Chartered Accountant,Social Activist,Political Analysist-AAP,Spritual Thinker,Founder of Life Management, From India, Since 1987.
Tuesday 29 January 2019
★★जन समस्या का कारण भ्रष्टाचार★★ ★■भ्रष्टाचार रुकता क्यों नहीं ? कोई नोट के , तो कोई वोट के , तो कोई ईमान के भ्रष्टाचार मे लिप्त है ! ■★ ◆अधिकारी, कर्मचारी व उद्धोगपतियो के "नोट" के भ्रष्टाचार मे लिप्त है, किन्तु केवल जनता रोक नही सकती है और राजनीति इसे रोकती नही है ! क्योंकि उन्हें इनसे चुनाव मे "नोट मिलते है ! ◆राजनीति मे जितने के लिए "वोट" चाहिए, तथा वोट "नोट" से मिलते है, तो भ्रष्टाचार और बढ़ता है ! ◆जनता ने "वोट" देते समय अपना "ईमान" बेच रही है, तो नेता "वोट" लेने के बाद अपना "ईमान" बेच रहे है, क्योंकि जिनसे नेताओं ने चन्दा लिया उनका काम करना है व वापस चुनाव जितने के लिए अमीरों का पक्ष लेना है ! ■■इस प्रकार भ्रष्टाचार पर भ्रष्टाचार बढ़ रहा है व अमीर - गरीब की खाई बडी हो रही हैं, जिससे जन समस्या खत्म होने के स्थान पर और बढ़ रही हैं !■■ इसका उदाहरण :- "नाम में क्या रखा है" काम से व्यक्ति का नाम बोलता है के मुहावरे को सहीराम मीणा ने सत्य कर दिखाया.... पद का दुरुपयोग करते हुए 300 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति का संग्रह और रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार नाम से सहीराम लेकिन काम से बिल्कुल भी सही नहीं... नकदी भी 500 और 2000 के नए नोटों में पकड़ी गई... अब समझ में नहीं आ रहा है कि काला धन देश के बाहर है या देश में है.... सदियों से अपने आपको शोषित बताकर पद मिलते ही लोगों का खुला शोषण करने वाले किस मुंह से ईमानदारी की बातें करते हैं इसका जीता जागता उदाहरण है सहीराम मीणा.... पिछले 4 सालों में चपरासी से लेकर अधिकारी तक जो भी पकड़ा गया संपत्ति करोड़ों में ही मिली है.... ज्यादा अच्छा हो की सरकार संसद से एक कानून पारित कर ऐसी सारी संपत्ति गरीब एवं शहीद हित कोष में जमा कर उनकी भलाई पर कार्य करें तो देश से गरीबी भी मिट जाएगी और शहीद होने वाले परिवारों को आर्थिक मदद भी मिल जाएगी.... कई सारे अधिकारी जो पकड़े नहीं जाते हैं इसी संपत्ति के बल पर सफेदपोश बनकर विधानसभा एवं संसद में पहुंचकर कानून बनाने की शक्तियां भी पा लेते हैं... सरकार को एक सर्जिकल स्ट्राइक ऐसे चोरों पर भी कर देनी चाहिए
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