Monday 9 May 2022

हम भगवान से नहीं सीखें, तो हम विदेशीयो के गुलाम बने ! हम महापुरुषों से नहीं सीखें, तो हम अपनो से परेशान रहे ! ◆रावण ने केवल "स्त्री का अपहरण" किया, तो श्री राम ने केवल उसे ही नहीं, पूरे परिवार व अधर्म का साथ देने वालों को भी मौत की सजा दी ! अर्थात् अधर्म का सम्पूर्ण नाश हुआ ! ◆कौरवों ने केवल भाईयों को "हिस्सा (अधिकार) देना तो दूर एक ईन्च भी जमीन नहीं दी", तो श्रीकृष्ण ने केवल उसे ही नहीं, पूरे परिवार व अधर्म का साथ देने वालों को भी मौत की सजा दी ! किन्तु उस समय कुछ स्वार्थी / डरपोक / लालची / "गद्दार लोगों नहीं होने के कारण" हमारे धर्म का विस्तार हुआ ! अर्थात् अधर्म का सम्पूर्ण नाश हुआ ! ◆महाराणा प्रताप, शिवाजी व अनेक व्यक्तियों ने अपने धर्म / अधिकारो की रक्षा के लिए अपना जीवन लगा दिया किन्तु समझौता / गुलामी स्वीकार नहीं की, तो अपना हिन्दू धर्म बचा रहा ! किन्तु कुछ स्वार्थी / डरपोक / लालची / "गद्दार लोगों के कारण" हम गुलाम हुए ! अर्थात् अधर्म का सम्पूर्ण नाश नहीं हुआ ! हमें भगवान व महापुरुषों का जन्मोत्सव / जयंती / पर्व / त्योहार मनाने के साथ उसे आत्मसात करके, उसी अनुसार कर्म करने की जरूरत है तथा अपनी "कथनी व करनी मे समानता" होनी चाहिए ! तभी हमारा पर्व मनाना, पूजा करना व जीवन जीना सार्थक होगा ! सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिन्दुस्तानी (97) #09/05/22 #dineshapna





 

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