Saturday 27 January 2024

★ 2024 के 75 वे गणतंत्र दिवस की शुभकामनाए्ँ ! ★ ★ 2024 की 4 विशेष सत्य व तथ्य क्या है ? ★ (१) 2024 देश के 75 वे गणतंत्र दिवस होने से इस बार गणतंत्र की "डाईमण्ड जुबली" है ! (२) 2024 देश के गणतंत्र दिवस (संविधान दिवस) मे संविधान "शब्दों" के साथ "चित्रों" को भी देशवासियों के दिलों तक पहुँचाया गया ! अर्थात् संविधान मे श्रीराम चन्द्र जी का चित्र देकर संविधान निर्माताओं की मंशा देश मे रामराज्य लाने की थी, जो 2023 तक नहीं हुआ ! किन्तु 2024 मे 22 जनवरी को श्रीराम जी की प्राण प्रतिष्ठा अयोध्या के मन्दिर मे करके सभी देशवासियों को "रामराज्य" की ओर आगे ले जाने का प्रथम कदम बढ़ाया ! (३) 2024 देश के गणतंत्र दिवस (संविधान दिवस) पर यह स्पष्ट करने का प्रयास किया कि "संविधान" मानव के द्वारा निर्मित विधान है जिसमें परिवर्तन किया जा सकता है और परिवर्तन किया भी गया, जिससे फायदा कम नुकसान ज्यादा हुआ ! किन्तु "रामराज्य" श्रीराम भगवान के द्वारा निर्मित विधान है जिसमें परिवर्तन की कोई गुन्जाइश नहीं है, क्योंकि यह परिपूर्ण है ! इसलिए "रामराज्य" ही सभी के लिए हितकारी व लाभदायक है ! (४) 2024 देश के गणतंत्र दिवस (संविधान दिवस) पर यह स्पष्ट करने का प्रयास किया जाना चाहिए कि संविधान के अनुरूप कानून होना चाहिए व कानून की पालना "आम व खास" दोनों को समान रुप से पालन किया जाना चाहिए ! यह उक्त कार्य "रामराज्य" मे सम्भव है, जिसकी शुरुआत 22/01/2024 से हो चुकी है ! सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिन्दुस्तानी #(125) #26/01/24 #dineshapna









 

Thursday 25 January 2024

★ लापरवाह वाहन चालकों को चेताया ! ★ ★ जनता ने प्रशासन को चेताया उसका क्या ? ★ (१) लापरवाह वाहन चालकों को चेताया किन्तु लापरवाह प्रशासनिक अधिकारियों को पिछले 4 - 5 वर्षो से आम आदमी चेता रहा है और प्रशासनिक अधिकारी निन्द्रा मे है ! इन प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा परिवहन / सड़क से सम्बन्धित नियमों की अवहेलना की जा रही है ! तथा प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही से सड़क दुर्घटना हो रही है तो प्रशासनिक अधिकारियों के विरुद्ध चालान या कानूनी कार्यवाही कब होगी ? (२) परिवहन अधिकारी व नगर परिषद को निम्न मुद्दे पर चेताया कि फोरलेन पर डिवाइडर सही नहीं होने से, आँखो पर लाईट गिरने से, फोरलेन पर खड्ढे होने से दुघर्टना हो रही है ! नगर परिषद के द्वारा सड़क पर हो रहे अतिक्रमण से, आवारा पशुओं के सडकों पर विचरण से, सड़क पर खड्डे होने से दुघर्टना हो रही है ! तो दोनों अधिकारियों के विरुद्ध कौन व कब चालान या कानूनी कार्यवाही होगी ? (३) श्रीनाथजी उदयपुर टोल वे प्रा. लि. बच्चों को सड़क सुरक्षा के बारे मे ज्ञान दे रहा है, वह तो ठीक है किन्तु उसने या फोरलेन बनाने वाली कम्पनी ने फोरलेन पर कई कमियाँ रखी है और जिससे दुघर्टना व मृत्यु हो रही है, तो उसके लिए उनके विरुद्ध कौन व कब चालान या कानूनी कार्यवाही होगी ? फोरलेन की कमियों के सम्बंधित एक आम आदमी ने कलेक्टर / संभागीय आयुक्त / NHAI को 41 प्रश्नो के माध्यम से चेताया किन्तु फिर भी कोई कार्यवाही नहीं हुई तो इनके विरुद्ध कौन व कब चालान या कानूनी कार्यवाही होगी ? (४) अतः आम आदमी को नियमों के बारे मे "4 - 5 दिन" चेताने के बाद नियमों की अवहेलना करने पर चालान बना दिये जाते है ! तो प्रशासनिक अधिकारियों को "4 - 5 वर्षों से चेताने के बाद भी नियमों की अवहेलना करने पर इनके विरुद्ध कौन व कब चालान या कानूनी कार्यवाही होगी ? सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिन्दुस्तानी #(124) #25/01/24 #dineshapna







 

Monday 22 January 2024

★ धर्म मे राजनीति न हो, किन्तु राजनीति मे धर्म चलेगा ! ★ ★ श्रीराम मन्दिर की सभी को बधाइयाँ ! सत्य व तथ्य ! ★ (●श्री राम मन्दिर का संकल्प पूरा ! ●श्री कृष्ण मन्दिर का नया संकल्प ! ) (१) श्री राम मन्दिर की प्राण प्रतिष्ठा (22/01/2024 - सोमवार) की सभी को मंगल बधाइयां ! 【100 करोड़ भारतीयों को धन्यवाद !】 【40 करोड़ सेकूलर व अन्य धर्मावलंबियों को धन्यवाद क्योंकि आपने न्यायालय के निर्णय को स्वीकार किया !】 (२) सर्वप्रथम ◆मुगलों के सामने लड़ने वालो को प्रणाम ! ◆साधु संतों को प्रणाम ! ◆अयोध्या वासीयों को प्रणाम ! ◆अंग्रेजों के समय संघर्ष करने वालों को प्रणाम ! ◆न्यायालय मे मुकदमा लड़ने वालों को प्रणाम ! ◆मुसलमानों व सेकुलर हिन्दुओं से लड़ने वालों को प्रणाम ! ◆वकीलो को प्रणाम ! ◆न्यायाधीशो को प्रणाम ! कार सेवकों को प्रणाम ! ◆बीजेपी व जन जागरण करने वालों को प्रणाम ! ◆दानदाताओं को प्रणाम ! ◆मन्दिर निर्माण करने वालों को प्रणाम ! ◆मूर्तिकारों को प्रणाम ! ◆प्राण प्रतिष्ठा करने वालों को प्रणाम ! ◆सभी सनातनी भारतीयों को प्रणाम ! (३) अब 40 करोड़ भारतीयो (जिन्होंने भूलवंश श्रीराम मन्दिर का विरोध किया) से निवेदन है कि आप भाईचारे की बातें करते हो तो उसे प्रमाणित भी करें ! इसके लिए आप श्री कृष्ण व श्री शिव मन्दिर पर से अपना गलत हक को छोड़ देवे व इन मन्दिरों के पुनर्निर्माण मे सहयोग करें ! (४) नाथद्वारा मन्दिर के मठाधीश व बृजवासियों से निवेदन है कि श्रीनाथजी मन्दिर को सरकारी नियंत्रण से मुक्ति अभियान मे सीए. दिनेश सनाढ्य का सहयोग करें ! सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिन्दुस्तानी #(123) #22/01/24 #dineshapna









 

Sunday 21 January 2024

★ धर्म मे राजनीति न हो, किन्तु राजनीति मे धर्म चलेगा ! ★ ★ श्रीराम मन्दिर की सभी को बधाइयाँ ! सत्य व तथ्य ! ★ (●सनातन को 100% अपनाये ! ●इतिहास से 100% सीखे! ) (१) सनातन धर्म को 100% नहीं अपनाने के कारण हम बाबर के द्वारा श्रीराम मन्दिर को तोड़ने से नहीं रोक सके व 500 वर्ष तक हम पुनः वहाँ पर मन्दिर नहीं बना सके ! श्रीराम की "मर्यादा" तो याद रखी किन्तु उनके "धनुष" को भूल गये ! श्रीकृष्ण की "बाँसुरी" तो याद रखी किन्तु उनके "सुर्दशन चक्र" को भूल गये ! (२) सनातन के कुछ खास (राजा व सक्षम व्यक्ति) लोग व कुछ आम (स्वार्थी व डरपोक व्यक्ति) लोगो ने हमारे आक्रांताओ का साथ दिया, जिसके कारण हमे गुलाम बनना पड़ा व हमारे मन्दिर व संस्कृति के प्रतीको का भी बलिदान देना पड़ा ! हकीकत यह है कि बाबर व अंग्रेजों के साथ इतनी सेना नहीं थी कि हमारे देशभक्त राजाओं से लड़ सके ! उन आंक्राताओ की सेना मे हमारे ही कुछ लोग (गद्दार) थे, जिन्होंने हमारे ही देशभक्त लोगों के साथ युद्ध किया ! (३) हम 1200 वर्षों से गुलाम व पिडित रहने का मुख्य कारण गद्दारी, दुश्मनों पर अति विश्वास, आपसी मतभेद, हमारे लिए लड़ने वालों का साथ नहीं देना, सनातन धर्म की 100% पालना नहीं करना व निजी स्वार्थ आदि ! (४) सभी भारत वासियों से निवेदन है कि हम इण्डोनेशिया से कुछ सीखें ! वहाँ के मुसलमानो ने पुजा पद्वति बदली है किन्तु अपने संस्कारों को नहीं छोड़ा है ! वह आज भी श्रीराम, सीताजी, हनुमान जी, गणेश जी व रामायण को आत्मसात किये हुए है ! भारत के मुसलमान भी अपने 1200 वर्ष पूर्व के अपने संस्कारों को पुनः आत्मसात करते हुए, अपने पूर्वजों के अनुसार सनातन धर्म का सम्मान करें व उनका साथ दे ! सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिन्दुस्तानी #(122) #21/01/24 #dineshapna






 

Saturday 20 January 2024

★ धर्म मे राजनीति न हो, किन्तु राजनीति मे धर्म चलेगा ! ★ ★ श्रीराम मन्दिर की सभी को बधाइयाँ ! सत्य व तथ्य ! ★ (●राजनीति मे धर्म हो ! ●जैसा धर्म होगा, वैसी राजनीति होगी ! ) (१) "राजनीति" (शासन करने की नीति) मे यदि कोई धर्म नहीं होगा, तो शासक निरंकुश होगा और व मनमानी करेगा ! जिससे प्रजा दु:खी होगी ! इसलिए आज कल लोकतंत्र मे शासन चलाने के लिए धर्म के स्थान पर "संविधान" होता है ! (२) "राजनीति" (शासन करने की नीति) मे यदि "सनातन धर्म" होगा, तो प्रजा सुखी व आनन्द मे ही होगी ! क्योंकि सनातन धर्म ही एकमात्र ऐसा धर्म है जो बताता है कि स्वयं भी सुखी रहे वह दूसरे को भी सुखी रखे ! सनातन धर्म कहता है कि सभी धर्म के लोग सुखी, समृद्ध शाली होने के साथ निरोगी भी हो ! सनातन धर्म के साथ अन्य सभी धर्म भी सुखी रह सकते है, तो राजनीति मे सनातन धर्म सम्मलित होना चाहिए ! (३) "राजनीति" (शासन करने की नीति) मे आज से 1200 साल पूर्व मुगल आये, जिनका उद्देश्य लूट पाट करना व इस्लाम धर्म को भय / तलवार के बल पर बढ़ाना था ! इसलिए उस समय में आम जनता दु:खी व अत्याचार से पिडित थी ! इसलिए राजनीति मे ऐसा धर्म जनता के लिए सही नहीं है । (४) "राजनीति" (शासन करने की नीति) मे आज से 275 साल पूर्व अंग्रेज / ईसाई आये, तो उन्होंने धन / कानून से जनता पर राज किया ! इसके साथ ही अंग्रेजों ने भारतीयों के साथ अन्याय व अधर्म किया ! इसलिए राजनीति मे ऐसा धर्म जनता के लिए सही नहीं है । सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिन्दुस्तानी #(121) #20/01/24 #dineshapna





 

Friday 19 January 2024

★ धर्म मे राजनीति न हो, किन्तु राजनीति मे धर्म चलेगा ! ★ ★ श्रीराम मन्दिर की सभी को बधाइयाँ ! सत्य व तथ्य ! ★ (●धर्म मे राजनीति न हो ! ●धर्म = संविधान ) (१) धर्म = संविधान :- ★"धर्म" के जन्मदाता केवल परमात्मा है ! धर्म मे कोई परिवर्तन नहीं हो सकता है क्योंकि वह पूर्ण है इसलिए उसमें परिवर्तन की आवश्यकता ही नहीं है, व परिवर्तन का अधिकार भी परमात्मा के पास है ! (धर्म के अनुसार कार्य नहीं करने पर पाप व नरक का डर !) ★जबकि "संविधान" के जन्मदाता राष्ट्र के नागरिक (व्यक्ति) है ! संविधान मे परिवर्तन किया जा सकता है ! भारत मे नेता / सक्षम व्यक्ति इसमें परिवर्तन अपने स्वार्थ के लिए कर रहे है ! (संविधान के अनुसार कार्य नहीं करने पर आर्थिक दण्ड व जेल का डर !) जैसे :- भारत के संविधान मे धर्म निरपेक्ष शब्द को जोड़ा है, जो झगड़े की जड़ है ! इससे भी ज्यादा नेता / सक्षम व्यक्तियों ने संविधान विरुद्ध कानून बनाये, जिसमे हिन्दू विरोधी 30 कानून 60 वर्षो मे सरकार द्वारा बनाये गये ! जो गलत व नुकसानदेह है ! (२) धर्म मे "राजनीति" (शासन करने की नीति) व्यक्ति अपने स्वार्थ के कारण लाता है ! जिसके के कारण धर्म अशुद्ध हो जाता है ! इससे निम्न मुख्य नुकसान होते है :- ★ सनातन धर्म मे परिवर्तन आज से करीब 2000 पूर्व हुआ, उससे "ईसाई" मजहब बना ! ★ऐसा ही परिवर्तन आज से करीब 1400 पूर्व हुआ, उससे "इस्लाम" मजहब बना ! ★इसी तरह से "सनातन धर्म" मे अन्य परिवर्तन होने के कारण बौद्ध, सिख, फारसी आदि बने ! इसका परिणाम यह हुआ कि सनातन धर्म से निकले अन्य धर्म (मजहब) आपस मे लड़ रहे है, जो गलत व नुकसान दायक है ! (३) जैसे "धर्म" व्यक्ति को स्वयं व अन्य व्यक्तियों के साथ शान्ति व आनंद पूर्वक जीने की राह बताता है ! (४) उसी तरह "संविधान" भी देशवासियों (व्यक्तियों) को स्वयं व अन्य व्यक्तियों के साथ शान्ति व आनंद पूर्वक जीने के लिए कर्तव्य व अधिकार का बोध कराते है और उसी के अनुसार कानून की राह बताता है ! (अतः धर्म = संविधान है !) सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिन्दुस्तानी #(120) #19/01/24 #dineshapna



 

Thursday 18 January 2024

★ धर्म मे राजनीति न हो, किन्तु राजनीति मे धर्म चलेगा ! ★ ★ श्रीराम मन्दिर की सभी को बधाइयाँ ! सत्य व तथ्य ! ★ (१) ★धर्म :- जो हमारे अस्तित्व को धारण करें, वह धर्म है ! यह नियामक तत्व धर्म है ! धर्म की पालना करने पर स्वयं व अन्य सभी व्यक्ति आपस मे आनन्द पूर्वक जीवन जी सकते है ! ऐसा माना जाता है कि धर्म मानव को मानव बनाता है ! धर्म का जन्मदाता केवल परमात्मा है ! सनातन धर्म ही एकमात्र धर्म है ! ★ राजनीति :- राज (शासन) + नीति (तरीका) अर्थात् जनता के सामाजिक और आर्थिक स्तर को ऊंचा करने की नीति (शासन पद्वति) को राजनीति कहते हैं ! (२) भारत मे राजनीति ने धर्म को प्रभावित किया है क्योंकि हमने अपने "सनातन धर्म" को पूर्ण रूप से आत्मसात नहीं किया, जिसके कारण हमें गुलाम होकर रहना पड़ा ! मुगलों ने राज किया तो इस्लाम धर्म (मजहब) बढ़ाया ! अंग्रेजों ने राज किया तो ईसाई धर्म (मजहब) बढ़ाया ! कांग्रेस ने राज किया तो वोट के लिए तुष्टिकरण (हिन्दू धर्म विरोधी) कार्य किये ! अर्थात् जिसका राज (शासन) रहा, उसने अपने - अपने धर्म की नीति के अनुसार राजनीति चलाई ! (३) पिछले 10 वर्षों से बीजेपी का राज आया, तब से सनातन धर्म को बढ़ाने के लिए कार्य हो है ! तो दूसरों (28 दलों I.N.D.I.A.) को इसमें एतराज नहीं करना चाहिए ! (४) बीजेपी ने श्रीराम मन्दिर बनाया तो उसका प्रतिफल मे वोट लेते है तो इसमें बुराई क्या है ? अन्य विपक्षी 28 दलों (I.N.D.I.A.) को इसमे एतराज नहीं होना चाहिए ! यदि विपक्षी 28 दलों (I.N.D.I.A.) को वोट चाहिए तो उनको श्रीकृष्ण मन्दिर या काशी विश्वनाथ मन्दिर बनाने मे सहयोग करें ! इसके बाद 4 लाख हिन्दू मन्दिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्ति कराने का कार्य करना शेष है ! मै श्रीनाथजी मन्दिर को सरकारी नियंत्रण से मुक्ति के लिए कार्य कर रहा हूँ, आप सभी सहयोग करें ! सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिन्दुस्तानी #(119) #19/01/24 #dineshapna


 

Monday 15 January 2024

★ मकर संक्रांति का शुभ सन्देश व शुभकामनाएँ ! ★ (१) तिल के लड्डू :- हजारों छोटे छोटे तिल होते हुए भी "एकजुट" रह सकते है, इसके लिए उनको जोड़ने के लिए "मिठास" गुड़ होना आवश्यक है ! (२) हमें भी परिवार / दोस्तों / पारिवारिक रिश्तों / समाज / देश आदि सभी अलग अलग छोटे छोटे (तिल) को जोड़ने के लिए आवश्यक है कि आपसी प्रेम की मिठास (गुड़) का उपयोग करना चाहिए । ध्यान रहे कि आपस मे जोड़कर लड्डू बनाने के लिए उसे "गरम" करना व "दबाव" बनाना पड़ेगा ! (३) पंतग :- पंतग आकाश मे कितनी भी ऊँची उड़ जाये, किन्तु यदि धागे से बँधी रहती है तो ही उसकी कीमत है ! नहीं तो "कटी पंतग" बन जाती है, जिसका कोई मालिक नहीं होता है और सभी उसको लूटने या उस पर अपना अधिकार जमाने लगते है ! अर्थात् पंतग की महत्ता डोर से जुड़े रहने पर ही है ! (४) हमें भी परिवार / दोस्तों / पारिवारिक रिश्तों / समाज / देश आदि सभी के साथ जुड़े हुए रहने मे है ! उक्त पंतगो को जोड़ने मे प्रेम / दोस्ती के मूल्यों / सांस्कृतिक मूल्यों / सामाजिक मूल्यों / संस्कारों / देश प्रेम / अपनी संस्कृति के धागे (डोरी) से बने रहना होगा ! जैसे ही हम ऊँचाई पर पहुँचते है और धागे (डोरी) को तोड़ देते है तो हमारी महत्ता मे कम हो जाती है ! सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिन्दुस्तानी #(118) #15/01/24 #dineshapna


 

Saturday 13 January 2024

★ आओ ! लोट चले सनातन की ओर ! सनातनी लोग परेशान क्यों हुए व हो रहे है ? ★ (१) सनातन धर्म मे प्रेम, त्याग, समर्पण, शान्ति, दया, परोपकार, सत्य, सहयोग, संगठन, सह अस्तित्व व अहिंसा आदि को अपनाने तथा झूठ, अन्याय, दूसरों को कष्ट देना, स्वार्थ व धोखा देना आदि को नहीं अपनाने के बारे मे बताया गया ! किन्तु अधर्म, अन्याय व अशांति करने वालों के विरुद्ध हिंसा करना भी उचित बताया गया । इस सम्पूर्ण सनातन धर्म का मुख्य उद्देश्य व्यक्ति को अपने जीवन को सुख व शान्ति मय बनाने के लिए स्वयं मे सद्गुणों पूर्ण करने के साथ अन्य के साथ भी अच्छा व्यवहार करने पर ही हम सभी का जीवन सुख व शान्ति पूर्वक होगा ! इसके साथ ही ए्क शक्ति (भगवान) को आदर्श मानते हुए, समर्पण के साथ जीने का रास्ता बताया गया है ! (२) विश्व की जनता दो वर्गों मे विभक्त है - ●आमजन व ●खासजन ! आमजन स्वयं के लिए जीता है व खासजन को धन / श्रम देता है, जिसके बदले मे अपनी "सुरक्षा, सुविधा व रोजगार" पाने के लिए आश्रित रहते है ! ◆(i) "खासजन" (राजा / नेता / अधिकारी) से सुरक्षा व सुविधाओ के लिए "आमजन" से उक्त कार्यों के लिए टैक्स व फीस के रुप मे धन लेते है ! ◆(ii) खासजन (रोजगार के लिए व्यापारी/उद्योगपति) आमजन से उक्त कार्यों के लिए मुनाफा के रुप मे धन लेते है ! (३) इसलिए देश / देशवासियों की सुरक्षा व समृद्धि मे "खासजन" की ही जिम्मेदारी रहती है ! हमारा देश 1200 वर्षो से गुलाम रहा, जिसका मुख्य कारण कुछ खासजन की "गद्दारी, आपसी मतभेद, अंहकार व स्वार्थ" है ! अर्थात् सनातन धर्म का १००% ईमानदारी से पालन नहीं करना है ! जिसका भुगतान सभी "आमजन" को करना पड़ा व पड़ रहा है ! (४) इसके कुछ उदाहरण है :- (i) सनातन धर्म की पालना नहीं :- ●श्रीनाथजी मन्दिर, नाथद्वारा ●मुगलों की गुलामी ●अंग्रेजों की गुलामी ! ●काले अंग्रेजों की गुलामी आदि ! (ii) सनातन धर्म की कुछ पालना होने से (2014 से) :- ●देश व धर्म के लिए कार्य हो रहे है ! ●देशवासियों के हित मे कार्य कम हो रहे है ! अतः सनातन धर्म की १००% पालना होने पर ही देश व देशवासियों (आमजन) को फायदा होगा ! सीए. दिनेश सनाढ्य - एक बृजवासी #(117) #14/01/24 #dineshapna