Wednesday, 6 November 2024

★आम जनता "वोट व नोट" देकर देती है - कार्य शक्ति ! "कुछ नेता व अधिकारी / सक्षम लोग" कार्य करते है - स्वयं के लिए !★ 【कुल (-) कुछ (=) शेष !】 【शेष (+) शेष (=) सर्वश्रेष्ठ !】 (१) आम जनता नोट (टैक्स) देती है उस टैक्स के धन से ही "अधिकारियों" को वेतन मिलता है जिससे उनका घर खर्च चलता है ! इसके साथ ही अधिकारियों को नौकरी मिलने के साथ "जनहित" के कार्य करने की सपथ दिलाई जाती है किन्तु हकीकत मे कुछ अधिकारी "जनहित" के स्थान पर "स्वहित" या नेताओं के हित या सक्षम लोगों के हित के कार्य करते है ! जनहित के कार्य केवल दिखावा मात्र के लिए करते है ! (२) "कुछ अधिकारी" स्वहित / नेताओं के हित / सक्षम लोगों के हित के कार्य 80% करते है, और आम जनता के हित के कार्य केवल 20% ही करते है ! जबकि आम जनता कुल आबादी की 99% है और नोट (टैक्स) के रुप मे 80% से ज्यादा धन देती है, इसमें प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष टैक्स शामिल है ! (३) आम जनता को यह बताया जाता है कि सरकारी टैक्स भुगतान मे 50% से ज्यादा हिस्सेदारी "सक्षम लोग" (कारपोरेट / बडे व्यापारीयो) की है जो पूर्णतः गलत है ! क्योंकि भारत मे टैक्स भुगतान मे 90% योगदान अप्रत्यक्ष टैक्स व 10% प्रत्यक्ष टैक्स का होता है ! और यह भी प्रमाणित है कि अप्रत्यक्ष टैक्स (GST) का अन्तिम भुगतान उपभोक्ता (ग्राहक) के द्वारा ही किया जाता है और अन्तिम उपभोक्ता आम जनता ही है जो 99% है, तो इस प्रकार पूरे देश का अप्रत्यक्ष टैक्स (GST) का हकीकत मे भुगतान "आम जनता" ही करती है ! केवल प्रत्यक्ष टैक्स (आयकर) का भुगतान ही सक्षम लोगों के द्वारा किया जाता है ! इसके अतिरिक्त "सक्षम लोग" (कारपोरेट / बडे व्यापारी) अपने व्यापार के लिए धन की व्यवस्था भी "कम्पनी शेयर या बैंक से लोन या सब्सिडी" लेकर ही करते है, और इसमे भी 80% धन आम जनता का ही होता है ! (४) अतः सरकारी अधिकारियों को अब यह स्पष्ट हो जाना चाहिए कि जो वेतन आपको मिलता है उसमे 99% धन प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से आम जनता का ही है ! तो काम भी प्रमुखता व प्राथमिकता से "आम जनता" का ही करना चाहिए ! जिस दिन "आम जनता" को उक्त तथ्य समझ आ जायेगा तब भारत जैसे लोकतंत्र मे आम जनता "राजा" बन जायेगी ! ★जयश्रीकृष्ण★ सीए. दिनेश सनाढ्य - एक हिन्दुस्तानी #(197) #06/11/24 #dineshapna


 

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