Chartered Accountant,Social Activist,Political Analysist-AAP,Spritual Thinker,Founder of Life Management, From India, Since 1987.
Friday 16 June 2017
पिछले 60 वर्षो में लोगो ने बनास नदी का सम्पूर्ण वस्त्र हरण कर दिया हे केवल कफ़न का कपड़ा बचा हे ! अब हमे पुन: पेड़ लगा कर बनास नदी जो यमुना स्वरूपा हे उसे हम सभी मिलकर पेड़ के वस्त्र पहनाने के आवश्यकता हे ! बनास को नोच नोच कर जो रेती निकाली जा रही हे उसे भी रोकना होगा ! इसके लिए सभी सामाजिक सगठनो को एक जुट होने कि आवश्यकता हे ! इसके लिए "अपना भारत : अपना मंच " सगठन आज से बनाया जा रहा हे इस की सुरुवात अपना ट्रस्ट करता हे ! इसमें अन्य संगठन जुड़ कर मुद्दों पर एकजुट होकर काम करेंगे ! यह विचार दिनेश सनाढ्य लोक अधिकार मंच ने वयक्त किये ! आजकल विकास का मापदंड पैसा व् सत्ता हे जो मानव जीवन के हित में नही हे , हमे प्रकर्ति व् मानव को केंद्र में रख कर विकास का मापदंड रखना होगा तभी मानव जीवन बच सकता हे ! यह विचार घनश्याम प्रकर्ति मानव केंद्रित जन आंदोलन ने कहा ! रमेश सनाढ्य ने कहा की आज भी गावो में पानी , बिजली,शिक्षा , स्वस्थ बुनियादी सुविधाएं नही हे ! राम चंद्र पालीवाल ने कहा कि बनास कि किनारे समशान पर आने वाले एक साल में पेड़ लगाए जायेगे , इसके लिए नागरिक मंच बनाया जायेगा तथा लोक अधिकार मंच, अपना ट्रस्ट एवं अन्य संगठनों का सहयोग लिया जायेगा ! नदियों की सीमाओं की सुरक्षा उसी तरह होनी चाहीय जैसे देस की सीमाओं की होती हे ! यह प्रस्ताव अरविन्द मुखिया ने रखा जिसे सभी ने पास किया ! अम्बा संकर उपाधय ने सभी पदयात्री एवं अथेतयो का इकलाई से स्वागत किया ! मोहन जोशी ने सात दीवसीय पदयात्रा के पड़यात्रिओ , सहयोग करने वाले लोगो , सभी संगठनों को सहयोग के लिए धन्यवाद दिया ! राजेंद्र रही,घनश्याम सनाढ्य , भेरूशंकर आदि उपस्थित थे !
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