Wednesday 30 November 2022

★आओ ! 365 दिन पर्यावरण दिवस मनायें !★ ★सतत् पर्यावरण अभियान की शुरुआत ! - सनाढ्य★ यह कार्यक्रम 27/11/2022 को गंगासागर गाँव, लखाजी की भागल, कांलिन्जर मे स्थित पन्नाधाय वन क्षैत्र पर आयोजित किया गया । इस अवसर पर नानाजी भाई गुर्जर, सीए. दिनेश सनाढ्य, लक्ष्मी नारायण आमेटा, भँवर सिंह, रविनंदन चारण, निलेश पारिख, देवी सिंह, मोहन लाल गुर्जर, खुमान सिंह, राम सिंह, तुलसी राम गुर्जर आदि उपस्थित थे ! सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिंदुस्तानी #(239) #30/11/22 #dineshapna



 

★★■■धर्मो रक्षति रक्षितः !■■★★ 【●धर्म की रक्षा करें ! ●मजहब से टकराव न करें ! ●संविधान का पालन करें ! ●श्रीकृष्ण की शरण मे जाये !】 (१)"धर्म" व्यक्तित्व का विकास करके सभी मानव से प्रेम, शान्ति, पवित्र भावनाओं व सुख समृद्धि हेतु नियमों के अनुरूप आचरण के लिए प्रेरित करता है ! 【धर्म का निर्माण प्रकृति ने किया व यह शाश्वत है तथा यह सभी व्यक्तियों के हित मे है !】 (२)"मजहब" एक समान विचार वाले व्यक्तियों के विस्तार व समृद्धि हेतु कार्य करता है ! जिससे कभी कभी दूसरे मजहब से टकराव भी हो जाता है ! 【मजहब का निर्माण व्यक्ति ने किया व यह समुदाय विशेष तक सिमित है तथा यह केवल समुदाय विशेष के व्यक्तियों के हित मे है !】 (३)"संविधान" एक देश को चलाने, विकास करने व नागरिकों मे शान्ति व सुरक्षा के लिए नियम बनाकर कार्य करता है ! 【संविधान का निर्माण व्यक्ति ने किया व यह देश विशेष तक सिमित है तथा यह केवल देश विशेष के व्यक्तियों के हित मे है !】 सर्वधर्मान्परित्यज्य मामेकं शरणं व्रज। अहं त्वा सर्वपापेभ्यो मोक्षयिष्यामि मा शुचः।। 【सम्पूर्ण धर्मों का आश्रय छोड़कर, तू केवल मेरी शरण में आ जा ! मैं तुझे सम्पूर्ण पापों से मुक्त कर दूँगा, चिन्ता मत कर !】 सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिंदुस्तानी #(238) #30/11/22 #dineshapna








 

Tuesday 29 November 2022

★सतत् पर्यावरण अभियान की समीक्षा बैठक★ पर्यावरण संरक्षण के लिए केवल पेड़ लगाना ही पर्याप्त नहीं है, उसके साथ उसका संरक्षण, निरन्तर देखभाल, उसकी सुरक्षा भी जरूरी है ! इसके साथ ही पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वालों को रोकने व उन पर नियन्त्रण करना भी आवश्यक है ! सरकार व अधिकारी पर्यावरण के नाम पर करोड़ों रुपए बबार्द भी कर रहे है, अतः उस पर रोक व इस रुपये का सदुपयोग करने की आवश्यकता है ! इसके साथ ही पेडों की अन्धाधुन्ध कटाई को तुरंत रोकने की आवश्यकता है । यह विचार महासचिव आशापुरा मानव कल्याण ट्रस्ट, सीए. दिनेश सनाढ्य ने रखें ! अध्यक्ष आशापुरा ट्रस्ट नानजी भाई गुर्जर ने कहा कि अभी तक 3000 पेड़ लगाये जा चुके है व आगामी एक वर्ष मे 5000 पेड़ और लगाये जायेंगे ! सरकार से पानी हेतु कुँआ, पाईप लाईन व पानी की टंकी की आवश्यकता है। इसके साथ ही पेड़ो की सुरक्षा के लिए चारदीवारी भी होनी चाहिए ! तहसील अध्यक्ष आशापुरा ट्रस्ट, देवी सिंह ने बताया कि नील गायो के आंतक से पेड़ो को नुकसान हो रहा है इसलिए बाऊण्डरी वाल की आवश्यकता है । इसके साथ ही अभी टेन्कर से पानी लाने से आर्थिक भार बहुत पड रहा है इस समस्या के समाधान की जरूरत है ! गायत्री शक्ति पीठ के मोहन जी गुर्जर ने पर्यावरण पर कविता पाठ किया । कोषाध्यक्ष आशापुरा ट्रस्ट लक्ष्मी नारायण आमेटा ने पेडों की सुरक्षा हेतु नरेगा से बाऊण्डरी बनाने का सुझाव दिया तथा कुँआ, टंकी व पाईप लाईन की व्यवस्था DMFT फण्ड से कराने की बात कही । रविनन्दन चारण ने पर्यावरण व नशामुक्ति पर कविता सुनाई व धन्यवाद दिया ! यह कार्यक्रम गंगासागर गाँव, लखाजी की भागल, कांलिन्जर मे स्थित पन्नाधाय वन क्षैत्र पर आयोजित किया गया । इस अवसर पर नानाजी भाई गुर्जर, सीए. दिनेश सनाढ्य, लक्ष्मी नारायण आमेटा, भँवर सिंह, रविनंदन चारण, निलेश पारिख, देवी सिंह, मोहन लाल गुर्जर, खुमान सिंह, राम सिंह,.तुलसी राम गुर्जर आदि उपस्थित थे ! सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिंदुस्तानी #(237) #29/11/22 #dineshapna






















 

Saturday 26 November 2022

★★■■धर्मो रक्षति रक्षितः !■■★★ 【आज ●संविधान दिवस, ●बहादुरी दिवस, ●आम आदमी पार्टी दिवस की शुभकामनाएं !】 (धर्म मे सभी मजहब, संविधान, कानून समाहित है, इसलिए सभी को सनातन धर्म की रक्षा करनी चाहिए !) ★"धर्म" तो एक सनातन धर्म /मानव धर्म है जो शाश्वत होने से सभी के हित मे है , जिससे पूरी दुनिया चलती है ! ★"मजहब" कुछ व्यक्तियों के द्वारा बनाया गया है जिससे केवल कबिला/समुदाय ही चलते है, इसलिए मजहब से विरोधाभास या लड़ाई हो सकती है ! ★"संविधान" एक देश के नागरिक बनाते है जिससे केवल देश चलता है जिससे विरोधाभास या लड़ाई को जन्म दे सकता है ! (१)धर्म का शाब्दिक अर्थ :- "धारण करने योग्य" सबसे उचित धारणा, अर्थात जिसे सबको धारण करना चाहिए, यह मानवधर्म हैं। "धर्म" एक परम्परा के मानने वालों का समूह है ! (२)धर्म का साधारण शब्दों में अर्थ :- जिनमें से कुछ ये हैं- कर्तव्य, अहिंसा, न्याय, सदाचरण, सद्-गुण आदि ! (३)सभी धर्मों का मूल :- मनुष्य को सभी शारीरिक एवं मानसिक कष्टों से मुक्ति दिलाना है ! (४)धर्म के चार चरण :- सत्य, तप, दया, पवित्रता है ! (५)धर्म की वृद्धि के दस अंग :- ब्रह्मचर्य, सत्य, तप, दान, संयम, क्षमा, शौच, अहिंसा, शांति और अस्तेय है ! (६)धर्म का जीवन के महत्व :- धर्म पवित्र भावनाओं को पैदा करता है एवं मानसिक तनाव व चिन्ताओं से दूर रखकर गलत, समाज विरोधी व धर्म विरोधी कार्यों के प्रति घृणा को पैदा करता है ! इस तरह धर्म व्यक्ति के व्यक्तित्व का विकास करता है एवं उसे सुख समृद्धि हेतु धार्मिक नियमों के अनुरूप आचरण के लिए प्रेरित करता है ! सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिंदुस्तानी #(236) #26/11/22 #dineshapna









 

Thursday 24 November 2022

★★★★धर्मो रक्षति रक्षितः ! ★★★★ सनातन धर्म के दुश्मन है - सनातन धर्म के कुछ •अहंकारी, •स्वार्थी, •लोभी व •डरपोक व्यक्ति ! ◆सतयुग मे भगवान विष्णु के दो द्वारपाल जय विजय अपने अहंकार के कारण हिरण्यकश्यपु व हिरण्याक्ष बनकर परेशान किया ! ◆त्रेतायुग मे विद्धान व पंडित रावण अपने अहंकार के कारण कुंभकरण व अन्य राक्षसों के साथ मिलकर सनातन धर्म को परेशान किया ! ◆द्वापरयुग मे शिशुपाल व दुर्योधन ने भाई बनकर अहंकार व स्वार्थ के कारण सनातन धर्म को परेशान किया ! ◆कलयुग मे डरपोक सनातनी मुसलमान बन गये व लोभी सनातनी ईसाई बन गये ! उसके बाद यह दोनो सनातन धर्म को परेशान कर रहे है ! इसके अतिरिक्त "1947" से पूर्व लोभी सनातनी मोहम्मद अली जिन्ना बनकर अलग देश बना लिया व उसके बाद कुर्सी के लिए कुछ नेताओं ने हिन्दू धर्म की बलि चढा दी व अभी भी अन्य राजनैतिक पार्टीयां "2012" तक भी हिन्दुओं की बलि चढ़ाने मे पीछे नहीं रह रहे है ! अतः सतयुग से लेकर कलयुग तक सनातन धर्म के दुश्मन •अपने सेवक (अहंकारी), •अपने विद्धान ब्राह्मण (अहंकारी), •अपने भाई (अहंकारी/स्वार्थी/लोभी) व •अपने राजा / नेता (अहंकारी/स्वार्थी/लोभी/ डरपोक) ही हैं ! सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिंदुस्तानी #(235) #24/11/22 #dineshapna



 

Monday 14 November 2022

★मै सत्य आधारित पोस्ट डालता हूँ किन्तु यह कड़वी किसे लगती है ? ★मेरी 1537 पोस्टो मे से अधिकतर पोस्ट कुछ खास व्यक्तियो को ही कड़वी क्यों लगती है ? ★मै सभी से प्रेम करता हूँ किन्तु कुछ स्वार्थी व्यक्ति केवल स्वयं से ही प्रेम करते है इसलिए अपने स्वार्थ के लिए अनेक व्यक्तियों को परेशान / दुखी करते है ! ★मै कुछ खास व्यक्ति (धनपति, अधिकारी, मठाधीश, सक्षम, कथाकार) से क्षमा माँगता हूँ और जनहित मे परिवर्तन की आशा करता हूँ ! ★मै इस निम्न सिद्धांत को मानता हूँ और उसका अनुसरण भी करता हूँ ! ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः। सर्वे सन्तु निरामयाः। सर्वे भद्राणि पश्यन्तु। मा कश्चित् दुःख भाग्भवेत्॥ भावार्थ :------------ हे प्रभु ! संसार के सभी प्राणी सुखी रहें, सभी प्राणी रोग आदि कष्‍टों से मुक्‍त रहें, संसार के सभी प्राणियों का जीवन मंगलमय हो, और संसार का कोई भी प्राणी दुखी ना रहें ! सीए. दिनेश सनाढ्य - एक आध्यात्मिक विचारक #(233) #14/11/22 #dineshapna