Chartered Accountant,Social Activist,Political Analysist-AAP,Spritual Thinker,Founder of Life Management, From India, Since 1987.
Sunday, 10 November 2024
★आम जनता "वोट व नोट" देकर देती है - कार्य शक्ति ! "कुछ नेता व अधिकारी / सक्षम लोग" कार्य करते है - स्वयं के लिए !★ 【कुल (-) कुछ (=) शेष !】 【शेष (+) शेष (=) सर्वश्रेष्ठ !】 [श्रीकृष्ण बने ! जनहित के लिए एक बने !] (१) आम जनता भारत के लोकतंत्र मे "राजा" होता है, किन्तु उसे "बन्धुआ मजदूर" बना रखा है ! उसे केवल "वोट व नोट" देने वाला बना रखा है ! उसे नेताओं को "वोट" देने, अधिकारियों को "नोट" देने व सक्षम लोगों के "नोट व श्रम" देने वाली मशीन बना रखा है ! इसके बावजूद उसे अपना कार्य करवाने के लिए नेताओं व अधिकारियों के सामने "भीख" माँगनी पडती है क्योंकि काम तो सक्षम लोग / नेता / अधिकारी के ही कार्य होते है ! उसे न्याय के लिए उक्त व्यक्तियो के साथ न्यायालय के चक्कर लगाने पड़ते है ! (२) इसके विपरीत "कुछ नेता / अधिकारी / सक्षम लोग" आम जनता व सरकारी धन / सम्पत्तियों को लूटते व लूटाते है व भ्रष्टाचार करते है ! इसके साथ ही धन व पद के प्रभाव से न्याय को भी प्रभावित करके आम जनता के साथ अन्याय करते है ! (३) अतः आम जनता को अपने अधिकारों की रक्षा के लिए एकजुट होने की जरूरत है ! एक रहने के साथ अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाने की आवश्यकता है ! (४) इसके लिए प्रत्येक गाँव / वाडँ स्तर पर संगठन बनाकर समस्याओं / अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाने की जरूरत है व स्वयं को "श्रीकृष्ण" बनने की जरूरत है ! ★आम जनता को जाति, समाज, धर्म व राजनैतिक पार्टीयो से ऊपर उठकर •जनहित को सर्वोपरि मानते हुए •एकता के साथ कार्य करना होगा !★ ■इसके लिए मै तैयार हूँ, आपका क्या निर्णय है ?■ ★जयश्रीकृष्ण★ सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिन्दुस्तानी #(199) #10/11/24 #dineshapna
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