही है ? ● बिजली के बिल दोनो पार्टियों के कारण बढे है ! व दोनों पार्टियों ने अपने अपने शासनकाल मे सरकारी सम्पत्तियों को सस्ते दामों मे बेचा है ! दिनेश सनाढ्य - जिलाध्यक्ष , आम आदमी पार्टी, राजसमन्द - 31/08/2020












 

Sunday 30 August 2020

राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल जी के आह्वान और प्रदेश प्रभारी संजय सिंह जी के निर्देश पर आज राजसमंद में दूसरे दिन भी आँक्सोमीटर के द्वारा अॉक्सीजन जांच कांकरोली बस स्टैंड पर की गई। AAP के #ऑक्सिमित्र ने लोगों का अॉक्सीजन लेवल जाँच किया, लोगों ने AAP के अभियान की काफी सराहना की। इस ‘ऑक्सीजन जांच अभियान’ के दौरान आम आदमी पार्टी के जिला अध्यक्ष दिनेश चंद्र सनाढ्य, जिला महासचिव अमित वर्मा ऑटो यूनियन राजसमंद के जिला अध्यक्ष मेवा लाल जी के साथ ऑटो यूनियन के कई सदस्यों का oxygen level मेन बस स्टैंड कांकरोली पर चेक किया। नई आबादी के पास भील मंगरी देवरा व प्रतापपुरा ग्रामीण बेल्ट मैं भी साथी कार्यकर्ताओं का ऑक्सीजन लेवल चेक किया । इसके अलावा राजनगर, भील बस्ती, कांकरोली, प्रतापपुरा व भीम के आँक्सोमीटर केन्द्र की स्थापना हेतु #आक्सोमित्र को आठ मशीनें वितरित की गई ! इन मशीनों के द्वारा राजसमन्द के विभिन्न क्षैत्रों मे कोरोना की जाँच की जायेगी ! इस प्रकार वहां पर भी ऑक्सीजन चैक करने का बूथ लगातार चल सके। 🇮🇳 🙏🙏




























 

Saturday 29 August 2020

★ टैक्स से ज्यादा दान मे क्यों आता है धन ★ ●●●●>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>●●●● ●क्योंकि मनु स्मृति व चाणक्य के अनुसार टैक्स उस प्रकार लेना चाहिए जैसे सूर्य पानी सोखता है व पुनः बरसात करता है ! जबकि वर्तमान मे टैक्स कोडे मारकर जबरदस्ती वसूल किया जाता है जो गलत है ! उसे टैक्स को पुनः बरसात के रूप मे सभी को समान वितरित किया जाना चाहिए, जबकि वर्तमान मे बरसात के स्थान पर टैक्स के धन को पाईप के माध्यम से केवल नेताओं/सक्षम लोगों तक ही पानी पहुंचा दिया जाता है, जनता को केवल पानी के छिटे मार दिये जाते है, जो सर्वथा गलत है ! इसलिए ही टैक्स चोरी होती है ! ●अब सरकार/नेताओं का इतना करने के बाद ही उनका पेट नहीं भरा है जो उनकी कुदृष्टि मन्दिरों के दान के धन पर है, जो सर्वथा गलत है ! ●यह सनातन धर्म व ऋषियों की वैज्ञानिक सोच का ही परिणाम है कि जनता बिना दबाव के मन्दिरों मे धन दान करती है, जो जबरदस्ती वसूले जा रहे वर्तमान टैक्स से ज्यादा है ! इसलिए सरकार द्वारा मन्दिरों के धन को लेकर जन सेवार्थ खर्च करने की बात करना, सरकार को मन्दिरों का धन देना उसी प्रकार है जैसे बिल्ली को दूध की रखवाली पर रखना ! ●उक्त सनातन धर्म व ऋषियों की वैज्ञानिक सोच सही थी व हैं, किन्तु उसकी पालना पूर्ण रुप से नहीं होने के कारण वर्तमान "एक गलत सोच" को बढावा मिल रहा है कि मन्दिरों का धन सरकार जनहित मे खर्च करें ! मूल गलती यह हो रही है कि पहले मन्दिरों मे धन देने वाले व धन लेने वाले शुद्व मन व भावनाओं से कार्य करते थे ! 【उदाहरण - श्रीनाथजी, सद्दू पाण्डे, बृजवासी व वल्लभाचार्य जी】किन्तु वर्तमान मे मन्दिर के पुजारी/महन्त/महाराजश्री मन्दिर के धन 【देवधन】को स्वयं का धन समझ कर, उसका दुरुपयोग करने लग गये है, जो सर्वथा गलत है ! ●यदि मन्दिरों का धन जनहित मे खर्च करने के लिए सरकार/नेताओं को देगे, तो भी जनता का हित होने वाला नहीं है ! क्योंकि उसका हमारे पास प्रत्यक्ष 【उदाहरण है नाथद्वारा मन्दिर का 1959 मे सरकार द्वारा बनाया गया नाथद्वारा मन्दिर मण्डल व उनके 61 वर्षों मे कई जन विरोधी कार्य व धन की बबाँदी हुई है ! 】प्रमाण है, जिसे कभी झुठलाया नहीं जा सकता है ! ●अब हमें मन्दिर के धन के दुरुपयोग की समस्या का समाधान करना है तो समस्या की जड़ पर कार्य करना होगा ! समस्या का मूल कारण यह हैं कि "हमने पुजारी/महन्त/महाराजश्री को ही भगवान मान लिया" है व "सरकार के सभी कामों को हमने जनहित मे मान लिया" है ! जो सर्वथा गलत है ! ●●●●>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>●●●● ●अतः सर्वप्रथम (१) हम पुजारी/महन्त/महाराजश्री को ही भगवान मानने के स्थान पर इन्हें केवल पुजारी माने ! (२) सरकार के सभी कार्यों को जनहित मे मानने के स्थान पर सभी कार्यों को पारदर्शी व अन्तिम निर्णय लेने से पूर्व जनता की बात सुनने व सन्तोषजनक जवाब देने के बाद ही उसका क्रियान्वयन होना सुनिश्चित हो ! (३) जो मन्दिर व भगवान से शुरु व मूल रुप से निस्वार्थ भाव से जुडे है, उनका सम्मान व निर्णय लेने मे सहभागिता निष्पक्ष रुप से सुनिश्चित हो ! 【उदाहरण कि श्रीनाथजी व मन्दिर से सद्दू पाण्डे व बृजवासी मूल व शुरु से जुड़े हुए होने के बावजूद उन्हें निर्णय लेने के अधिकारो से वंचित किया गया है, जबकि श्रीनाथजी व मन्दिर पर पूर्ण अधिकार केवल बृजवासियों का ही है, जो श्रीनाथजी स्वयं ने दिया व अपने मुखारविंद से कहा है ! 】 ●इन सभी तथ्यों व सत्य को जानने के बाद "मन्दिरों के धन के जनहित" मे उपयोग की समस्या का समाधान सुनिश्चित है ! इसलिए निचे लिखे स्वघोषित समझदारों के अधूरे ज्ञान की आवश्यकता ही नहीं है ! ●●●●>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>●●●● CA.Dinesh Sanadhya - 30/08/2020 www.dineshapna.blogspot.com ×××××××××××××××××××××××××××××××××× ■स्वघोषित समझदारों के अधूरे ज्ञान व एक दिशा की ओर ही सोच का परिणाम है यह विचार ! ■ ■इससे हम सहमत नहीं है !■ भारत में कुछ मन्दिरों की एक महिना की कमाई के ये आंकड़े आपको सोचने को मजबूर कर देंगे- 1. तिरुपति बालाजी 1 हजार 325 करोड़ 2. वैष्णौंदेवी 400 करोड़ 3. रामकृष्ण मिशन 200 करोड़ 4. जगनाथपुरी 160 करोड़ 5. शिर्डी सांईबाबा 100 करोड़ 6. द्वारकाधीश 50 करोड़ 7. सिद्धी विनायक 27 करोड़ 8. वैधनाथ धाम देवगढ 40 करोड़ 9. अंबाजी गुजरात 40 करोड़ 10. त्रावणकोर 35 करोड़ 11. अयोध्या 140 करोड़ 12. काली माता मन्दिर कोलकाता 250 करोड़ 13. पदमनाभन 5 करोड़ 14. सालासर बालाजी 300 करोड़ इसके अलावा भारत के छोटे बड़े मन्दिरों की सालानाआय 280 लाख करोड़ और भारत का कुल बजट 15 लाख करोड़। अगर हरआदमी इन मन्दिरों में चढावा ना चढाए और किसी गरीब असहाय की मदद करे तो भारत से गरीबी महज तीन साल मे हट सकती है। याद रहे भगवान तो केवल आपके प्यार का भूखा है, उसे पैसे से नहीं खरीदा जा सकता। एक तरफ़ तो भगवान को दाता कहते हो दूसरी तरफ़ मंदिरो मे पैसे चढा कर उसी भगवान को भिखारी बना रखा है l वैसे भी आपके उस पैसे से भगवान नही पुजारी मौज उडा रहा है l शेयर करे ! अगर आप सहमत है और भारत से गरीबी खत्म करना चाहते है !