Monday 27 September 2021

नाथद्वारा श्रीनाथजी मन्दिर का सामाजिक अंकेक्षण क्यों नहीं ? जब सुप्रीम कोर्ट के आदेश से श्री पद्मनामस्वामी मन्दिर के 25 वर्ष का अंकेक्षण हो सकता है तो नाथद्वारा श्रीनाथजी मन्दिर का सामाजिक अंकेक्षण क्यों नहीं हो सकता है ? सामाजिक अंकेक्षण जरूरी है क्योंकि :- (१)मन्दिर की जमीन हाथ से निकल रही है ! (२)मन्दिर के धन का अपव्यय हो रहा है ! (३)मन्दिर पर अनावश्यक सरकारी हस्तक्षेप हो रहा है ! (४)सरकार संविधान विरुद्ध मन्दिर पर नियंत्रण कर रही है ! (५)बृजवासियों के मूल अधिकारों का हनन हो रहा है ! नाथद्वारा मन्दिर के मठाधीश से निवेदन है कि बृजवासियों को मूल अधिकार देते हुए, सामाजिक अंकेक्षण की आज्ञा दे व मन्दिर को सरकारी नियंत्रण से मुक्ति मे सहयोग करें ! ◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆●◆◆◆◆●◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆ नाथद्वारा श्रीनाथजी मन्दिर का सामाजिक अंकेक्षण क्यों नहीं ? जब अधिकारी व नेता मठाधीश की अगवानी व श्रीनाथजी के सामने खड़े है किन्तु पीछे से श्रीनाथजी की सम्पत्तियों / धन को नुकसान पहुँचा रहे है तो बृजवासी सामाजिक अंकेक्षण क्यों नहीं करे ? सामाजिक अंकेक्षण जरूरी है क्योंकि :- (१)मन्दिर पर सरकारी बेवजह हस्तक्षेप व नियंत्रण से मन्दिर मे सेवा/भावनाओं के स्थान पर व्यापार हो रहा है ! (२)मन्दिर की जमीनों को बेचा व लूटा जा रहा है तथा धन का दुरुपयोग व अपव्यय हो रहा है ! (३)मन्दिर मे गैर वैष्णवो के हस्तक्षेप से पुष्टि मार्ग परम्पराओं को तोड़ा/बदला व प्रसाद की गुणवत्ता मे कमी की जा रही है ! (४)अधिकारी व नेताओ के द्वारा संविधान विरुद्ध मन्दिर पर नियंत्रण किया जा रहा है ! (५)श्रीनाथजी की साक्षात् आज्ञा का उल्लंघन करते हुए बृजवासियों के मूल अधिकारों का हनन किया जा रहा है ! नाथद्वारा मन्दिर के मठाधीश से निवेदन है कि श्रीनाथजी की साक्षात् आज्ञा का पालन करते हुए, सामाजिक अंकेक्षण की आज्ञा दे व मन्दिर को सरकारी नियंत्रण से मुक्ति मे सहयोग करें ! ◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆●◆◆◆◆●◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆ नाथद्वारा श्रीनाथजी मन्दिर का सामाजिक अंकेक्षण क्यों नहीं ? जब हिन्दू धर्म/मन्दिरो पर चुप है व गलत को सहन कर रहा है तो मुगलों ने अत्याचार करके लूटा, अंग्रेजो ने 1843 से कानून बना कर लूटा व आजादी के बाद सरकार ने 1951 मे कानून बनाकर व संविधान विरुद्ध कार्य करके लूट रहे है ! किन्तु अब इस लूट को बन्द करें, लूट अब और नहीं ! "सरकार" द्वारा 1959 से नाथद्वारा श्रीनाथजी मन्दिर को संविधान विरुद्ध कानून बनाकर लूटा जा रहा है, तो अब बृजवासी सामाजिक अंकेक्षण क्यों नहीं करे ? सामाजिक अंकेक्षण जरूरी है क्योंकि :- (१)नाथद्वारा मन्दिर के वैष्णवों की आस्था व धन के साथ धोखा हो रहा है ! (२)नाथद्वारा मन्दिर के मठाधीश को बृजवासियों से पृथक करके उन्हें धोखा दे रहे है ! (३)सरकार मे नेता, अधिकारी व हिन्दू विरोधी ताकतें है तो दूसरी ओर नाथद्वारा मन्दिर के मठाधीश अकेले है, इसलिए दबाव मे है व धोखा खा रहे है ! (४)सरकार द्वारा "संविधान विरुद्ध" मन्दिर पर नियंत्रण करके लूट रही है जिसमें नाथद्वारा मन्दिर भी शामिल है ! (५)नाथद्वारा मन्दिर के मठाधीश के पास एकमात्र रास्ता है कि वह श्रीनाथजी की साक्षात् आज्ञा का पालन करते हुए बृजवासियों के मूल अधिकार दे तथा स्वयं को व मन्दिर को बचाये ! नाथद्वारा मन्दिर के मठाधीश से निवेदन है कि मन्दिर को सरकारी नियंत्रण से मुक्ति के लिए बृजवासी को सामाजिक अंकेक्षण की अनुमति दे ! ◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆●◆◆◆◆●◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆ नाथद्वारा श्रीनाथजी मन्दिर का सामाजिक अंकेक्षण क्यों नहीं ? भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है अर्थात् सरकार का धर्म मे हस्तक्षेप नहीं हो ! अतः सरकार द्वारा मस्जिद / चर्च मे कोई हस्तक्षेप नहीं किया जा रहा है किन्तु केवल हिन्दू मन्दिरो मे हस्तक्षेप किया जा रहा है ! वर्तमान मे 4 लाख मन्दिरो पर सरकारी नियंत्रण है ! इसी क्रम मे "सरकार" द्वारा 1959 मे "नाथद्वारा श्रीनाथजी मन्दिर" को संविधान विरुद्ध कानून बनाकर "टेम्पल बोर्ड" बनाया व सरकारी नियंत्रण मे लिया, तो अब बृजवासी सामाजिक अंकेक्षण क्यों नहीं करे ? सामाजिक अंकेक्षण जरूरी है क्योंकि :- (१)नाथद्वारा मन्दिर मण्डल कानून 1959 संविधान विरुद्ध है, तथा टेम्पल बोर्ड का गठन भी संविधान विरुद्ध है ! (२)सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हिन्दू मन्दिरो का संचालन उनके भक्तों के द्वारा किया जाये, किन्तु सरकार कानून विरुद्ध हिन्दू मन्दिरो पर नियंत्रण कर रही है ! (३)संविधान की धारा 26 से 31 है, जिसे सरकार द्वारा केवल हिन्दू व हिन्दू मन्दिरो के विरूद्ध उपयोग करना गलत है ! (४)संविधान मे समानता का अधिकार है, किन्तु सरकार द्वारा हिन्दुओं के अधिकार सीमित करना गलत है ! (५)नाथद्वारा मन्दिर मण्डल का गठन संविधान, कानून व सुप्रीम कोर्ट के आदेश के विरुद्ध है ! नाथद्वारा मन्दिर के मठाधीश से निवेदन है कि मन्दिर को सरकारी नियंत्रण से मुक्ति के लिए बृजवासी को सामाजिक अंकेक्षण की अनुमति दे ! ◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆●◆◆◆◆●◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆ सीए. दिनेश सनाढ्य - एक बृजवासी #23,24,25,26 & 27/09/2021. #dineshapna
























 

Sunday 26 September 2021

नाथद्वारा श्रीनाथजी मन्दिर का सामाजिक अंकेक्षण क्यों नहीं ? भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है अर्थात् सरकार का धर्म मे हस्तक्षेप नहीं हो ! अतः सरकार द्वारा मस्जिद / चर्च मे कोई हस्तक्षेप नहीं किया जा रहा है किन्तु केवल हिन्दू मन्दिरो मे हस्तक्षेप किया जा रहा है ! वर्तमान मे 4 लाख मन्दिरो पर सरकारी नियंत्रण है ! इसी क्रम मे "सरकार" द्वारा 1959 मे "नाथद्वारा श्रीनाथजी मन्दिर" को संविधान विरुद्ध कानून बनाकर "टेम्पल बोर्ड" बनाया व सरकारी नियंत्रण मे लिया, तो अब बृजवासी सामाजिक अंकेक्षण क्यों नहीं करे ? सामाजिक अंकेक्षण जरूरी है क्योंकि :- (१)नाथद्वारा मन्दिर मण्डल कानून 1959 संविधान विरुद्ध है, तथा टेम्पल बोर्ड का गठन भी संविधान विरुद्ध है ! (२)सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि हिन्दू मन्दिरो का संचालन उनके भक्तों के द्वारा किया जाये, किन्तु सरकार कानून विरुद्ध हिन्दू मन्दिरो पर नियंत्रण कर रही है ! (३)संविधान की धारा 26 से 31 है, जिसे सरकार द्वारा केवल हिन्दू व हिन्दू मन्दिरो के विरूद्ध उपयोग करना गलत है ! (४)संविधान मे समानता का अधिकार है, किन्तु सरकार द्वारा हिन्दुओं के अधिकार सीमित करना गलत है ! (५)नाथद्वारा मन्दिर मण्डल का गठन संविधान, कानून व सुप्रीम कोर्ट के आदेश के विरुद्ध है ! नाथद्वारा मन्दिर के मठाधीश से निवेदन है कि मन्दिर को सरकारी नियंत्रण से मुक्ति के लिए बृजवासी को सामाजिक अंकेक्षण की अनुमति दे ! सीए. दिनेश सनाढ्य - एक बृजवासी #26/09/2021. #dineshapna





















 

Saturday 25 September 2021

नाथद्वारा श्रीनाथजी मन्दिर का सामाजिक अंकेक्षण क्यों नहीं ? जब हिन्दू धर्म/मन्दिरो पर चुप है व गलत को सहन कर रहा है तो मुगलों ने अत्याचार करके लूटा, अंग्रेजो ने 1843 से कानून बना कर लूटा व आजादी के बाद सरकार ने 1951 मे कानून बनाकर व संविधान विरुद्ध कार्य करके लूट रहे है ! किन्तु अब इस लूट को बन्द करें, लूट अब और नहीं ! "सरकार" द्वारा 1959 से नाथद्वारा श्रीनाथजी मन्दिर को संविधान विरुद्ध कानून बनाकर लूटा जा रहा है, तो अब बृजवासी सामाजिक अंकेक्षण क्यों नहीं करे ? सामाजिक अंकेक्षण जरूरी है क्योंकि :- (१)नाथद्वारा मन्दिर के वैष्णवों की आस्था व धन के साथ धोखा हो रहा है ! (२)नाथद्वारा मन्दिर के मठाधीश को बृजवासियों से पृथक करके उन्हें धोखा दे रहे है ! (३)सरकार मे नेता, अधिकारी व हिन्दू विरोधी ताकतें है तो दूसरी ओर नाथद्वारा मन्दिर के मठाधीश अकेले है, इसलिए दबाव मे है व धोखा खा रहे है ! (४)सरकार द्वारा "संविधान विरुद्ध" मन्दिर पर नियंत्रण करके लूट रही है जिसमें नाथद्वारा मन्दिर भी शामिल है ! (५)नाथद्वारा मन्दिर के मठाधीश के पास एकमात्र रास्ता है कि वह श्रीनाथजी की साक्षात् आज्ञा का पालन करते हुए बृजवासियों के मूल अधिकार दे तथा स्वयं को व मन्दिर को बचाये ! नाथद्वारा मन्दिर के मठाधीश से निवेदन है कि मन्दिर को सरकारी नियंत्रण से मुक्ति के लिए बृजवासी को सामाजिक अंकेक्षण की अनुमति दे ! सीए. दिनेश सनाढ्य - एक बृजवासी #25/09/2021. #dineshapna