Saturday 23 October 2021

★नाथद्वारा मन्दिर व बृजवासीयो का समर्पण★ ★नाथद्वारा मन्दिर व अधिकारियों का स्वअर्पण★ घर का पूत कुँवारा डोले , पड़ोसी का फेरा ! घर का जोगी जोगडा , आन गांव का सिद ! नाथद्वारा वल्लभ सम्प्रदाय की प्रधान पीठ श्रीनाथ द्वारा मन्दिर में मुगल बादशाह के द्वारा हिन्दुस्तान में मूर्तिया खण्डित करते समय से बृज से मेवाड़ पधारे प्रभु श्रीनाथजी को तत्कालीन मेवाड़ दरबार द्वारा ठाकुरजी को मेवाड़ में पनाह दी गई व साथ ही साथ आए ब्रजवासियों को ठाकुरजी के राग भोग व श्रंगार नियमित रूप से हो उसके लिए मेवाड़ महाराणा द्वारा हजारो बिगा बाग बीड़े खेत खलिहान सहित हजारो बीघा जमीन ठाकुरजी की गायों को चराने के लिए दी गई थी जिसको ब्रजवासियों द्वारा सदियों से साल सम्भाल करते हुए ठाकुरजी के राग भोग श्रंगार की सेवा निरन्तर चली आ रही है जो आज तक जारी है समय गुजरता गया राज रजवाड़े गए, सरकारे आती गई समय काल परिस्थिति को देखते हुए मन्दिर मण्डल बोर्ड का गठन किया गया जिसमें मन्दिर में ठाकुरजी की राग भोग व श्रंगार की व्यवस्था ब्रजवासियों द्वारा ही जा रही है व सेवा सामग्री आरती की जिम्मेदारी तिलकायत महाराज श्री द्वारा की जा रही है साथ ही गोस्वामी तिलकायत महाराज श्री जो मन्दिर मण्डल बोर्ड के पदेन स्थाई सदस्य है। दुर्भाग्य है की जिस व्यवस्था को सदियों से ब्रजवासियों द्वारा चलाया जा रहा है ऐसा मंदी का समय भी श्रीनाथ जी मन्दिर में आया तो ब्रजवासियों द्वारा देश भर में जाकर भेट उगाकर लाये थे परंतु ठाकुर जी के राग भोग श्रंगार में कभी कमी नहीं आने दी परन्तु आज इतना वैभव होने के बावजूद भी ठाकुरजी को कोरोना काल में नित नेग में कटौती की गई जबकि की मन्दिर बोर्ड के मेम्बरों में देश के नम्बर एक उद्योग पति कोकिला बेन अम्बानी वाइस प्रेसिडेंट है। जबकि श्रीनाथजी मन्दिर में आज भी आय गौ , वल्लभ और ब्रजवासियों के नाम पर आ रही हैं परन्तु आज शोषण ब्रजवासियों का हो रहा है ब्रजवासियों की मासिक पगार 2100/- रुपये मात्र है जबकि उसकी सेवा हर समय जारी है जिन ब्रजवासियों की वजह से ही श्रीनाथजी मन्दिर की सारी व्यवस्थाए जारी है उनका शोषण किया जा रहा था जबकी इधर मन्दिर मण्डल के कर्मचारियों को हजारो रुपये मासिक वेतन दिया जा रहा है व समय समय पर कर्मचारी संगठन द्वारा वेतन बढ़ाने व राज्य सरकार द्वारा मिलने वाले लाभ के लिए मांग की जाती रही और उसको पास किया जाता रहा है परन्तु सेवावाले ब्रजवासियों का जो ठाकुरजी के साथ सदियों पूर्व आय है व सारी आमदनी गौ, वल्लभ व ब्रजवासी के नाम पर आ रही है उनको आज भी नाम मात्र की 2100/- रुपये मासिक वेतन दिया जा रहा है। जिसको लेकर कई ब्रजवासियों से जानकारी प्राप्त करने पर बताया गया कि दुर्भाग्य है कि नाथद्वारा मन्दिर में दिन पर दिन भस्टाचार बढ़ता जा रहा, जिस मन्दिर में ठाकुरजी का महाप्रसाद जिसको वैष्णवो बड़े श्रद्धा से लेकर जाते थे व श्रीजी का महाप्रसाद महीनों खराब नहीं होता था परन्तु आज प्रसाद में लगने वाले घी या अन्य सामग्री खरीद के चलते जो प्रसाद दस दिन में खराब नहीं होता था, वो आज दो दिन में खराब हो जाता है साथ ही जिस प्रसाद की गरिमा थी उस प्रसाद को श्रीनाथजी की सामग्री को गायब कर मिठाई बना दिया गया है। जिसके चलते महाप्रसाद की महिमा खत्म होती जा रही है । दर्शन व्यवस्था में पैसे दो, तब दर्शन होवे । अधिकारियों से दर्शन प्रसाद को लेकर जानकारी प्राप्त करने पर अधिकारियों द्वारा बताया गया कि मन्दिर में आय बढ़ाने के लिए किया जा रहा है व जिसके चलते करोड़ों रुपये मासिक आय बड़ी है। जबकी सम्पूर्ण व्यवस्था ब्रजवासियों द्वारा ही की जा रही है। परन्तु ब्रजवासियों की आय आज भी 2100/- रुपये है । हालात तो ये थे की कोरोना काल में देश भर के कर्मचारियों के लोन बीमा आदि की किश्त का भुगतान कोरोना काल में रोक दिया गया परन्तु नाथद्वारा मन्दिर मण्डल द्वारा 2100/- रुपये मात्र पगार मिलने वाले ब्रजवासी सेवा वाले द्वारा मन्दिर मण्डल से 50000/- रुपये का लोन उठाया था उसकी किस्त 1000/- रुपये काट ली थी तो उस ब्रजवासी ने कोरोना काल में 1100/- रुपये में अपना घर खर्च कैसे चलाया ? यह ठाकुरजी ही जानता है । जबकी इधर हजारो रुपये की पगार वाले कर्मचारियों द्वारा लिया गया लोन की क़िस्त जमा नही करने की राहत दी थी । मन्दिर मण्डल कर्मचारियों व अधिकारियों द्वारा जमकर भस्टाचार किया जा रहा है व शोषण ब्रजवासियों का हो रहा है । मंदिर मण्डल के सभी अधिकारियों की सम्पतियों की जांच की जानी चाहिए साथ ही नियमानुसार समय से पूर्व अधिकारी बन कर व मलाई दार दो दो तीन पोस्ट पर एक साथ काम कर लाखो रुपये महीने का चूना लगाने वाले कर्मचारियों पर जांच बैठाकर कार्यवाही करने की आवश्यकता है। मन्दिर के मुख्य निष्पादन अधिकारी व सम्पदा अधिकारी की जिम्मेदारी है कि श्रीनाथजी मन्दिर की जमीनों की सुरक्षा व सार सम्भाल करें, किन्तु मन्दिर की भीलवाड़ा की जमीन पर सरकारी विभागों ने कब्जा करके अपने भवन बना लिये है व नाथद्वारा लालबाग स्थित जमीन बस स्टैंड बनाने के लिए नगरपालिका को किराये पर 1998 को दी, किन्तु नगरपालिका ने उक्त जमीन बेईमानी से अपने नाम दर्ज करके हड़प ली, व उस जमीन को अन्य को बेच भी दी । यह सभी घपला हो गया और मन्दिर मण्डल के अधिकारी सो रहे है जो अनुचित होने के साथ कर्त्तव्य हीनता है । उल्टा चोर कोतवाल को डाटे। मन्दिर मण्डल द्वारा अरबो रूपये की बेशकीमती जमीन व करोड़ो रूपये रोकड़ा नगर विकास के नाम पर खर्च किया जा रहा था जबकि इधर जिन ब्रजवासियों को जिनके द्वारा सदियों से इस व्यवस्था को सम्भालते आये उनको भरण पोषण के नाम पर ऊँठ के मुंह में जीरा । वाह रे मन्दिर मण्डल, घर का पूत कुँवारा डोले पड़ोसी का फेरा ।











 

Thursday 21 October 2021

■बोलने से कुछ होता है ! करने से सबकुछ होता है !■ ★राजसमंद टैक्स बार अपंजीकृत से पंजीकरण तक ! ★राजसमंद टैक्स बार पंजीकरण से लोकतंत्र तक ! ★राजसमंद टैक्स बार 25 वर्षों से अपंजीकृत चल रहा था ! ★राजसमंद टैक्स बार 25 वर्ष पूर्व सीए. दिनेश सनाढ्य ने आपत्ति की व सच की आवाज उठाई ! ★राजसमंद टैक्स बार आज से 2 वर्ष पूर्व एक पक्षीय निर्णय लेकर अलोकतांत्रिक तरीकों से पंजीकृत हमारी आपत्ति व मजबूरी के कारण हुआ ! ★राजसमंद टैक्स बार 18/09/2021 पहली बार लोकतांत्रिक तरीक़े से अध्यक्ष का चयन हुआ ! ★राजसमंद टैक्स बार 18/10/2021 को पहली बार अध्यक्ष व कार्यकारिणी का शपथ ग्रहण हुआ तथा राजशाही का अन्त होकर लोकतंत्र की स्थापना हुई ! सीए. दिनेश सनाढ्य - एक प्रोफेशनल #21/10/2021 #dineshapna