Monday 27 February 2023

★संस्कारों से पर्यावरण की रक्षा :: संस्कारों से जीवन की सफलता !★ (१)"संस्कार" शब्द का मूल अर्थ है, 'शुद्धीकरण'। मूलतः संस्कार का अभिप्राय उन धार्मिक कृत्यों से था जो किसी व्यक्ति को अपने समुदाय का पूर्ण रुप से योग्य सदस्य बनाने के उद्देश्य से उसके शरीर, मन और मस्तिष्क को पवित्र व बलवान करने के लिए किए जाते है । (पर्यावरण मे समाज, रीति रिवाज व धर्म है ।) (२)"संस्कारों" का उद्देश्य मनुष्य समाज में अपनी भूमिका आदर्श रूप मे निभा सके। संस्कारों के द्वारा ही व्यक्ति में नैतिक गुणों का विकास होता है । "सनातन धर्म" में संस्कारों का विशेष महत्व है। (पर्यावरण मे समाज, रीति रिवाज व धर्म है ।) (३)"संस्कारों" की प्रमुख विशेषताओं में शुद्धता, पवित्रता, धार्मिकता एवं आस्तिकता की स्थितियां शामिल हैं। समाज में ऐसी धारणा है कि मनुष्य जन्म से असंस्कृत से होता है किन्तु वह इन संस्कारों के माध्यम से सुसंस्कृत हो जाता है अर्थात् इनसे उसमें अन्तर्निहित शक्तियों का पूर्ण विकास हो जाता है तथा वह अपने लक्ष्य की प्राप्ति कर लेता है । (पर्यावरण मे समाज, रीति रिवाज व धर्म है ।) (४)कुछ "संस्कार" है जो अच्छी शिक्षा, अनुशासन, अच्छी आदतें, ईमानदारी, कर्मठता, सदाचरण, समयनिष्ठ होना, पौष्टिक खाने का चयन, व्यायाम की आदत, प्रकृति से प्रेम है । (पर्यावरण मे प्रकृति प्रदत्त, मानव निर्मित व सामाजिक आवरण है !) (५)"संस्कारों" से व्यक्ति का जीवन सुख, शान्ति, सम्पन्नता व आनन्द से पूर्ण होता है । (पर्यावरण मे प्रकृति प्रदत्त, मानव निर्मित व सामाजिक आवरण है !) सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिन्दुस्तानी #(283) #28/02/23 #dineshapna








 

★पर्यावरण से रोजगार के अवसर :: रोजगार से पर्यावरण की सुरक्षा !★ (१)पर्यावरण मे सम्मिलित है पेड़ - पौधे, जीव - जंतु, जंगल, जमीन, वायु, ऊर्जा, जल, नदियाँ, झीलें, तालाब, कुएँ, बावड़ियाँ, पोखर, मिट्टी, चट्टानें, पहाड़, सड़कें, गाड़ियाँ, पुल, खेत, शहर, रीति - रिवाज, धर्म व भाषा आदि । (२)पेड़ पौधों से हमे पत्ते, फल, फूल, छाल, ईधन मिलता है जिससे हमे आय हो सकती है । पालतू जानवरों के लिए भोजन मिलता है, जिससे हमें दूध मिलता है । वर्तमान मे ●जैविक भोजन व ●आर्युवेदिक उपचार की मांग है जो केवल गाँवों से ही पूरी हो सकती है । इस प्रकार गाँव के निवासियों को रोजगार मिलेगा । (३)पेड़ पौधों से जल व मिट्टी का संरक्षण होता है, जिससे अच्छी वर्षा होती है । अच्छा जंगल बनने से पर्यटन बढ़ेगा, जिससे रोजगार मिलेगा । (४)पर्यावरण संरक्षण से सभी को फायदा -- पेड़ पौधों से ●गाँववासियों को रोजगार व शुद्ध हवा , ●जानवरों को भोजन , ●जमीन को मिट्टी संरक्षण व वर्षा जल , ●सरकार की जमीन अतिक्रमण मुक्त व धन का सदुपयोग , ●शहरीवासियो को पर्यटन व आत्म सन्तुष्टी मिलेगी । (५)रोजगार मिलेगा, तो पर्यावरण का संरक्षण स्वतः होगा । यदि गाँववासियों को पेड़ पौधों से रोजगार मिलेगा, तो गाँववासी ही पेड़ पौधो व पूरे पर्यावरण की सुरक्षा करेंगे । सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिन्दुस्तानी #(282) #27/02/23 #dineshapna







 

Sunday 26 February 2023

★पर्यावरण को समझे - अर्थ, प्रकार, घटक व महत्त्व !★ ★तब होगा - पर्यावरण का संरक्षण व संर्वद्धन !★ (१)◆पर्यावरण का अर्थ :- हमारे आस पास जो भी वस्तु है चाहे वह प्राकृर्तिक हो या मानव निर्मित हमारे पर्यावरण का एक भाग है – जैसे – (#पेड़ पौधे, जीव जन्तु, #जल, नदी, पहाड़) (#सड़क, गाडियां) (#रीति रिवाज, धर्म, भाषा) आदि । (२)◆पर्यावरण के प्रकार :- तीन है ! (i) प्राकृतिक पर्यावरण – प्रकृति के द्वारा निर्मित अर्थात् प्रकृति के द्वारा जितनी भी वस्तुयें जैसे – नदी, तालाब, पेड़, महासागर, पहाड़, पत्थर आदि । प्राकृतिक पर्यावरण मे ●जैविक तत्व – पौधे, जीव, जंतु आदि । एवं ●अजैविक तत्व – वायु, ऊर्जा, प्राकृतिक गैसें आदि । (ii) मानव निर्मित पर्यावरण – मानव निर्मित पर्यावरण में आने वाले तत्व है – सड़कें, गाड़ियाँ, पुल, खेत, शहर आदि । (iii) सामाजिक पर्यावरण – हमारे द्वारा अपने आस पास बनाये गए इस सामाजिक आवरण को ही सामाजिक पर्यावरण कहा जाता है । – रीति रिवाज, धर्म, भाषा आदि । (३)◆पर्यावरण के घटक :- चार है ! (i)वायुमंडल :– भूभाग और जलमंडल के चारों ओर पाए जाने वाले वायु के आवरण को वायुमंडल कहते हैं। इसे भूमि की सतह से लगभग 10,000 किमी की अधिकतम सीमा तक है । (ii)जलमंडल :– जलमंडल में पृथ्वी पर पाए जाने वाले सभी जल स्रोत, महासागर, नदियाँ, झीलें, तालाब, कुएँ, बावड़ियाँ और पोखर शामिल हैं। जलमंडल और स्थलमंडल के आयतन का अनुपात 7:3 है ।(iii)स्थलमंडल :– स्थलमंडल में संपूर्ण बाहरी भूपटल, सागर और महासागर की सतह शामिल है। इसमें धरातल की रचना, मिट्टी, चट्टानें, भू-आकृतियाँ, भूमिगत जल स्रोत और प्राकृतिक संसाधन शामिल हैं। इसकी मोटाई करीब 50 किलोमीटर मानी जाती है । (iv)जैव मंडल :– पृथ्वी पर जीवन को संभव बनाने वाली परत को जैव मंडल कहा जाता है। यह परत वायुमंडल, स्थलमंडल और जलमंडल के मिलन से बनी पतली पट्टी के रूप में पाई जाती है। जिसमें सभी पौधों और जीवों का जीवन पाया जाता है। इसकी मोटाई पृथ्वी की सतह से लगभग 7 किलोमीटर की गहराई तक है । (४)◆पर्यावरण का महत्व यह है कि इसके कारण ही प्राणियों का जी्वन सम्भव है । इसे प्रदूषण मुक्त रखने की जिम्मेदारी हमारी है । (५)◆अतः हमें पेड़ पौधों, जंगल, जमीन, जल, वायु, खेत, पहाड़, सड़क, रीति रिवाज, धर्म व भाषा के संरक्षण व संवर्धन करने की आवश्यकता है । सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिन्दुस्तानी #(281) #26/02/23 #dineshapna








 

★शिक्षा मे पर्यावरण शामिल हो !★ ★पर्यावरण की शिक्षा सभी को मिले !★ (१)"शिक्षा" से ज्ञान मिलता है, ज्ञान से बुद्धि व बुद्धि से विवेक जागृत होता है, जिससे व्यक्ति सही और गलत का निर्णय लेने मे सक्षम होता है ! (२)"शिक्षा" से व्यक्ति जीवन जीने के लिए आवश्यक वस्तु (धन/रोजगार/नौकरी/व्यापार) प्राप्त करने मे सक्षम होता है ! (३)"शिक्षा" जीवन जीने के अलावा जीवन कैसे जीया जाये, उसका भी ज्ञान देती है ! जैसे :- व्यावहारिक ज्ञान /व्यावसायिक ज्ञान / सामाजिक ज्ञान / पर्यावरण का ज्ञान / धार्मिक ज्ञान / संस्कारो का ज्ञान व आध्यात्मिक ज्ञान आदि भी अच्छे जीवन जीने के लिए आवश्यक है ! (४)"पर्यावरण शिक्षा" का उद्देश्य है कि ● पर्यावरण के महत्त्व को जन सामान्य तक पहुँचाना जिससे उनमें इसकी जानकारी प्राप्त करने की जिज्ञासा उत्पन्न हो सके! ● पर्यावरण के प्रकृति प्रदत्त उपहारों की जानकारी कराना! ● पर्यावरण समस्याओं की जानकारी देना ! ● पर्यावरण संरक्षण एवं प्रबन्धन की शिक्षा देना ! (५)"मूल शिक्षा" :- बिना पर्यावरण के व्यक्ति का जीना असम्भव है ! पर्यावरण मे जल, वायु, जमीन, अग्नि व आकाश शामिल है तथा इनको संरक्षित रखने व उसका संवर्द्धन करने के लिए वृक्षारोपण जरूरी है ! ■■जीना है तो पर्यावरण बचाना ही होगा !■■ . सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिन्दुस्तानी #(280) #25/02/23 #dineshapna







 

Friday 24 February 2023

★पर्यावरण से रोजगार ! पर्यावरण से विकास ! विकास का वास्तविक मतलब !★ (१)"शिक्षा" मे किताबी ज्ञान के साथ व्यावहारिक ज्ञान, व्यावसायिक ज्ञान व संस्कृति का ज्ञान की जरूरत है ! (२)"पर्यावरण" दिवस एक दिन मनाने के साथ 365 दिन मनाने की जरूरत है ! पर्यावरण संरक्षण मे केवल पेड़ लगाना ही नहीं, उसके साथ पेड़ो को बचाने की, सरकारी जमीन व धन के सदुपयोग करने की जरूरत है ! (३)"रोजगार" के अवसरों को पैदा करने के लिए पर्यावरण संरक्षण की जरूरत है ! (४)"संस्कार" निर्माण के लिए माता पन्नाधाय से त्याग, महाराणा प्रताप से देशप्रेम, श्रीकृष्ण से प्रकृति प्रेम व श्रीराम से मर्यादा को सीखने की जरूरत है ! (५)"विकास" करने के लिए व्यक्ति/समाज का सर्वांगीण (शैक्षणिक, भौतिक, नैतिक, आर्थिक, धार्मिक व आध्यात्मिक) विकास करने की जरूरत है ! सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिन्दुस्तानी #(279) #24/02/23 #dineshapna






 

Tuesday 21 February 2023

★भ्रष्टाचार मुक्त भारत निर्माण की नई पहल पुस्तक विमोचन★ ★राष्ट्रीय पर्यावरण एवं खनिज संरक्षण मंच उदयपुर जिला अध्यक्ष मनोनीत★ "भ्रष्टाचार मुक्त भारत निर्माण की एक नई पहल" पुस्तक का विमोचन मुख्य अतिथि डॉ. लक्ष्मीनारायण आमेटा व विशिष्ट अतिथि सीए. दिनेश सनाढ्य के हाथों से हुआ । इस अवसर पर सीए. दिनेश सनाढ्य ने कहा कि भ्रष्टाचार कण कण मे व्याप्त हो गया है इसके लिए हमें बड़ा संघर्ष करना होगा । बेईमान लोग हमेशा एकजुट रहते है जिससे उनकी ताकत बढ रही है और इस कारण वह भ्रष्टाचार के साम्राज्य का दिन प्रतिदिन विस्तार हो रहा है । अब उसके सामने भ्रष्टाचार का विरोध करने वाले लोग ईमानदार है जो बेईमानों के सामने कमजोर साबित हो रहे है क्योंकि वह एकजुट नहीं है । अतः हमें एकजुट होकर भ्रष्टाचारियों से लड़ना होगा । हमे श्रीकृष्ण व गीता के सिद्धांत के अनुरूप केवल कर्म करना है, फल की ईच्छा नहीं करनी है, तभी हम भ्रष्टाचार से लड़ सकते है । कार्यक्रम कोऑर्डिनेटर ललित नारायण आमेटा के अनुसार डिजिटल माध्यम समाज को मुख्यधारा में जोड़ने में श्रेष्ठ योगदान का सम्मान कार्यक्रम उमेश ओझा , अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो उदयपुर के मार्गदर्शन में आयोजित हुआ । कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. जिनेंद्र कुमार जैन फतहनगर , मुख्य अतिथि डॉ. लक्ष्मीनारायण आमेटा राष्ट्रीय अध्यक्ष पर्यावरण एवं खनिज संरक्षण मंच व विशिष्ट अतिथि सीए दिनेश चंद्र सनाढ्य जिला अध्यक्ष पर्यावरण एवं खनिज संरक्षण मंच राजसमंद थे। कार्यक्रम कोऑर्डिनेटर आमेटा के अनुसार सम्मान में साहित्य लेखन कार्य में श्रेष्ठ योगदान के लिए कुंवर प्रताप सिंह प्रतापगढ़, मुकेश शर्मा राजसमंद, डॉ कोमल कुमारी पुरबिया झाड़ोल उदयपुर, प्रकाश चंद्र जाट चित्तौड़गढ़, एवं भारतीय संस्कृति संरक्षण बचाव में श्रेष्ठ योगदान में उर्मिला सालवी सुखवाड़ा मावली उदयपुर, माही आमेटा रेलमगरा राजसमंद ओर भारतीय संस्कृति संरक्षण एवं बचाव पर भाषण में श्रेष्ठ उम्मेहानी इंटालीवाले बोहरा भीण्डर, दैनिक अखबार में सम्पादक कार्यक्रम में श्रेष्ठ योगदान शिवपुरी गोस्वामी फतहनगर। राष्ट्रीय पुस्तक में लेखन कार्यक्रम में विशिष्ट सम्मान में उदित चौबीसा, मंगल कुमार जैन, भूपेंद्र कुमार जैन, रजनी शर्मा, राजेश पुष्करणा, कैलाश चंद्र रामावत , सविता जाट,आदि का श्रेष्ठ लेखन के लिए सम्मान किया जाएगा। *श्रेष्ठ नारी रत्न*- में लक्षिता कुमावत, ईसी जैन , पलक जैन को सम्मानित हुऐ । *भ्रष्टाचार मुक्त भारत निर्माण की एक नई पहल*- राष्ट्रीय पुस्तक का विमोचन मुख्य अतिथि से हुई। यह पुस्तक संपूर्ण भारत में जनजागृति का कार्य करेगी। *जिला अध्यक्ष मनोनीत*- राष्ट्रीय पर्यावरण एवं खनिज मंच राष्ट्रीय अध्यक्ष डा लक्ष्मीनारायण आमेटा द्वारा उदयपुर जिले पर्यावरण एवं खनिज मंच का अध्यक्ष पद पर डॉ. जैनेंद्र कुमार जैन फतहनगर को मनोनित किया , इनके द्वारा जिले की कार्यकारिणी बनाई जाएगी। *आमंत्रण पत्रिका का विमोचन*-आशापुरा मानव कल्याण ट्रस्ट के द्वारा पंच दिवसीय लोकरंग महोत्सव 2023 आमंत्रण पत्रिका का विमोचन मुख्य अतिथि द्वारा किया गया प्रमुख लोक रंग महोत्सव में बच्चों की पर्यावरण व पन्नाधाय पर निबंध प्रतियोगिता, माता पन्नाधाय पर्यावरण महा सम्मेलन , माता पन्नाधाय समृद्धि वनस्थली का शुभारंभ, ग्राम वासियों द्वारा होली का महोत्सव, माता पन्नाधाय राष्ट्रीय महिला दिवस आदि कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। अंत में सभी साथियों द्वारा सिंगल यूज प्लास्टिक रोकथाम का *संकल्प* में कार्यक्रम की अध्यक्षता एवं नव जिला अध्यक्ष डॉ. जैनेंद्र कुमार जैन द्वारा संकल्प करवाया एवं धन्यवाद ज्ञापन किया। इस अवसर कृषि मंडी से लक्ष्मी लाल उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन उम्मेहानी ने किया। सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिन्दुस्तानी #(278) #21/02/23 #dineshapna