Saturday 27 April 2019

मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा की कारगुज़ारी देखें।उच्च न्यायालय के आदेश ताक पर। सुनील अरोड़ा व कई IAS-IPS अधिकारियों ने जयपुर में खो-नागोरिया में ईकोलोजिकल एरिया में कृषि भूमि ओने-पोने दामों में ख़रीदी और बादमें JDA से मिलीभगत करके आवासीय व व्यावसायिक भू-परिवर्तन जेडीए के ख़र्चे पर भू-उपयोग परिवर्तन कराया जबकि माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय ने इस क्षेत्र में भू-उपयोग परिवर्तन पर रोक लगा रखी है और जेडीए को चेतावनी दे रखी है कि ईकोलोजिकल क्षेत्र में भू-उपयोग नहीं बदला जाएगा।इस संबंध में मुख्य टाउन प्लानर ने भू-उपयोग परिवर्तन को ग़लत बताया था और भू उपयोग परिवर्तन के लिए मना कर दिया था विस्तरित रिपोर्ट दे कर भू-उपयोग परिवर्तन के लिए स्पष्ट मना कर दिया था लेकिन सुनील अरोड़ा के दबाव में टाउन प्लानर की रिपोर्ट व उच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद भू-उपयोग कृषि से Residential cum commercial कर दिया इतना ही नहीं सुनील अरोड़ा के दबाव में इन सब अधिकारियों के आगे व साइड में 200-150 फ़ीट चौड़ी सड़क बनाने के लिए जेडीए में भू-अधिग्रहण स्वयं के ख़र्चे पर किया जिसको हाईकोर्ट में चुनौती दी गई तब उच्च न्यायालय जोधपुर में जनहित याचिका पत्रिका के सम्पादक गुलाब कोठारी व पूनम चन्द भंडारी बनाम सरकार के साथ सुनवाई की गई और अभिनव भंडारी एडवोकेट ने बहस की और न्यायालय ने सारा रिकार्ड देखकर आश्चर्य किया और किसी भी तरह के निर्माण पर रोक लगाई भंडारी ने कहाकि इन अधिकारियों के ख़िलाफ़ फ़ौजदारी प्रकरण दर्ज कराना चाहिए न्यायालय ने इसे बहुत गंभीर माना।मामला अभी न्यायालय में चल रहा है।






















No comments:

Post a Comment